"हिन्दी सामान्य ज्ञान 12": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 15: | पंक्ति 15: | ||
-[[तुलसीदास]] | -[[तुलसीदास]] | ||
-[[कुम्भनदास]] | -[[कुम्भनदास]] | ||
||[[चित्र:Kabirdas.jpg|right|100px|कबीर]]'कबीर' का जन्म 1440 ई. में [[वाराणसी]] में हुआ था। ये सुल्तान [[सिकन्दरशाह लोदी]] के समकालीन थे। सूरत गोपाल इनका मुख्य शिष्य था। मध्यकालीन संतों में [[कबीरदास]] का साहित्यिक एवं ऐतिहासिक योगदान निःसन्देह अविस्मरणीय है। एक महान समाज सुधारक के रूप में उन्होंने समाज में व्याप्त हर तरह की बुराइयों के ख़िलाफ़ संघर्ष किया, जिनमें | ||[[चित्र:Kabirdas.jpg|right|100px|कबीर]]'कबीर' का जन्म 1440 ई. में [[वाराणसी]] में हुआ था। ये सुल्तान [[सिकन्दरशाह लोदी]] के समकालीन थे। सूरत गोपाल इनका मुख्य शिष्य था। मध्यकालीन संतों में [[कबीरदास]] का साहित्यिक एवं ऐतिहासिक योगदान निःसन्देह अविस्मरणीय है। एक महान समाज सुधारक के रूप में उन्होंने समाज में व्याप्त हर तरह की बुराइयों के ख़िलाफ़ संघर्ष किया, जिनमें उन्हें काफ़ी हद तक सफलता भी मिली। कबीर ने [[राम]], रहीम, हज़रत, [[अल्लाह]], आदि को एक ही ईश्वर के अनेक रूप माना। उन्होंने जाति प्रथा, धार्मिक कर्मकाण्ड, बाहरी आडम्बर, मूर्तिपूजा, जप-तप, [[अवतारवाद]] आदि का घोर विरोध करते हुए '[[एकेश्वरवाद]]' में आस्था एवं निराकार ब्रह्मा की उपासना को महत्व दिया। कबीर ने ईश्वर प्राप्ति हेतु शुद्ध प्रेम, पवित्रता एवं निर्मल [[हृदय]] की आवश्यकता बताई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कबीर]] | ||
{प्रथम सूफ़ी प्रेमाख्यानक काव्य के रचयिता कौन थे? | {प्रथम सूफ़ी प्रेमाख्यानक काव्य के रचयिता कौन थे? | ||
पंक्ति 37: | पंक्ति 37: | ||
-[[भूषण]] | -[[भूषण]] | ||
-[[सूरदास]] | -[[सूरदास]] | ||
||हिन्दी साहित्य के रीति काल के कवियों में बिहारीलाल का नाम महत्त्वपूर्ण है। महाकवि बिहारीलाल का जन्म 1595 के लगभग [[ग्वालियर]] में हुआ। वे जाति के माथुर चौबे थे। उनके पिता का नाम केशवराय था। उनका बचपन [[बुंदेलखंड]] में कटा और युवावस्था ससुराल [[मथुरा]] में व्यतीत हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[बिहारी लाल]] | ||[[हिन्दी साहित्य]] के [[रीति काल]] के कवियों में बिहारीलाल का नाम महत्त्वपूर्ण है। महाकवि बिहारीलाल का जन्म 1595 के लगभग [[ग्वालियर]] में हुआ। वे जाति के माथुर चौबे थे। उनके पिता का नाम केशवराय था। उनका बचपन [[बुंदेलखंड]] में कटा और युवावस्था ससुराल [[मथुरा]] में व्यतीत हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[बिहारी लाल]] | ||
{'कंचन तन धन बरन बर रहयौ रंग मिलि रंग। जानी जाति सुबास ही केसरि लाई अंग॥' उपर्युक्त पंक्तियाँ किसकी हैं? | {'कंचन तन धन बरन बर रहयौ रंग मिलि रंग। जानी जाति सुबास ही केसरि लाई अंग॥' उपर्युक्त पंक्तियाँ किसकी हैं? | ||
पंक्ति 49: | पंक्ति 49: | ||
{जलप्लावन भारतीय इतिहास की ऐसी प्राचीन घटना है, जिसको आधार बनाकर [[छायावादी युग]] में एक [[महाकाव्य]] लिखा गया। उसका नाम है- | {जलप्लावन भारतीय इतिहास की ऐसी प्राचीन घटना है, जिसको आधार बनाकर [[छायावादी युग]] में एक [[महाकाव्य]] लिखा गया। उसका नाम है- | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[लोकायतन -पंत|लोकायतन]] | -[[लोकायतन -सुमित्रानन्दन पंत|लोकायतन]] | ||
-[[कुरुक्षेत्र -रामधारी सिंह दिनकर|कुरुक्षेत्र]] | -[[कुरुक्षेत्र -रामधारी सिंह दिनकर|कुरुक्षेत्र]] | ||
+[[कामायनी -प्रसाद|कामायनी]] | +[[कामायनी -जयशंकर प्रसाद|कामायनी]] | ||
-[[चिदम्बरा -सुमित्रानन्दन पंत|चिदम्बरा]] | -[[चिदम्बरा -सुमित्रानन्दन पंत|चिदम्बरा]] | ||
पंक्ति 59: | पंक्ति 59: | ||
-[[कुंतक]] | -[[कुंतक]] | ||
+भामह | +भामह | ||
-चिंतामणि | -[[चिंतामणि त्रिपाठी|चिंतामणि]] | ||
{'ढ़ाई आखर प्रेम के, पढ़ै सो पंडित होय॥' प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता कौन थे? | {'ढ़ाई आखर प्रेम के, पढ़ै सो पंडित होय॥' प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता कौन थे? | ||
पंक्ति 66: | पंक्ति 66: | ||
-[[जायसी]] | -[[जायसी]] | ||
-[[तुलसीदास]] | -[[तुलसीदास]] | ||
+[[कबीर दास]] | +[[कबीर|कबीर दास]] | ||
{[[चौपाई]] के प्रत्येक चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं? | {[[चौपाई]] के प्रत्येक चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं? | ||
पंक्ति 81: | पंक्ति 81: | ||
+[[तुलसीदास]] | +[[तुलसीदास]] | ||
-[[रविदास]] | -[[रविदास]] | ||
||[[चित्र:Tulsidas.jpg|150px|गोस्वामी तुलसीदास|right]] गोस्वामी तुलसीदास [1497(1532) - 1623] एक महान कवि थे। उनका जन्म राजापुर, (वर्तमान बाँदा ज़िला) [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था। तुलसी का बचपन बड़े कष्टों में बीता। माता-पिता दोनों चल बसे और इन्हें भीख मांगकर अपना पेट पालना पड़ा था। इसी बीच इनका परिचय राम-भक्त साधुओं से हुआ और इन्हें ज्ञानार्जन का अनुपम अवसर मिल गया। पत्नी के व्यंग्यबाणों से विरक्त होने की लोकप्रचलित कथा को कोई प्रमाण नहीं मिलता। अपने जीवनकाल में तुलसीदास जी ने 12 ग्रन्थ लिखे और उन्हें [[संस्कृत]] विद्वान होने के साथ ही हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ट कवियों में एक माना जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तुलसीदास]] | ||[[चित्र:Tulsidas.jpg|150px|गोस्वामी तुलसीदास|right]] गोस्वामी तुलसीदास [1497(1532) - 1623] एक महान कवि थे। उनका जन्म राजापुर, (वर्तमान [[बाँदा ज़िला]]) [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था। तुलसी का बचपन बड़े कष्टों में बीता। माता-पिता दोनों चल बसे और इन्हें भीख मांगकर अपना पेट पालना पड़ा था। इसी बीच इनका परिचय राम-भक्त साधुओं से हुआ और इन्हें ज्ञानार्जन का अनुपम अवसर मिल गया। पत्नी के व्यंग्यबाणों से विरक्त होने की लोकप्रचलित कथा को कोई प्रमाण नहीं मिलता। अपने जीवनकाल में तुलसीदास जी ने 12 ग्रन्थ लिखे और उन्हें [[संस्कृत]] विद्वान होने के साथ ही हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ट कवियों में एक माना जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तुलसीदास]] | ||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
पंक्ति 87: | पंक्ति 87: | ||
{{हिन्दी सामान्य ज्ञान}} | {{हिन्दी सामान्य ज्ञान}} | ||
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}} | {{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}} | ||
[[Category:सामान्य ज्ञान]] | [[Category:सामान्य ज्ञान]] | ||
[[Category:हिन्दी सामान्य ज्ञान]] | [[Category:हिन्दी सामान्य ज्ञान]] | ||
[[Category:सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी]] | [[Category:सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ | ||
{{Review-G}} |
12:10, 23 नवम्बर 2014 का अवतरण
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- भाषा प्रांगण, हिन्दी भाषा
पन्ने पर जाएँ
|
पन्ने पर जाएँ
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान