"हिमालय की शाखाएँ": अवतरणों में अंतर
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[[असम]] के उत्तर-पूर्व में [[हिमालय]] पर्वतमाना [[ब्रह्मपुत्र नदी]] को पार करके दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़ गई है। ये हिमालय की पूर्वी शाखाएँ हैं। उत्तर से दक्षिण की ओर फैली इस श्रेणी की मुख्य पहाड़ियों में पटकाई, मणिपुर, मीजों आदि शामिल हैं। असम में इसकी एक शाखा पूर्व से पश्चिम की ओर विस्तृत हैं जिसकी मुख्य पहाड़ियाँ गारो, ख़ासी, जयन्तियां तथा लुशाई हैं। | [[असम]] के उत्तर-पूर्व में [[हिमालय]] पर्वतमाना [[ब्रह्मपुत्र नदी]] को पार करके दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़ गई है। ये हिमालय की पूर्वी शाखाएँ हैं। उत्तर से दक्षिण की ओर फैली इस श्रेणी की मुख्य पहाड़ियों में पटकाई, मणिपुर, मीजों आदि शामिल हैं। असम में इसकी एक शाखा पूर्व से पश्चिम की ओर विस्तृत हैं जिसकी मुख्य पहाड़ियाँ [[गारो पहाड़ी|गारो]], [[ख़ासी पहाड़ियाँ|ख़ासी]], जयन्तियां तथा लुशाई हैं। | ||
==हिमालय का प्रादेशिक विभाजन== | ==हिमालय का प्रादेशिक विभाजन== | ||
प्रादेशिक दृष्टि से हिमालय पर्वतमाला को चार भागों में वर्गीकृत किया जाता है। सिडनी बुराई महोदय ने नदी घाटियों द्वारा विभाजित क्षेत्रों के आधार पर इनका निर्धारण किया हैं। ये निम्नलिखित | प्रादेशिक दृष्टि से हिमालय पर्वतमाला को चार भागों में वर्गीकृत किया जाता है। सिडनी बुराई महोदय ने नदी घाटियों द्वारा विभाजित क्षेत्रों के आधार पर इनका निर्धारण किया हैं। ये निम्नलिखित हैं- | ||
====पंजाब हिमालय==== | ====1. पंजाब हिमालय==== | ||
[[कश्मीर]] एवं [[हिमाचल प्रदेश]] में स्थित पंजाब हिमालय [[सिन्धु नदी|सिन्धु]] तथा [[सतलुज नदी|सतलुज]] नदियों के बीच 560 किमी. की लम्बाई में विस्तृत हैं। यहाँ टाटाकुटी तथा ब्रह्मसकल इसकी प्रमुख चोटियाँ हैं। इस हिमालय में [[कांगड़ा]], लाहुल तथा [[स्पीति घाटी|स्पीति की घाटियाँ]], मानसरोवर तथा राकसताल झीलें एवं [[पीर पंजाल पर्वत श्रेणी|पीर पंजाल]], छोटागली, नूरनूर, चोरगली, जामीर, [[बनिहाल दर्रा|बनिहाल]], [[रोहतांग दर्रा|रोहतांग]], बड़ालाप्चा, गुलाबघर, जोजिला तथा [[बुर्जिला दर्रा|बुर्जिल]] दर्रे पाये जाते हैं। कश्मीर स्थित जोजिला दर्रा 3,444 मीटर ऊंचा हैं। पंजाब हिमालय को किसी नदी द्वारा पार नहीं किया जा सकता हैं। | [[कश्मीर]] एवं [[हिमाचल प्रदेश]] में स्थित पंजाब हिमालय [[सिन्धु नदी|सिन्धु]] तथा [[सतलुज नदी|सतलुज]] नदियों के बीच 560 किमी. की लम्बाई में विस्तृत हैं। यहाँ टाटाकुटी तथा ब्रह्मसकल इसकी प्रमुख चोटियाँ हैं। इस हिमालय में [[कांगड़ा]], लाहुल तथा [[स्पीति घाटी|स्पीति की घाटियाँ]], मानसरोवर तथा राकसताल झीलें एवं [[पीर पंजाल पर्वत श्रेणी|पीर पंजाल]], छोटागली, नूरनूर, चोरगली, जामीर, [[बनिहाल दर्रा|बनिहाल]], [[रोहतांग दर्रा|रोहतांग]], बड़ालाप्चा, गुलाबघर, जोजिला तथा [[बुर्जिला दर्रा|बुर्जिल]] दर्रे पाये जाते हैं। कश्मीर स्थित जोजिला दर्रा 3,444 मीटर ऊंचा हैं। पंजाब हिमालय को किसी नदी द्वारा पार नहीं किया जा सकता है। | ||
====2. कुमायूँ हिमालय==== | |||
[[सतलुज नदी|सतलुज]] तथा [[काली नदी|काली]] नदियों के बीच 320 किमी की लम्बाई में कुमायूँ हिमालय का विस्तार पाया जाता है। यह हिमालय [[उत्तराखण्ड]] राज्य के [[अल्मोड़ा ज़िला|अल्मोड़ा]], [[टिहरी गढ़वाल ज़िला|टिहरी गढ़वाल]] तथा [[नैनीताल ज़िला|नैनीताल]] ज़िलों में विस्तृत हैं। इसकी मुख्य चोटियाँ हैं - [[बद्रीनाथ]] (7,040 मी.), [[केदारनाथ]] (6,831 मी.), त्रिशूल (6,707 मी.), माना (7,158 मी.), [[गंगोत्री]] (6,508 मी.), [[नंदा देवी पर्वत|नन्दा देवी]], कामेत, जानो आली, नन्दाकोट, शिबलिंग आदि। [[नंदा देवी पर्वत|नन्दा देवी]] कुमायूँ हिमालय का सर्वोच्च शिखर है। [[भागीरथी नदी|भागीरथी]] ([[गंगा]]) तथा [[यमुना]] नदियों का उद्गम क्षेत्र इसी हिमालय में स्थित हैं। दून घाटियाँ शिवालिक एवं मध्य हिमालय के बीच स्थित है। [[नैनीताल]] के निकट [[नैनीताल झील|नैनीताल]], [[भीमताल झील|भीमताल]] तथा सातताल झीलें स्थित हैं। माना एवं नति दरों द्वारा यह भाग [[तिब्बत]] के निकट हैं। | |||
====3. नेपाल अथवा मध्य हिमालय==== | |||
[[काली नदी|काली]] तथा [[तिस्ता नदी|तिस्ता]] नदियों के बीच 800 किमी.की लम्बाई में विस्तृत यह हिमालय का सबसे लम्बा प्रादेशिक विभाग है। इसकी औसत ऊंचाई 6,250 मी. हैं। इसे [[सिक्किम]], [[दार्जिलिंग]] तथा [[भूटान]] हिमालय के उपविभागों में भी वर्गीकृत किया जाता है। विश्व की सर्वोच्च पर्वत चोटियाँ [[माउण्ट एवरेस्ट]], [[कंचनजंगा]], धौलागिरि, [[मकालू]], [[अन्नपूर्णा पर्वत|अन्नपूर्णा]] आदि इसी श्रेणी में स्थित हैं। ऊँचें भागों में [[मिट्टी]] के क्षरण होने से यहाँ के उच्च भाग का धरातल वनस्पति विहीन हैं, किन्तु यहां निचले भागों, ढालों व उच्च घाटियों में [[देवदार]], स्पू्रस, फर, चीड़ आदि के कोणधारी वन मिलते हैं। काठमांडू घाटी यहाँ की प्रमुख घाटी हैं। | |||
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यह तिस्ता तथा दिहांग नदियों के बीच 750 किमी की लम्बाई में फैला हैं। इसकी प्रमुख चाटियाँ हैं - कांगड़ी, चुमलहरी, काबरू, जांग सांगला तथा पौहनी। इस हिमालय में अनेक पहाड़ियाँ भी मिलती हैं जैसे - [[नागा पहाड़ियाँ|नागा पहाड़ियाँ]], [[कोहिमा]], [[मणिपुर]], [[उत्तरी कछार की पहाड़ियाँ]], आका, मिशनी, मिजों, [[खासी पहाड़ियाँ|खासी]], जयन्तिया, मिकिर तथा [[डफला पहाड़ियाँ|डफला]] आदि की पहाड़ियाँ हैं। | |||
यह तिस्ता तथा दिहांग नदियों के बीच 750 किमी की लम्बाई में फैला हैं। इसकी प्रमुख चाटियाँ हैं - कांगड़ी, चुमलहरी, काबरू, जांग सांगला तथा पौहनी। इस हिमालय में अनेक पहाड़ियाँ भी मिलती हैं जैसे - [[नागा पहाड़ियाँ|नागा पहाड़ियाँ]], [[कोहिमा]], मणिपुर, [[उत्तरी कछार की पहाड़ियाँ]], आका, मिशनी, मिजों, [[खासी पहाड़ियाँ|खासी]], जयन्तिया, मिकिर तथा [[डफला पहाड़ियाँ|डफला]] आदि की पहाड़ियाँ हैं। | |||
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10:11, 29 अगस्त 2014 का अवतरण
हिमालय की शाखाओं को दो भागों में बाँटा जाता है -
- 1. उत्तरी पश्चिमी शाखाएँ
ये शाखाएँ सिन्धु नदी से परे उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा में विस्तृत हैं। इनमें हजारा, सुलेमाना, बुगती, किरथर तथा मेकसन सम्मिलित हैं।
- 2. उत्तरी पूर्वी शाखाएँ
असम के उत्तर-पूर्व में हिमालय पर्वतमाना ब्रह्मपुत्र नदी को पार करके दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़ गई है। ये हिमालय की पूर्वी शाखाएँ हैं। उत्तर से दक्षिण की ओर फैली इस श्रेणी की मुख्य पहाड़ियों में पटकाई, मणिपुर, मीजों आदि शामिल हैं। असम में इसकी एक शाखा पूर्व से पश्चिम की ओर विस्तृत हैं जिसकी मुख्य पहाड़ियाँ गारो, ख़ासी, जयन्तियां तथा लुशाई हैं।
हिमालय का प्रादेशिक विभाजन
प्रादेशिक दृष्टि से हिमालय पर्वतमाला को चार भागों में वर्गीकृत किया जाता है। सिडनी बुराई महोदय ने नदी घाटियों द्वारा विभाजित क्षेत्रों के आधार पर इनका निर्धारण किया हैं। ये निम्नलिखित हैं-
1. पंजाब हिमालय
कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश में स्थित पंजाब हिमालय सिन्धु तथा सतलुज नदियों के बीच 560 किमी. की लम्बाई में विस्तृत हैं। यहाँ टाटाकुटी तथा ब्रह्मसकल इसकी प्रमुख चोटियाँ हैं। इस हिमालय में कांगड़ा, लाहुल तथा स्पीति की घाटियाँ, मानसरोवर तथा राकसताल झीलें एवं पीर पंजाल, छोटागली, नूरनूर, चोरगली, जामीर, बनिहाल, रोहतांग, बड़ालाप्चा, गुलाबघर, जोजिला तथा बुर्जिल दर्रे पाये जाते हैं। कश्मीर स्थित जोजिला दर्रा 3,444 मीटर ऊंचा हैं। पंजाब हिमालय को किसी नदी द्वारा पार नहीं किया जा सकता है।
2. कुमायूँ हिमालय
सतलुज तथा काली नदियों के बीच 320 किमी की लम्बाई में कुमायूँ हिमालय का विस्तार पाया जाता है। यह हिमालय उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल तथा नैनीताल ज़िलों में विस्तृत हैं। इसकी मुख्य चोटियाँ हैं - बद्रीनाथ (7,040 मी.), केदारनाथ (6,831 मी.), त्रिशूल (6,707 मी.), माना (7,158 मी.), गंगोत्री (6,508 मी.), नन्दा देवी, कामेत, जानो आली, नन्दाकोट, शिबलिंग आदि। नन्दा देवी कुमायूँ हिमालय का सर्वोच्च शिखर है। भागीरथी (गंगा) तथा यमुना नदियों का उद्गम क्षेत्र इसी हिमालय में स्थित हैं। दून घाटियाँ शिवालिक एवं मध्य हिमालय के बीच स्थित है। नैनीताल के निकट नैनीताल, भीमताल तथा सातताल झीलें स्थित हैं। माना एवं नति दरों द्वारा यह भाग तिब्बत के निकट हैं।
3. नेपाल अथवा मध्य हिमालय
काली तथा तिस्ता नदियों के बीच 800 किमी.की लम्बाई में विस्तृत यह हिमालय का सबसे लम्बा प्रादेशिक विभाग है। इसकी औसत ऊंचाई 6,250 मी. हैं। इसे सिक्किम, दार्जिलिंग तथा भूटान हिमालय के उपविभागों में भी वर्गीकृत किया जाता है। विश्व की सर्वोच्च पर्वत चोटियाँ माउण्ट एवरेस्ट, कंचनजंगा, धौलागिरि, मकालू, अन्नपूर्णा आदि इसी श्रेणी में स्थित हैं। ऊँचें भागों में मिट्टी के क्षरण होने से यहाँ के उच्च भाग का धरातल वनस्पति विहीन हैं, किन्तु यहां निचले भागों, ढालों व उच्च घाटियों में देवदार, स्पू्रस, फर, चीड़ आदि के कोणधारी वन मिलते हैं। काठमांडू घाटी यहाँ की प्रमुख घाटी हैं।
4. असम हिमालय
यह तिस्ता तथा दिहांग नदियों के बीच 750 किमी की लम्बाई में फैला हैं। इसकी प्रमुख चाटियाँ हैं - कांगड़ी, चुमलहरी, काबरू, जांग सांगला तथा पौहनी। इस हिमालय में अनेक पहाड़ियाँ भी मिलती हैं जैसे - नागा पहाड़ियाँ, कोहिमा, मणिपुर, उत्तरी कछार की पहाड़ियाँ, आका, मिशनी, मिजों, खासी, जयन्तिया, मिकिर तथा डफला आदि की पहाड़ियाँ हैं।
हिमालय में पायी जाने वाली वनस्पतियाँ
- पश्चिमी हिमालय
देवदार, ब्लू पाइन, स्प्रेस, सिल्वर, फर जूनीपर आदि।
- पूर्वी हिमालय
ओक, लॉरेल, मैपिल, रोडोडेंड्रान्स, एल्डर, जूनीपर, वर्च विलों आदि।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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