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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {निम्नलिखित में से '[[छायावाद]]' के प्रवर्तक का नाम क्या है?
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| |type="()"}
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| -[[सुमित्रानंदन पंत]]
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| -[[श्रीधर]]
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| -[[श्यामसुन्दर दास]]
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| +[[जयशंकर प्रसाद]]
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| ||[[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|right|100px|जयशंकर प्रसाद]] [[कविता]], [[नाटक]], [[कहानी]], [[उपन्यास]]-सभी क्षेत्रों में जयशंकर प्रसाद एक नवीन 'स्कूल' और नवीन 'जीवन-दर्शन' की स्थापना करने में सफल हुये हैं। वे 'छायावाद' के संस्थापकों और उन्नायकों में से एक हैं। वैसे सर्वप्रथम कविता के क्षेत्र में इस नव-अनुभूति के वाहक वही रहे हैं, और प्रथम विरोध भी उन्हीं को सहना पड़ा है। भाषा-शैली और शब्द-विन्यास के निर्माण के लिये जितना संघर्ष प्रसाद जी को करना पड़ा है, उतना दूसरों को नहीं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जयशंकर प्रसाद]]
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| {निम्न विकल्पों में से कौन-सा एक [[महाकाव्य]] नहीं है?
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| |type="()"}
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| -[[लोकायतन]]
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| -रामदूत
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| -गंगावतरण
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| +[[कुरुक्षेत्र -रामधारी सिंह दिनकर|कुरुक्षेत्र]]
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| {अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं?
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| |type="()"}
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| -चार
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| -पाँच
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| -सात
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| +आठ
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| {'[[मानवीकरण अलंकार]]' का प्रयोग किस प्रकार की [[कविता]] में हुआ है?
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| |type="()"}
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| -आदिकालीन कविता में
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| -[[दोहा]] में
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| +नयी कविता में
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| -[[चौपाई]] में
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| {'[[रामचरितमानस]]' किस [[भाषा]] में लिखा गया है?
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| |type="()"}
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| -[[ब्रज भाषा|ब्रज]]
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| -[[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]]
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| +[[अवधी भाषा|अवधी]]
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| -[[मागधी भाषा|मागधी]]
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| ||[[भारत]] में [[अवध]] क्षेत्र में बोली जाने वाली [[भाषा]] 'अवधी भाषा' कहलाती है, जो [[हिन्दी]] की एक उपभाषा है। अवधी का प्राचीन [[साहित्य]] बड़ा संपन्न है। इसमें भक्तिकाव्य और प्रेमाख्यान काव्य दोनों का विकास हुआ है। भक्तिकाव्य का शिरोमणि [[ग्रंथ]] [[गोस्वामी तुलसीदास]] कृत ‘[[रामचरितमानस]]’ भी अवधी भाषा में ही लिखा गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अवधी भाषा|अवधी]]
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| {'[[पृथ्वीराज रासो]]' किस काल की रचना है? | | {'[[पृथ्वीराज रासो]]' किस काल की रचना है? |