"आस्य": अवतरणों में अंतर
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|व्याकरण=[संस्कृतभाषा धातु अस् +ण्यत्], विशेषण- मुख सम्बन्धी। | |व्याकरण=[संस्कृतभाषा धातु अस् +ण्यत्], विशेषण- मुख सम्बन्धी। | ||
|उदाहरण=जैसे- '''आस्य''' की पवित्रता | |उदाहरण=जैसे- '''आस्य''' की पवित्रता | ||
|विशेष=मुख के उस भाग को '''आस्य''' कहते | |विशेष=मुख के उस भाग को '''आस्य''' कहते हैं, जिससे वर्णोंच्चारण किया जाता है। | ||
|पर्यायवाची=मुख मंडल, आँख नाक, आगा, आनन, आस्य, चेहरा, मोहरा, चौखटा, नक़ूश, नाक, नक़्श, नोक पलक, मस्तक ठोडी भाग, मुँह, मुख, मुखड़ा, मुखाकृति, मूरत, वदन, सूरत | |पर्यायवाची=मुख मंडल, आँख नाक, आगा, आनन, आस्य, चेहरा, मोहरा, चौखटा, नक़ूश, नाक, नक़्श, नोक पलक, मस्तक ठोडी भाग, मुँह, मुख, मुखड़ा, मुखाकृति, मूरत, वदन, सूरत | ||
|संस्कृत=आस्यम् [अस्यते ग्रासोऽत्र-अस्+ण्यत्], मुँह, जबड़ा-<ref>आस्यकुहरे विवृतास्यः</ref>, चेहरा<ref>आस्यकमलम</ref>, मुँह<ref>विवर-ब्रणास्यम्, अङ्कास्यम्</ref> आदि। | |संस्कृत=आस्यम् [अस्यते ग्रासोऽत्र-अस्+ण्यत्], मुँह, जबड़ा-<ref>आस्यकुहरे विवृतास्यः</ref>, चेहरा<ref>आस्यकमलम</ref>, मुँह<ref>विवर-ब्रणास्यम्, अङ्कास्यम्</ref> आदि। |
08:50, 20 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण
हिन्दी | मुख, चेहरा, मुख का वह भाग जिससे वर्णों का उच्चारण किया जाता है, तालु आदि। |
-व्याकरण | [संस्कृतभाषा धातु अस् +ण्यत्], विशेषण- मुख सम्बन्धी। |
-उदाहरण | जैसे- आस्य की पवित्रता |
-विशेष | मुख के उस भाग को आस्य कहते हैं, जिससे वर्णोंच्चारण किया जाता है। |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | मुख मंडल, आँख नाक, आगा, आनन, आस्य, चेहरा, मोहरा, चौखटा, नक़ूश, नाक, नक़्श, नोक पलक, मस्तक ठोडी भाग, मुँह, मुख, मुखड़ा, मुखाकृति, मूरत, वदन, सूरत |
संस्कृत | आस्यम् [अस्यते ग्रासोऽत्र-अस्+ण्यत्], मुँह, जबड़ा-[1], चेहरा[2], मुँह[3] आदि। |
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