"गवरी देवी": अवतरणों में अंतर
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{{सूचना बक्सा कलाकार | |||
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|चित्र का नाम=गवरी देवी | |||
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|जन्म=[[14 अप्रैल]], [[1920]] | |||
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|मृत्यु=[[29 जून]], [[1988]] | |||
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|अविभावक=बंशीलाल पवार तथा जमुना देवी पवार | |||
|पति/पत्नी=मोहन लाल गामेटी | |||
|संतान= | |||
|कर्म भूमि=[[भारत]] | |||
|कर्म-क्षेत्र=लोक गायिकी | |||
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|प्रसिद्धि=मरु कोकिला | |||
|विशेष योगदान= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|संबंधित लेख= | |||
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|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=[[भारत]] द्वारा मास्को में आयोजित इण्डियन फेस्टिवल में गवरी देवी ने विशेष प्रस्तुति दी थी। | |||
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'''गवरी देवी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Gavri Devi'' ; जन्म- [[14 अप्रैल]], [[1920]]; मृत्यु- [[29 जून]], [[1988]]) [[राजस्थान]] की प्रसिद्ध लोक गायिका थीं। उन्होंने राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांड गायकी का जादू बिखेरा। अपनी खनकदार गायकी से गवरी देवी ने देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाई थी। गवरी देवी को 'मरु कोकिला' के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त है। | '''गवरी देवी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Gavri Devi'' ; जन्म- [[14 अप्रैल]], [[1920]]; मृत्यु- [[29 जून]], [[1988]]) [[राजस्थान]] की प्रसिद्ध लोक गायिका थीं। उन्होंने राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांड गायकी का जादू बिखेरा। अपनी खनकदार गायकी से गवरी देवी ने देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाई थी। गवरी देवी को 'मरु कोकिला' के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त है। | ||
12:33, 9 मार्च 2015 का अवतरण
गवरी देवी
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जन्म | 14 अप्रैल, 1920 |
मृत्यु | 29 जून, 1988 |
पति/पत्नी | मोहन लाल गामेटी |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | लोक गायिकी |
प्रसिद्धि | मरु कोकिला |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | भारत द्वारा मास्को में आयोजित इण्डियन फेस्टिवल में गवरी देवी ने विशेष प्रस्तुति दी थी। |
गवरी देवी (अंग्रेज़ी: Gavri Devi ; जन्म- 14 अप्रैल, 1920; मृत्यु- 29 जून, 1988) राजस्थान की प्रसिद्ध लोक गायिका थीं। उन्होंने राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांड गायकी का जादू बिखेरा। अपनी खनकदार गायकी से गवरी देवी ने देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाई थी। गवरी देवी को 'मरु कोकिला' के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त है।
- गवरी देवी के पिता का नाम बंशीलाल पवार तथा माता का नाम जमुना देवी पवार था।
- बंशीलाल जी तथा जमुना देवी दोनों ही बीकानेर के शाही परिवार में राजदरबारी गायक के रूप में गायन करते थे।
- 20 वर्ष की आयु में गवरी देवी का विवाह मोहन लाल गामेटी के साथ हुआ, जो जोधपुर में एक जागीरदार थे।
- मांड गायकी के अतिरिक्त गवरी देवी ठुमरी, भजन तथा ग़ज़ल गायन भी करती थीं।
- उन्होंने उड़ीसा, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल तथा महाराष्ट्र आदि राज्यों में अपनी प्रस्तुतियाँ दीं।
- जब भारत द्वारा मास्को (रूस) में इण्डियन फेस्टिवल आयोजित किया गया, तब गवरी देवी ने वहाँ विशेष प्रस्तुति दी थी।
- उनकी गायकी के लिए 'राजा पदक', 'राजस्थान संगीत नाटक अकादमी' द्वारा प्रमाणपत्र तथा पूर्व राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन द्वारा काँस्य पदक दिया गया था।[1]
- वर्ष 2013 में गवरी देवी को 'राजस्थान रत्न पुरस्कार' भी प्रदान किया गया।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ Lt.Smt.Gavari Devi (हिन्दी) गवरीदेवी ब्लॉगस्पॉट। अभिगमन तिथि: 09 मार्च, 2015।
- ↑ Gavri Devi gets Rajasthan Ratna Award 2013 (हिन्दी) राजस्थानजी.के. नेट। अभिगमन तिथि: 09 मार्च, 2015।