"उदयादित्य": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''उदयादित्य''' मालवा का राजा था, जिसने जयसिंह के बाद...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (श्रेणी:चरित्र कोश; Adding category Category:चरित कोश (को हटा दिया गया हैं।))
पंक्ति 17: पंक्ति 17:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==


[[Category:परमार वंश]][[Category:चरित्र कोश]]
[[Category:परमार वंश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:चरित कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

08:42, 8 दिसम्बर 2013 का अवतरण

उदयादित्य मालवा का राजा था, जिसने जयसिंह के बाद राजधानी से मालवा पर राज किया था। उदयादित्य को अभिलेखों में 'भोज का 'बंधु' कहा गया है। कुछ आश्चर्य नहीं, जो वह परमारों की दूसरी शाखा का रहा हो।

  • चालुक्यों से उदयादित्य का संघर्ष पहले से ही चल रहा था और मालवा उसके आधिपत्य से अभी हाल ही अलग हुआ था।
  • जब उदयादित्य लगभग 1059 ई. में गद्दी पर बैठा, तब उसने मालवा की शक्ति को पुन: स्थापित करने का संकल्प करके चालुक्यराज कर्ण पर सफल चढ़ाई की।
  • कुछ लोग इस कर्ण को चालुक्य न मानकर कलचुरि वंश का लक्ष्मीकर्ण मानते हैं। इस संबंध में कुछ निश्चयपूर्वक नहीं कहा जा सकता। इसमें संदेह है कि उदयादित्य ने कर्ण को परास्त कर दिया।
  • उदयादित्य का यह प्रयास परमारों का अंतिम प्रयास था और लगभग 1088 ई. में उसकी मृत्यु के बाद परमार वंश की शक्ति उत्तरोत्तर क्षीण होती गई।
  • उदयपुर और नागपुर के अभिलखों में इसका उल्लेख राजा भोज के उत्तरधिकारी के रूप में हुआ है।[1]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

उदयादित्य (हिंदी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 8 दिसम्बर, 2013।

  1. ओंकारनाथ उपाध्याय, हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2, पृष्ठ संख्या 91

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख