"यांत्रिकी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('यांत्रिकी भौतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें पिण्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
==मापन–पद्धति==
==मापन–पद्धति==
हमें मापन की आवश्यकता क्यों पड़ती है? सुस्पष्ट है, कि हमारी ज्ञानेन्द्रियाँ किन्हीं दो वस्तुओं के एक जैसे गुण का तुलनात्मक अनुमान करने में तो सक्षम हैं, परन्तु यह अनुमान ठीक ही हो, यह आवश्यक नहीं है। जैसे पूछा जाए कि बकरी व गाय में कौन बड़ा है, तो हमारा उत्तर होगा कि गाय बड़ी है। परन्तु यदि लगभग एक समान दो गेंदें दी जाएँ तो उनमें छोटे–बड़े का अनुमान लगाना बड़ा कठिन कार्य है। छोटे–बड़े की पहचान केवल अनुमान से नहीं हो सकती, अतः माप–तौल की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार कोई घटना किस समय घटी, इसको व्यक्त करने के लिए समय की माप की आवश्यकता होती है। वास्तव में माप–तौल विज्ञान का आधार है।
हमें मापन की आवश्यकता क्यों पड़ती है? सुस्पष्ट है, कि हमारी ज्ञानेन्द्रियाँ किन्हीं दो वस्तुओं के एक जैसे गुण का तुलनात्मक अनुमान करने में तो सक्षम हैं, परन्तु यह अनुमान ठीक ही हो, यह आवश्यक नहीं है। जैसे पूछा जाए कि बकरी व गाय में कौन बड़ा है, तो हमारा उत्तर होगा कि गाय बड़ी है। परन्तु यदि लगभग एक समान दो गेंदें दी जाएँ तो उनमें छोटे–बड़े का अनुमान लगाना बड़ा कठिन कार्य है। छोटे–बड़े की पहचान केवल अनुमान से नहीं हो सकती, अतः माप–तौल की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार कोई घटना किस समय घटी, इसको व्यक्त करने के लिए समय की माप की आवश्यकता होती है। वास्तव में माप–तौल विज्ञान का आधार है।
 
==मात्रक==
{{main|मात्रक}}
किसी भौतिक राशि को व्यक्त करने के लिए उसी प्रकार की राशि के मात्रक की आवश्यकता होती है। प्रत्येक राशि की माप के लिए उसी राशि को कोई मानक मान चुन लिया जाता है। इस मानक को मात्रक कहते हैं।
[[Category:नया पन्ना]][[Category:भौतिक विज्ञान]][[Category:विज्ञान कोश]]
[[Category:नया पन्ना]][[Category:भौतिक विज्ञान]][[Category:विज्ञान कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

07:56, 3 अगस्त 2010 का अवतरण

यांत्रिकी भौतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें पिण्डों पर बल लगाने या विस्थापित करने पर उनके व्यवहार का अध्ययन करती है। यांत्रिकी की जड़ें कई प्राचीन सभ्यताओं से निकली हैं।

मापन–पद्धति

हमें मापन की आवश्यकता क्यों पड़ती है? सुस्पष्ट है, कि हमारी ज्ञानेन्द्रियाँ किन्हीं दो वस्तुओं के एक जैसे गुण का तुलनात्मक अनुमान करने में तो सक्षम हैं, परन्तु यह अनुमान ठीक ही हो, यह आवश्यक नहीं है। जैसे पूछा जाए कि बकरी व गाय में कौन बड़ा है, तो हमारा उत्तर होगा कि गाय बड़ी है। परन्तु यदि लगभग एक समान दो गेंदें दी जाएँ तो उनमें छोटे–बड़े का अनुमान लगाना बड़ा कठिन कार्य है। छोटे–बड़े की पहचान केवल अनुमान से नहीं हो सकती, अतः माप–तौल की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार कोई घटना किस समय घटी, इसको व्यक्त करने के लिए समय की माप की आवश्यकता होती है। वास्तव में माप–तौल विज्ञान का आधार है।

मात्रक

किसी भौतिक राशि को व्यक्त करने के लिए उसी प्रकार की राशि के मात्रक की आवश्यकता होती है। प्रत्येक राशि की माप के लिए उसी राशि को कोई मानक मान चुन लिया जाता है। इस मानक को मात्रक कहते हैं।