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|महानतम सातवाहन शासक गौतमीपुत्र शातकर्णी द्वारा राज्य विस्तार। | |महानतम सातवाहन शासक गौतमीपुत्र शातकर्णी द्वारा राज्य विस्तार। | ||
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| सातवाहनों का पतन, महाराष्ट्र में आभीर, उत्तरी कनारा तथा मैसूर ज़िलों में कुन्तल और कटु, आन्ध्र में इक्ष्वाकु तथा विदर्भ में वाकाटकों की सत्ता स्थापित। | |||
|सातवाहनों का पतन | |||
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|विंध्यशक्ति द्वारा वाकाटक शासन की स्थापना, अगले 272 वर्षों तक इस वंश का शासन। | |||
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|नासिक में आभीरों द्वारा त्रैकुटकर वंश की स्थापना, अगले 250 वर्षों तक इस वंश का शान। | |||
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| | |320–335 | ||
|चन्द्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश को स्थापित किया। | |||
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06:42, 12 अगस्त 2010 का अवतरण
भारतीय इतिहास — पुनरावलोकन
ईसवीं/वर्ष
क्रम | ईसवी/वर्ष | विवरण |
---|---|---|
1 | 14–13 | शक (हिन्द-पार्थियन) शासक गोंडोफर्नीज का शासन, ईसाई धर्म प्रचार हेतु रोमन संत सेंट टामस का भारत में आगमन। |
2 | 15 | कुषाणों (यू-ची का तोचारियन) का भारत में प्रवेश। |
3 | 64 | उत्तर-पश्चिमी भारत में शक विम कडफिसस का राज्य। |
4 | 78 | कुषाण वंश के महानतम शासक कनिष्क का राज्यारोहण, उसके द्वारा शक संवत् का प्रारम्भ। |
5 | 78–101 | कनिष्क का शासनकाल, चौथी बौद्ध संगीति का (कश्मीर में) आयोजन। |
6 | 100 | अश्वघोष द्वारा 'सौन्दरानन्द' तथा 'बुद्धचरित' एवं कुमारलाट के द्वारा 'कल्पमंदितिका' की रचना। |
7 | 109–132 | महानतम सातवाहन शासक गौतमीपुत्र शातकर्णी द्वारा राज्य विस्तार। |
8 | 150 | बघेलखण्ड, वाराणसी तथा आगे चलकर मथुरातक के क्षेत्र में भारशिव नागाओं की विभिन्न शाखाओं का राज्य। |
9 | 200–250 | सातवाहनों का पतन, महाराष्ट्र में आभीर, उत्तरी कनारा तथा मैसूर ज़िलों में कुन्तल और कटु, आन्ध्र में इक्ष्वाकु तथा विदर्भ में वाकाटकों की सत्ता स्थापित। |
10 | 225 | विंध्यशक्ति द्वारा वाकाटक शासन की स्थापना, अगले 272 वर्षों तक इस वंश का शासन। |
11 | 250 | नासिक में आभीरों द्वारा त्रैकुटकर वंश की स्थापना, अगले 250 वर्षों तक इस वंश का शान। |
12 | 320–335 | चन्द्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश को स्थापित किया। |