"हिन्दी सामान्य ज्ञान 44": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
| | | | ||
<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{'नीलकमल' में कौन-सा समास है? | {'नीलकमल' में कौन-सा [[समास]] है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-बहुव्रीहि समास | -[[बहुव्रीहि समास]] | ||
-तत्पुरुष समास | -[[तत्पुरुष समास]] | ||
+कर्मधारय समास | +[[कर्मधारय समास]] | ||
-द्विगु समास | -[[द्विगु समास]] | ||
{'गीतांजलि' के रचयिता कौन हैं? | {'गीतांजलि' के रचयिता कौन हैं? | ||
पंक्ति 19: | पंक्ति 19: | ||
-[[महादेवी वर्मा]] | -[[महादेवी वर्मा]] | ||
-[[प्रेमचंद]] | -[[प्रेमचंद]] | ||
+[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] | +[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर|रबीन्द्रनाथ टैगोर]] | ||
-[[कल्हण]] | -[[कल्हण]] | ||
||[[चित्र:Rabindranath-Tagore.gif|रबीन्द्रनाथ टैगोर|80px|right]]'गीतांजलि' का [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] अनुवाद प्रकाशित होने के एक सप्ताह के अंदर [[लंदन]] से प्रकाशित होने वाले प्रसिद्ध साप्ताहिक 'टाइम्स लिटरेरी सप्लीमेंट' में | ||[[चित्र:Rabindranath-Tagore.gif|रबीन्द्रनाथ टैगोर|80px|right]]'गीतांजलि' का [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] अनुवाद प्रकाशित होने के एक सप्ताह के अंदर [[लंदन]] से प्रकाशित होने वाले प्रसिद्ध साप्ताहिक 'टाइम्स लिटरेरी सप्लीमेंट' में रबीन्द्रनाथ टैगोर की समीक्षा प्रकाशित हुई थी और बाद में आगामी तीन माह के अंदर तीन [[समाचार पत्र|समाचार पत्रों]] में भी उसकी समीक्षा प्रकाशित हुई। 'गीतांजलि' टैगोर की महत्त्वपूर्ण रचना मानी जाती है।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]] | ||
{[[चाय]] किस [[भाषा]] का शब्द है? | {[[चाय]] किस [[भाषा]] का शब्द है? | ||
पंक्ति 34: | पंक्ति 34: | ||
-[[विशेषण]] | -[[विशेषण]] | ||
-[[क्रिया]] | -[[क्रिया]] | ||
+भाववाचक संज्ञा | +[[संज्ञा|भाववाचक संज्ञा]] | ||
-अव्यय | -अव्यय | ||
पंक्ति 43: | पंक्ति 43: | ||
+[[स्वामी रामानंद]] | +[[स्वामी रामानंद]] | ||
-[[मध्वाचार्य]] | -[[मध्वाचार्य]] | ||
||[[वैष्णव]] आचार्य स्वामी रामानंद का जन्म 1299 ई. में [[प्रयाग]] में हुआ था। इनके विचारों पर [[राघवानंद|गुरु राघवानंद]] के विशिष्टा द्वैतमत का अधिक प्रभाव पड़ा। अपने मत के प्रचार के लिए इन्होंने [[भारत]] के विभिन्न तीर्थों की यात्रा की थी।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[स्वामी रामानंद]] | ||[[वैष्णव]] आचार्य स्वामी रामानंद का जन्म 1299 ई. में [[प्रयाग]] में हुआ था। इनके विचारों पर [[राघवानंद|गुरु राघवानंद]] के विशिष्टा द्वैतमत का अधिक प्रभाव पड़ा। अपने मत के प्रचार के लिए इन्होंने [[भारत]] के विभिन्न तीर्थों की यात्रा की थी।{{point}} अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[स्वामी रामानंद]] | ||
{[[हिन्दी साहित्य]] के इतिहास के सर्वप्रथम लेखक का नाम क्या है? | {[[हिन्दी साहित्य]] के इतिहास के सर्वप्रथम लेखक का नाम क्या है? | ||
पंक्ति 52: | पंक्ति 52: | ||
+गार्सा द तासी | +गार्सा द तासी | ||
{'प्रेमसागर' के लेखक कौन हैं। | {'[[प्रेमसागर]]' के लेखक कौन हैं। | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[इंशा अल्ला खाँ]] | -[[इंशा अल्ला खाँ]] | ||
-[[मुंशी प्रेमचन्द]] | -[[मुंशी प्रेमचन्द]] | ||
+[[लल्लू लालजी | +[[लल्लू लालजी]] | ||
- | -मुंशी सदासुख लाल | ||
||साहित्यकार के रूप में | ||साहित्यकार के रूप में लल्लू लालजी किस पायदान पर हैं, इसका मूल्यांकन करना तो आलोचकों का काम है, लेकिन यह सब मानते हैं कि [[हिन्दी]] के विकास में उनका योगदान है। 1804 ई. से 1810 ई. के बीच लिखी गई उनकी कृति 'प्रेमसागर' [[कृष्ण]] की लीलाओं व [[भागवत पुराण]] के दसवें अध्याय पर आधारित थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लल्लू लालजी]] | ||
{'चरण-कमल बन्दौ हरि राई' में कौन-सा [[अलंकार]] है? | {'चरण-कमल बन्दौ हरि राई' में कौन-सा [[अलंकार]] है? | ||
पंक्ति 91: | पंक्ति 91: | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ | ||
{{Review-G}} |
13:49, 3 दिसम्बर 2014 का अवतरण
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- भाषा प्रांगण, हिन्दी भाषा
पन्ने पर जाएँ
|
पन्ने पर जाएँ
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान