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इस पुरस्कार की स्थापना राष्ट्रपति द्वारा 2 जनवरी 1954 में की गयी थी। 1955 में इसमें कुछ फेरबदल किए गये। प्रारम्भिक पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के प्रमाण अनुपलब्ध हैं। 1977-1980 और 1992-1998 के बीच यह पुरस्कार स्थगित रहे। 2009 के अंत तक यह पुरस्कार केवल 264 व्यक्तियों को ही दिये गये। | इस पुरस्कार की स्थापना राष्ट्रपति द्वारा 2 जनवरी 1954 में की गयी थी। 1955 में इसमें कुछ फेरबदल किए गये। प्रारम्भिक पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के प्रमाण अनुपलब्ध हैं। 1977-1980 और 1992-1998 के बीच यह पुरस्कार स्थगित रहे। 2009 के अंत तक यह पुरस्कार केवल 264 व्यक्तियों को ही दिये गये। | ||
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यह पदक 1954 से 1955 तक ही दिया गया। यह स्वर्ण द्वारा निर्मित एक गोल पदक था। जिसका व्यास 1-3/8" था। इसके मध्य में उभरा हुआ [[कमल]] का फूल, उपर लिखा हुआ '''पद्म विभूषण''' और नीचे पुष्पहार अंकित था। पदक के दूसरी ओर भारत सरकार का चिन्ह, ऊपर '''देश सेवा''' अंकित था और नीचे कमल की माला अंकित थी। यह प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं कि इस स्वरूप का पदक प्राप्तकर्ताओं को दिया गया अथवा नहीं। | |||
'''द्वितीय पदक''' | यह पदक 1954 से 1955 तक ही दिया गया। यह स्वर्ण द्वारा निर्मित एक गोल पदक था। जिसका व्यास 1-3/8" था। इसके मध्य में उभरा हुआ [[कमल]] का फूल, उपर लिखा हुआ '''पद्म विभूषण''' और नीचे पुष्पहार अंकित था। पदक के दूसरी ओर भारत सरकार का चिन्ह, ऊपर '''देश सेवा''' अंकित था और नीचे कमल की माला अंकित थी। यह प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं कि इस स्वरूप का पदक प्राप्तकर्ताओं को दिया गया अथवा नहीं।<br /> | ||
1955 में पदक के स्वरूप में बदलाव किया गया। 1-3/16" व्यास के, ज्यामिति स्वरूप वाले कांस्य वर्ण के पदक का प्रयोग किया गया जिसके मध्य में कमल की चार उभरी हुयी पत्तियाँ सफेद सोने में बनी थीं। इस फूल के ऊपर और नीचे रजत रंग में पद्म विभूषण अंकित था। | |||
'''वर्तमान पदक''' | '''द्वितीय पदक'''<br /> | ||
1955 में पदक के स्वरूप में बदलाव किया गया। 1-3/16" व्यास के, ज्यामिति स्वरूप वाले कांस्य वर्ण के पदक का प्रयोग किया गया जिसके मध्य में कमल की चार उभरी हुयी पत्तियाँ सफेद सोने में बनी थीं। इस फूल के ऊपर और नीचे रजत रंग में पद्म विभूषण अंकित था।<br /> | |||
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1957 में इस पदक में सुधार कर इसके प्रचलित कांस्य वर्ण को चमकते हुए कांस्य वर्ण में बदल दिया गया। | 1957 में इस पदक में सुधार कर इसके प्रचलित कांस्य वर्ण को चमकते हुए कांस्य वर्ण में बदल दिया गया। | ||
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10:40, 18 जुलाई 2010 का अवतरण
पद्म विभूषण पद्मविभूषण भारत का दूसरा उच्च नागरिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। इस पुरस्कार में एक पदक और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।इस पुरस्कार की स्थापना 2 जनवरी 1954 में की गयी थी। भारत रत्न के बाद यह दूसरा प्रतिष्ठित पुरस्कार है। पद्म विभूषण के बाद तीसरा नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण है। यह पुरस्कार किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इसमें सरकारी कर्मचारियों द्वारा की गई सेवाएं भी शामिल हैं।
इतिहास
इस पुरस्कार की स्थापना राष्ट्रपति द्वारा 2 जनवरी 1954 में की गयी थी। 1955 में इसमें कुछ फेरबदल किए गये। प्रारम्भिक पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के प्रमाण अनुपलब्ध हैं। 1977-1980 और 1992-1998 के बीच यह पुरस्कार स्थगित रहे। 2009 के अंत तक यह पुरस्कार केवल 264 व्यक्तियों को ही दिये गये।
पदक का विवरण
प्रथम पदक
यह पदक 1954 से 1955 तक ही दिया गया। यह स्वर्ण द्वारा निर्मित एक गोल पदक था। जिसका व्यास 1-3/8" था। इसके मध्य में उभरा हुआ कमल का फूल, उपर लिखा हुआ पद्म विभूषण और नीचे पुष्पहार अंकित था। पदक के दूसरी ओर भारत सरकार का चिन्ह, ऊपर देश सेवा अंकित था और नीचे कमल की माला अंकित थी। यह प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं कि इस स्वरूप का पदक प्राप्तकर्ताओं को दिया गया अथवा नहीं।
द्वितीय पदक
1955 में पदक के स्वरूप में बदलाव किया गया। 1-3/16" व्यास के, ज्यामिति स्वरूप वाले कांस्य वर्ण के पदक का प्रयोग किया गया जिसके मध्य में कमल की चार उभरी हुयी पत्तियाँ सफेद सोने में बनी थीं। इस फूल के ऊपर और नीचे रजत रंग में पद्म विभूषण अंकित था।
वर्तमान पदक
1957 में इस पदक में सुधार कर इसके प्रचलित कांस्य वर्ण को चमकते हुए कांस्य वर्ण में बदल दिया गया।