"उरगपुर": अवतरणों में अंतर
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*एपिग्राफ़िका इंडिका 10,103 में उरगपुर को [[अशोक]] कालीन चोल देश की राजधानी बताया है, जिसे 'उरयियूर' भी कहते थे। यह 'त्रिशिरापल्ली' और '[[त्रिचनापल्ली]]' का ही प्राचीन नाम था। | *एपिग्राफ़िका इंडिका 10,103 में उरगपुर को [[अशोक]] कालीन चोल देश की राजधानी बताया है, जिसे 'उरयियूर' भी कहते थे। यह 'त्रिशिरापल्ली' और '[[त्रिचनापल्ली]]' का ही प्राचीन नाम था। | ||
*[[करिकाल|करिकाल चोल]] ने [[पांड्य|पांड्यों]] का आधिपत्य हटाकर उरगपुर को वीरान कर दिया था।<ref>{{cite web |url=http:// | *[[करिकाल|करिकाल चोल]] ने [[पांड्य|पांड्यों]] का आधिपत्य हटाकर उरगपुर को वीरान कर दिया था।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%89%E0%A4%B0%E0%A4%97%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0|title=उरगपुर|accessmonthday=04 फ़रवरी|accessyear=2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | ||
*इसी नगर के निकट से चोलों की शक्ति का उत्कर्ष 850 ई. से पहले [[विजयालय]] ने किया। | *इसी नगर के निकट से चोलों की शक्ति का उत्कर्ष 850 ई. से पहले [[विजयालय]] ने किया। | ||
*मल्लिनाथ का [[नागपुर]] वर्तमान 'नेगापटम'<ref>ज़िला राजमहेन्द्री- मद्रास</ref>है। | *मल्लिनाथ का [[नागपुर]] वर्तमान 'नेगापटम'<ref>ज़िला राजमहेन्द्री- मद्रास</ref>है। |
12:24, 25 अक्टूबर 2017 का अवतरण
उरगपुर चोल साम्राज्य की तीन राजधानियों में से पहली थी। महाकवि कालिदास ने 'उरग' का अपने महाकाव्य 'रघुवंश'[1] में उल्लेख किया है। उरगपुर का वर्तमान प्रतिनिध त्रिचनापल्ली के पास 'उरय्युर' है।
- एक समय 'उरगपुर' पल्लवों के अधिकार में था। जब उनकी चालुक्यों से शत्रुता चल रही थी, तब जैसा कि चालुक्य अभिलेख[2] से प्रकट है कि चालुक्य राज विक्रमादित्य प्रथम ने कांची पर तो अधिकार कर ही लिया, 'महामल्ल' के कुल का नाश करता हुआ वह उरगपुर तक जा पहुँचा था।
- कालिदास ने रघुवंश में इस प्रकार उरग का उल्लेख किया है-
- 'अथोरगाख्यपुरस्य नाथं दौवारिकी देवसरूपमेत्य, इतश्चकोराक्षि विलोकयेति पूर्वानुशिष्टां निजगाद भोज्याम्'।
- मल्लिनाथ ने इसकी टीका करते हुए लिखा है,
- 'उरगाख्यस्त पुरस्यपंड्यदेशे कान्यकुब्जतीरवर्ति नागपुरस्य'।
- इससे ज्ञात होता है कि 'उरगपुर' कान्यकुब्ज नदी के तट पर बसा हुआ था।
- एपिग्राफ़िका इंडिका 10,103 में उरगपुर को अशोक कालीन चोल देश की राजधानी बताया है, जिसे 'उरयियूर' भी कहते थे। यह 'त्रिशिरापल्ली' और 'त्रिचनापल्ली' का ही प्राचीन नाम था।
- करिकाल चोल ने पांड्यों का आधिपत्य हटाकर उरगपुर को वीरान कर दिया था।[3]
- इसी नगर के निकट से चोलों की शक्ति का उत्कर्ष 850 ई. से पहले विजयालय ने किया।
- मल्लिनाथ का नागपुर वर्तमान 'नेगापटम'[4]है।
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