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एलोरा का '''कैलाश मन्दिर''' | [[एलोरा]] का '''कैलाश मन्दिर''' [[महाराष्ट्र]] के [[औरंगाबाद ज़िला, महाराष्ट्र|औरंगाबाद ज़िले]] में प्रसिद्ध '[[एलोरा की गुफ़ाएँ|एलोरा की गुफ़ाओं]]' में स्थित है। यह मंदिर दुनिया भर में एक ही पत्थर की शिला से बनी हुई सबसे बड़ी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर को तैयार करने में क़रीब 150 [[वर्ष]] लगे और लगभग 7000 मजदूरों ने लगातार इस पर काम किया। पच्चीकारी की दृष्टि से कैलाश मन्दिर अद्भुत है। मंदिर एलोरा की गुफ़ा संख्या 16 में स्थित है। | ||
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इन गुफ़ाओं में केवल एक गुफ़ा 12 मंजिली है, जिसे 'कैलाश मंदिर' कहा जाता है। यह गुफ़ा शिल्प कला का अद्भुत नमूना है। एक ही चट्टान में काट कर बनाए गए विशाल मंदिर की प्रत्येक मूर्ति का शिल्प उच्च कोटि का है। इन गुफ़ाओं से एक किलोमीटर की दूरी पर [[एलोरा|एलोरा गाँव]] है। इसी गाँव के नाम पर ये '[[एलोरा की गुफ़ाएँ|एलोरा गुफ़ाएँ]]' कहलाती हैं। | |||
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कैलाश मंदिर को छोड़कर शेष मंदिर 600-750 ई. के आस-पास बने बताए जाते हैं। एलोरा की मूर्तिकला अनुपम है। [[गुप्त काल]] के बाद इतना भव्य निर्माण और किसी काल खंड में नहीं हुआ। एलोरा की गुफ़ाओं का सीधा संबंध [[बौद्ध]], [[हिन्दू]] और [[जैन धर्म]] से है, इसलिए इन धर्मों के अनुयायियों की यहाँ भीड़ लगी रहती है। इसके अतिरिक्त देशी-विदेशी पर्यटकों की भी यहाँ पूरे साल चहल-पहल रहती है। इन गुफ़ाओं में इतना आकर्षण और कौशल है कि यहाँ आने वाले सभी पर्यटक इन्हें देखकर चकित हो उठते हैं। पूरा क्षेत्र बहुत खुला और शांत है। एलोरा के पास ही 'घृष्णेश्वर महादेव' का मंदिर है।<ref>{{cite web |url=http://www.divyahimachal.com/careers-and-jobs/spirituality/%E0%A4%8F%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%AB%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B0/|title=एलोरा गुफ़ा मंदिर|accessmonthday=25 फ़रवरी|accessyear=2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | |||
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12:07, 25 फ़रवरी 2014 का अवतरण
एलोरा का कैलाश मन्दिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में प्रसिद्ध 'एलोरा की गुफ़ाओं' में स्थित है। यह मंदिर दुनिया भर में एक ही पत्थर की शिला से बनी हुई सबसे बड़ी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर को तैयार करने में क़रीब 150 वर्ष लगे और लगभग 7000 मजदूरों ने लगातार इस पर काम किया। पच्चीकारी की दृष्टि से कैलाश मन्दिर अद्भुत है। मंदिर एलोरा की गुफ़ा संख्या 16 में स्थित है।
गुफ़ाएँ
एलोरा में तीन प्रकार की गुफ़ाएँ हैं-
- महायानी बौद्ध गुफ़ाएँ
- पौराणिक हिंदू गुफ़ाएँ
- दिगंबर जैन गुफ़ाएँ
इन गुफ़ाओं में केवल एक गुफ़ा 12 मंजिली है, जिसे 'कैलाश मंदिर' कहा जाता है। यह गुफ़ा शिल्प कला का अद्भुत नमूना है। एक ही चट्टान में काट कर बनाए गए विशाल मंदिर की प्रत्येक मूर्ति का शिल्प उच्च कोटि का है। इन गुफ़ाओं से एक किलोमीटर की दूरी पर एलोरा गाँव है। इसी गाँव के नाम पर ये 'एलोरा गुफ़ाएँ' कहलाती हैं।
मूर्तिकला
कैलाश मंदिर को छोड़कर शेष मंदिर 600-750 ई. के आस-पास बने बताए जाते हैं। एलोरा की मूर्तिकला अनुपम है। गुप्त काल के बाद इतना भव्य निर्माण और किसी काल खंड में नहीं हुआ। एलोरा की गुफ़ाओं का सीधा संबंध बौद्ध, हिन्दू और जैन धर्म से है, इसलिए इन धर्मों के अनुयायियों की यहाँ भीड़ लगी रहती है। इसके अतिरिक्त देशी-विदेशी पर्यटकों की भी यहाँ पूरे साल चहल-पहल रहती है। इन गुफ़ाओं में इतना आकर्षण और कौशल है कि यहाँ आने वाले सभी पर्यटक इन्हें देखकर चकित हो उठते हैं। पूरा क्षेत्र बहुत खुला और शांत है। एलोरा के पास ही 'घृष्णेश्वर महादेव' का मंदिर है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ एलोरा गुफ़ा मंदिर (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 25 फ़रवरी, 2014।
बाहरी कड़ियाँ
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