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==मध्य भारत का पठार==
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मध्य भारत का पठार भारतीय उपमहाद्वीप के ह्रदयस्थल में स्थित यह पठार संकुल मध्यवर्ती उच्चभूमि का उत्तरी भाग निर्मित करता है। यह लगभग 57000 वर्ग किमी में फैला हुआ है और इसमें पश्चिमोत्तर [[मध्य प्रदेश]] तथा मध्य [[राजस्थान]] राज्य के अधिकांश भाग शामिल हैं। यह पठार पश्चिम में पूर्वी राजस्थान उच्चभूमि, उत्तर में ऊपरी गांगेय मैदान, पूर्व में [[बुंदेलखंड]] उच्चभूमि और दक्षिण में [[मालवा पठार|मालवा के पठार]] से घिरा हुआ है। इसकी मुख्य ढाल उत्तर में [[यमुना]] के मैदानों की ओर है। उत्तरी तथा मध्य भाग [[चंबल नदी|चंबल]], [[बेतवा नदी|बेतवा]], [[केन नदी|केन]], टोन्स और [[सोन नदी|सोन]] नदियों द्वारा अपवाहित है। दक्षिण पश्चिम में [[साबरमती नदी|साबरमती]], [[माही नदी|माही]], [[नर्मदा नदी|मर्मदा]], [[ताप्ती नदी]] तंत्र प्रमुख हैं। [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] तंत्र दक्षिण पूर्वी भाग को अपवाहित करता है।  
मध्य भारत का पठार भारतीय उपमहाद्वीप के हृदयस्थल में स्थित यह पठार संकुल मध्यवर्ती उच्चभूमि का उत्तरी भाग निर्मित करता है। यह लगभग 57000 वर्ग किमी में फैला हुआ है और इसमें पश्चिमोत्तर [[मध्य प्रदेश]] तथा मध्य [[राजस्थान]] राज्य के अधिकांश भाग शामिल हैं। यह पठार पश्चिम में पूर्वी राजस्थान उच्चभूमि, उत्तर में ऊपरी गांगेय मैदान, पूर्व में [[बुंदेलखंड]] उच्चभूमि और दक्षिण में [[मालवा पठार|मालवा के पठार]] से घिरा हुआ है। इसकी मुख्य ढाल उत्तर में [[यमुना]] के मैदानों की ओर है। उत्तरी तथा मध्य भाग [[चंबल नदी|चंबल]], [[बेतवा नदी|बेतवा]], [[केन नदी|केन]], टोन्स और [[सोन नदी|सोन]] नदियों द्वारा अपवाहित है। दक्षिण पश्चिम में [[साबरमती नदी|साबरमती]], [[माही नदी|माही]], [[नर्मदा नदी|मर्मदा]], [[ताप्ती नदी]] तंत्र प्रमुख हैं। [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] तंत्र दक्षिण पूर्वी भाग को अपवाहित करता है।  
==भाषा==
==भाषा==
[[हिन्दी]] राजकीय और सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। पूर्वी हिन्दी, [[अवधी भाषा|अवधी]] व [[बघेली बोली|बघेली]] बोलियों का प्रतिनिधित्व करती है और [[बघेलखंड]], [[सतपुड़ा की पहाड़ियाँ|सतपुड़ा]] व नर्मदा घाटी में बोली जाती है। बुंदेली पश्चिमी हिन्दी की बोली है और मध्य प्रदेश के मध्यवर्ती व पश्चिमोत्तर ज़िलों में बोली जाती है। [[भील]], भीली और [[गोंड]], गोंडी बोलते हैं। बोलने वालों की संख्या के हिसाब से दूसरी सबसे बड़ी महत्त्वपूर्ण भाषा [[मराठी भाषा|मराठी]] है। [[उर्दू भाषा|उर्दू]], [[उड़िया भाषा|उड़िया]], [[गुजराती भाषा|गुजराती]] और [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]] बोलने वाले लोग भी यहाँ पर काफ़ी संख्या में हैं। इसके अलावा [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]], [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]], [[तमिल भाषा|तमिल]] और [[मलयालम भाषा|मलयालम]] भी बोली जाती है। इनके अतिरिक्त [[छत्तीसगढ़]] राज्य में [[छत्तीसगढ़ी भाषा]] बोली जाती है। छत्तीसगढ़ी की मुख्य उपबोलियाँ सुरगुजिया, सदरी, बैगानी, बिंझवाली आदि हैं।  
[[हिन्दी]] राजकीय और सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। पूर्वी हिन्दी, [[अवधी भाषा|अवधी]] व [[बघेली बोली|बघेली]] बोलियों का प्रतिनिधित्व करती है और [[बघेलखंड]], [[सतपुड़ा की पहाड़ियाँ|सतपुड़ा]] व नर्मदा घाटी में बोली जाती है। बुंदेली पश्चिमी हिन्दी की बोली है और मध्य प्रदेश के मध्यवर्ती व पश्चिमोत्तर ज़िलों में बोली जाती है। [[भील]], भीली और [[गोंड]], गोंडी बोलते हैं। बोलने वालों की संख्या के हिसाब से दूसरी सबसे बड़ी महत्त्वपूर्ण भाषा [[मराठी भाषा|मराठी]] है। [[उर्दू भाषा|उर्दू]], [[उड़िया भाषा|उड़िया]], [[गुजराती भाषा|गुजराती]] और [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]] बोलने वाले लोग भी यहाँ पर काफ़ी संख्या में हैं। इसके अलावा [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]], [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]], [[तमिल भाषा|तमिल]] और [[मलयालम भाषा|मलयालम]] भी बोली जाती है। इनके अतिरिक्त [[छत्तीसगढ़]] राज्य में [[छत्तीसगढ़ी भाषा]] बोली जाती है। छत्तीसगढ़ी की मुख्य उपबोलियाँ सुरगुजिया, सदरी, बैगानी, बिंझवाली आदि हैं।  

09:56, 24 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण

मध्य भारत में भारत के मुख्यत: दो राज्य मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ आते हैं। मध्य भारत में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं जिसमें 29 मध्य प्रदेश और 11 छत्तीसगढ़ के अंतर्गत आती है। वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश के ही कुछ इलाक़ों को अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था। उसी के साथ बिहार में से झारखंड और उत्तर प्रदेश में से उत्तराखंड का भी गठन हुआ।[1]

मध्य भारत का पठार

मध्य भारत का पठार भारतीय उपमहाद्वीप के हृदयस्थल में स्थित यह पठार संकुल मध्यवर्ती उच्चभूमि का उत्तरी भाग निर्मित करता है। यह लगभग 57000 वर्ग किमी में फैला हुआ है और इसमें पश्चिमोत्तर मध्य प्रदेश तथा मध्य राजस्थान राज्य के अधिकांश भाग शामिल हैं। यह पठार पश्चिम में पूर्वी राजस्थान उच्चभूमि, उत्तर में ऊपरी गांगेय मैदान, पूर्व में बुंदेलखंड उच्चभूमि और दक्षिण में मालवा के पठार से घिरा हुआ है। इसकी मुख्य ढाल उत्तर में यमुना के मैदानों की ओर है। उत्तरी तथा मध्य भाग चंबल, बेतवा, केन, टोन्स और सोन नदियों द्वारा अपवाहित है। दक्षिण पश्चिम में साबरमती, माही, मर्मदा, ताप्ती नदी तंत्र प्रमुख हैं। गोदावरी तंत्र दक्षिण पूर्वी भाग को अपवाहित करता है।

भाषा

हिन्दी राजकीय और सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। पूर्वी हिन्दी, अवधीबघेली बोलियों का प्रतिनिधित्व करती है और बघेलखंड, सतपुड़ा व नर्मदा घाटी में बोली जाती है। बुंदेली पश्चिमी हिन्दी की बोली है और मध्य प्रदेश के मध्यवर्ती व पश्चिमोत्तर ज़िलों में बोली जाती है। भील, भीली और गोंड, गोंडी बोलते हैं। बोलने वालों की संख्या के हिसाब से दूसरी सबसे बड़ी महत्त्वपूर्ण भाषा मराठी है। उर्दू, उड़िया, गुजराती और पंजाबी बोलने वाले लोग भी यहाँ पर काफ़ी संख्या में हैं। इसके अलावा तेलुगु, बांग्ला, तमिल और मलयालम भी बोली जाती है। इनके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ राज्य में छत्तीसगढ़ी भाषा बोली जाती है। छत्तीसगढ़ी की मुख्य उपबोलियाँ सुरगुजिया, सदरी, बैगानी, बिंझवाली आदि हैं।

मुख्य पर्यटन स्थल

मध्य भारत में कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, भीमबेटका गुफ़ाएँ, साँची, महाकालेश्वर, उदयगिरि गुफ़ाएँ, खजुराहो, दंतेश्वरी मंदिर, अमृतधारा जल प्रपात, जोगीमारा गुफ़ाएँ, चित्रकूट जलप्रपात, राजिम, चित्रकूट जलप्रपात आदि मुख्य पर्यटन स्थल हैं।

इन्हें भी देखें: दक्षिण भारत, पूर्वी भारत, पश्चिम भारत, पूर्वोत्तर भारत एवं उत्तर भारत


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मध्य भारत (हिंदी) बीबीसी हिंदी। अभिगमन तिथि: 9 नवम्बर, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख