"वैश्यानाथ": अवतरणों में अंतर
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*यह | *यह वेश्या भगवान शिव की परम [[भक्त]] थी। | ||
*एक बार शिव वैश्यानाथ का रूप धारण करके उसकी परीक्षा लेने के लिए पहुँचे। | *एक बार शिव वैश्यानाथ का रूप धारण करके उसकी परीक्षा लेने के लिए पहुँचे। | ||
*भगवान ने एक सुन्दर कंकण धारण कर रखा था। | *भगवान ने एक सुन्दर कंकण धारण कर रखा था। | ||
* | *वेश्या नंदा ने वह कंकण माँगा और उसके बदले में तीन रात तक भगवान की पत्नी बनना स्वीकार किया। | ||
*वैश्यानाथ ने उसे रत्नजड़ित लिंग भी प्रदान किया, जिसे उसने शिवमन्दिर में स्थापित कर दिया। | *वैश्यानाथ ने उसे रत्नजड़ित लिंग भी प्रदान किया, जिसे उसने शिवमन्दिर में स्थापित कर दिया। | ||
*वैश्यानाथ ने रात को लीला से शिवमन्दिर में [[अग्नि]] उपजाई, जिससे [[द्वादश ज्योतिर्लिंग|लिंग]] भस्म हो गया। | *वैश्यानाथ ने रात को लीला से शिवमन्दिर में [[अग्नि]] उपजाई, जिससे [[द्वादश ज्योतिर्लिंग|लिंग]] भस्म हो गया। |
08:19, 3 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
- शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव का एक अवतार वैश्यानाथ भी है।
- नंदी ग्राम में 'नंदा' नामक एक वेश्या रहती थी, जिसने एक बंदर और एक कुत्ता पाला हुआ था।
- यह वेश्या भगवान शिव की परम भक्त थी।
- एक बार शिव वैश्यानाथ का रूप धारण करके उसकी परीक्षा लेने के लिए पहुँचे।
- भगवान ने एक सुन्दर कंकण धारण कर रखा था।
- वेश्या नंदा ने वह कंकण माँगा और उसके बदले में तीन रात तक भगवान की पत्नी बनना स्वीकार किया।
- वैश्यानाथ ने उसे रत्नजड़ित लिंग भी प्रदान किया, जिसे उसने शिवमन्दिर में स्थापित कर दिया।
- वैश्यानाथ ने रात को लीला से शिवमन्दिर में अग्नि उपजाई, जिससे लिंग भस्म हो गया।
- इस समाचार से दुखी होकर वैश्यानाथ अग्नि में जलकर प्राण त्यागने के लिए उद्यत हो गए।
- नंदा ने तीन दिन तक उनकी पत्नी बने रहने का प्रण लिया था, अत: वह भी उनके ही साथ में सती होने की तैयारी करने लगी।
- प्रसन्न होकर शिव ने उसे उसके पापों का मोचन करके उसे अपना लोक प्रदान किया।
- शिव का वह अवतार "वैश्यानाथ" नाम से विख्यात है।
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