"इतिहास सामान्य ज्ञान 10": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Afghanistan-Flag.png|right|120px|अफ़ग़ानिस्तान का ध्वज]][[अफ़ग़ानिस्तान]] या 'अफ़ग़ान इस्लामिक गणराज्य' जंबूद्वीप ([[एशिया]]) का एक देश है। यह दक्षिणी [[मध्य एशिया]] में अवस्थित देश है, जो चारों ओर से ज़मीन से घिरा हुआ है। प्रायः इसकी गिनती मध्य एशिया के देशों में होती है, लेकिन देश में लगातार चल रहे संघर्षों ने इसे कभी मध्य पूर्व तो कभी दक्षिण एशिया से जोड़ दिया है। इसके पूर्व में [[पाकिस्तान]], उत्तर पूर्व में [[कश्मीर]] तथा [[चीन]], उत्तर में | ||[[चित्र:Afghanistan-Flag.png|right|120px|अफ़ग़ानिस्तान का ध्वज]][[अफ़ग़ानिस्तान]] या 'अफ़ग़ान इस्लामिक गणराज्य' जंबूद्वीप ([[एशिया]]) का एक देश है। यह दक्षिणी [[मध्य एशिया]] में अवस्थित देश है, जो चारों ओर से ज़मीन से घिरा हुआ है। प्रायः इसकी गिनती मध्य एशिया के देशों में होती है, लेकिन देश में लगातार चल रहे संघर्षों ने इसे कभी मध्य पूर्व तो कभी दक्षिण एशिया से जोड़ दिया है। इसके पूर्व में [[पाकिस्तान]], उत्तर पूर्व में [[कश्मीर]] तथा [[चीन]], उत्तर में ताज़िकिस्तान, [[कज़ाकिस्तान]] तथा तुर्कमेनिस्तान और पश्चिम में [[ईरान]] स्थित हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अफ़ग़ानिस्तान]] | ||
{[[भारत]] के किस स्थल की खुदाई से [[लोहा|लौह धातु]] के प्रचलन के प्राचीनतम प्रमाण मिले हैं? | {[[भारत]] के किस स्थल की खुदाई से [[लोहा|लौह धातु]] के प्रचलन के प्राचीनतम प्रमाण मिले हैं? | ||
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-[[ब्राह्मण]] ग्रंथों से | -[[ब्राह्मण]] ग्रंथों से | ||
+[[यजुर्वेद]] से | +[[यजुर्वेद]] से | ||
||[[चित्र:Yajurveda.jpg|right|100px|यजुर्वेद का आवरण पृष्ठ]]'यजुष' शब्द का अर्थ है- '[[यज्ञ]]'। [[यजुर्वेद]] मूलतः कर्मकाण्ड [[ग्रन्थ]] है। इसकी रचना [[कुरुक्षेत्र]] में मानी जाती है। यजुर्वेद में आर्यों की धार्मिक एवं सामाजिक जीवन की झांकी मिलती है। इस ग्रन्थ से पता चलता है कि [[आर्य]] '[[सप्त सिंघव]]' से आगे बढ़ गए थे और वे प्राकृतिक [[पूजा]] के प्रति उदासीन होने लगे थे। | ||[[चित्र:Yajurveda.jpg|right|100px|यजुर्वेद का आवरण पृष्ठ]]'यजुष' शब्द का अर्थ है- '[[यज्ञ]]'। [[यजुर्वेद]] मूलतः कर्मकाण्ड [[ग्रन्थ]] है। इसकी रचना [[कुरुक्षेत्र]] में मानी जाती है। यजुर्वेद में आर्यों की धार्मिक एवं सामाजिक जीवन की झांकी मिलती है। इस ग्रन्थ से पता चलता है कि [[आर्य]] '[[सप्त सिंघव]]' से आगे बढ़ गए थे और वे प्राकृतिक [[पूजा]] के प्रति उदासीन होने लगे थे। यर्जुवेद के मंत्रों का उच्चारण 'अध्वुर्य' नामक पुरोहित करता था। यजुर्वेद कर्मकाण्ड प्रधान ग्रज्थ है। इसमें यज्ञों और हवनों के नियम और विधान हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[यजुर्वेद]] | ||
{[[वैदिक काल|वैदिक युग]] में प्रचलित लोकप्रिय शासन प्रणाली क्या थी? | {[[वैदिक काल|वैदिक युग]] में प्रचलित लोकप्रिय शासन प्रणाली क्या थी? | ||
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-[[मीमांसा दर्शन|मीमांसा]] | -[[मीमांसा दर्शन|मीमांसा]] | ||
-[[योग दर्शन|योग]] | -[[योग दर्शन|योग]] | ||
||[[चित्र:Sankhya-Darshan.jpg|right|100px|सांख्य दर्शन का आवरण पृष्ठ]][[महाभारत]] में [[शान्तिपर्व महाभारत|शान्तिपर्व]] के अन्तर्गत सृष्टि, उत्पत्ति, स्थिति, प्रलय और मोक्ष विषयक अधिकांश मत सांख्य ज्ञान व शास्त्र के ही हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि उस काल तक, | ||[[चित्र:Sankhya-Darshan.jpg|right|100px|सांख्य दर्शन का आवरण पृष्ठ]][[महाभारत]] में [[शान्तिपर्व महाभारत|शान्तिपर्व]] के अन्तर्गत सृष्टि, उत्पत्ति, स्थिति, प्रलय और मोक्ष विषयक अधिकांश मत सांख्य ज्ञान व शास्त्र के ही हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि उस काल तक, महाभारत की रचना तक, वह एक सुप्रतिष्ठित, सुव्यवस्थित और लोकप्रिय एकमात्र [[दर्शन]] के रूप में स्थापित हो चुका था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सांख्य दर्शन]] | ||
{निम्नलिखित में वह दस्तकारी कौन-सी है, जो [[आर्य|आर्यों]] द्वारा व्यवहार में नहीं लाई गई थी? | {निम्नलिखित में वह दस्तकारी कौन-सी है, जो [[आर्य|आर्यों]] द्वारा व्यवहार में नहीं लाई गई थी? | ||
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- | -मृदभांड (पॉटरी) | ||
-[[आभूषण]] | -[[आभूषण]] | ||
-बढ़ईगिरी (काष्ठकारिता) | -बढ़ईगिरी (काष्ठकारिता) | ||
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-[[सामवेद]] | -[[सामवेद]] | ||
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||[[चित्र:Atharvaveda.jpg|right|100px||अथर्ववेद का आवरण पृष्ठ]]अथर्ववेद की [[भाषा]] और स्वरूप के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस [[वेद]] की रचना सबसे बाद में हुई। [[अथर्ववेद]] के दो पाठों (शौनक और पैप्पलद) में संचरित हुए लगभग सभी स्तोत्र ऋग्वेदीय स्तोत्रों के | ||[[चित्र:Atharvaveda.jpg|right|100px||अथर्ववेद का आवरण पृष्ठ]]अथर्ववेद की [[भाषा]] और स्वरूप के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस [[वेद]] की रचना सबसे बाद में हुई। [[अथर्ववेद]] के दो पाठों (शौनक और पैप्पलद) में संचरित हुए लगभग सभी स्तोत्र ऋग्वेदीय स्तोत्रों के छंदों में रचित हैं। इसमें [[ऋग्वेद]] और [[सामवेद]] से भी [[मन्त्र]] लिये गये हैं। जादू से सम्बन्धित मन्त्र-तन्त्र, राक्षस, पिशाच, आदि भयानक शक्तियाँ अथर्ववेद के महत्त्वपूर्ण विषय हैं। इसमें भूत-प्रेत, जादू-टोने आदि के मन्त्र भी हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अथर्ववेद]] | ||
{निम्नांकित में कौन 'प्रस्थानत्रयी' में शामिल नहीं है? | {निम्नांकित में कौन 'प्रस्थानत्रयी' में शामिल नहीं है? | ||
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-[[ब्रह्मसूत्र]] | -[[ब्रह्मसूत्र]] | ||
-[[उपनिषद]] | -[[उपनिषद]] | ||
||[[चित्र:Cover-Bhagavata-Purana.jpg|right|100px|भागवत पुराण, [[गीताप्रेस गोरखपुर]] का आवरण पृष्ठ]] इस कलिकाल में '[[भागवत पुराण|श्रीमद्भागवत पुराण]]' [[हिन्दू]] समाज का सर्वाधिक आदरणीय [[पुराण]] है। यह [[वैष्णव सम्प्रदाय]] का प्रमुख [[ग्रन्थ]] है। इस ग्रन्थ में [[वेद|वेदों]], [[उपनिषद|उपनिषदों]] तथा [[दर्शन शास्त्र]] के गूढ़ एवं रहस्यमय विषयों को अत्यन्त सरलता के साथ निरूपित किया गया है। इसे भारतीय [[धर्म]] और [[संस्कृति]] का विश्वकोश कहना अधिक उचित होगा। सैकड़ों वर्षों से यह पुराण हिन्दू समाज की धार्मिक, सामाजिक और लौकिक मर्यादाओं की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता आ रहा हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भागवत पुराण]] | ||[[चित्र:Cover-Bhagavata-Purana.jpg|right|100px|भागवत पुराण, [[गीताप्रेस गोरखपुर]] का आवरण पृष्ठ]]इस कलिकाल में '[[भागवत पुराण|श्रीमद्भागवत पुराण]]' [[हिन्दू]] समाज का सर्वाधिक आदरणीय [[पुराण]] है। यह [[वैष्णव सम्प्रदाय]] का प्रमुख [[ग्रन्थ]] है। इस ग्रन्थ में [[वेद|वेदों]], [[उपनिषद|उपनिषदों]] तथा [[दर्शन शास्त्र]] के गूढ़ एवं रहस्यमय विषयों को अत्यन्त सरलता के साथ निरूपित किया गया है। इसे भारतीय [[धर्म]] और [[संस्कृति]] का विश्वकोश कहना अधिक उचित होगा। सैकड़ों वर्षों से यह पुराण हिन्दू समाज की धार्मिक, सामाजिक और लौकिक मर्यादाओं की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता आ रहा हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भागवत पुराण]] | ||
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- इतिहास प्रांगण, इतिहास कोश, ऐतिहासिक स्थान कोश
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