"रामायण सामान्य ज्ञान 3": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 60: | पंक्ति 60: | ||
-[[राम]] | -[[राम]] | ||
+[[मेघनाद]] | +[[मेघनाद]] | ||
||मेघनाद ने 'निकुंभिला' के स्थान पर जाकर 'अग्निष्टोम', '[[ | ||मेघनाद ने 'निकुंभिला' के स्थान पर जाकर 'अग्निष्टोम', '[[अश्वमेध यज्ञ|अश्वमेध]]' आदि सात [[यज्ञ]] करके [[शिव]] से अनेक वर प्राप्त किये थे। मेघनाद को [[ब्रह्मा]] के वरदान से 'ब्रह्माशिर' नाम का [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र]] और इच्छानुसार चलने वाले घोड़े प्राप्त थे। वह जिस सिद्धि को प्राप्त करने निकुंभिलादेवी के मंदिर में गया था, उसे सिद्ध करने के उपरांत [[देवता|देवताओं]] समेत [[इन्द्र]] भी उसे जीतने में असमर्थ हो जाते। ब्रह्मा ने उससे कहा था- 'हे इन्द्रजित, यदि तुम्हारा कोई शत्रु निकुंभिला में यज्ञ समाप्त करने से पूर्व तुमसे युद्ध करेगा तो तुम मारे जाओगे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मेघनाद]] | ||
{राजा [[जनक]] के भाई कुशध्वज किस नगर के राजा थे? | {राजा [[जनक]] के भाई कुशध्वज किस नगर के राजा थे? |
14:35, 23 जुलाई 2014 का अवतरण
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
पन्ने पर जाएँ
|
पन्ने पर जाएँ
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान