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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {[[हिन्दी]] के सर्वप्रथम प्रकाशित पत्र का नाम क्या है?
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| -सम्मेलन पत्रिका
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| -[[सरस्वती प्रार्थना|सरस्वती]]
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| +[[उदंत मार्तण्ड]]
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| -[[नागरी प्रचारिणी पत्रिका]]
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| {[[छायावाद]] के प्रवर्तक का नाम है-
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| |type="()"}
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| -[[सुमित्रानंदन पंत]]
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| +[[जयशंकर प्रसाद]]
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| -श्रीधर पाठक
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| -मुकुटधर पांडेय
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| || [[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|जयशंकर प्रसाद|100px|right]] महाकवि जयशंकर प्रसाद हिन्दी नाट्य जगत और [[कथा साहित्य]] में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयशंकर प्रसाद]]
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| {'प्रगतिवाद उपयोगितावाद का दूसरा नाम है।' यह कथन किसका है?
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| |type="()"}
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| -[[राम विलास शर्मा]]
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| -[[प्रेमचंद]]
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| +नन्द दुलारे बाजपेयी
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| -[[सुमित्रानंदन पंत]]
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| {[[प्रेमचन्द]] के अधूरे उपन्यास का नाम क्या है?
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| |type="()"}
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| -[[गबन]]
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| +[[मंगलसूत्र -प्रेमचंद|मंगलसूत्र]]
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| -रंगभूमि
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| -सेवासदन
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| {[[रामधारी सिंह 'दिनकर']] को भारतीय [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] प्राप्त हुआ था-
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| |type="()"}
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| -'[[रश्मिरथी -रामधारी सिंह दिनकर|रश्मिरथी]]' के लिए
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| +'[[उर्वशी -रामधारी सिंह दिनकर|उर्वशी]]' के लिए
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| -'[[कुरुक्षेत्र -रामधारी सिंह दिनकर|कुरुक्षेत्र]]' के लिए
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| -'[[परशुराम की प्रतीक्षा -रामधारी सिंह दिनकर|परशुराम की प्रतीक्षा]]' के लिए
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| {'परहित सरिस धर्म नहि भाई, परपीड़ा सम नहिं अधमाई'। इस पंक्ति के रचयिता कौन हैं? | | {'परहित सरिस धर्म नहि भाई, परपीड़ा सम नहिं अधमाई'। इस पंक्ति के रचयिता कौन हैं? |