"गोविन्द मिश्र": अवतरणों में अंतर
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गोविन्द मिश्र का जन्म [[1 अगस्त]], 1939 में [[उत्तर प्रदेश]] के नगर [[बाँदा]] में हुआ। गोविन्द मिश्र के पिता का नाम माधव प्रसाद मिश्र तथा माता का नाम सुमित्रा देवी मिश्रा था। उनका बचपन गाँव के प्राकृतिक वातावरण में व्यतीत हुआ। उनकी माँ अध्यापिका थीं, जिनसे मध्यवर्गीय कुलीनता से संस्कार सहज ही उन्होंने ग्रहण किए। गुरु देवेन्द्रनाथ खरे से उन्होंने साहित्यिक संस्कार पाए। उनके आठवीं कक्षा तक की शिक्षा गंगा सिंह हाईस्कूल चारबारी में हुई। नौवीं से बारहवीं की पढ़ाई बाँदा के डी.ए.वी. स्कूल तथा राजकीय इंटर कॉलेज में हुई। दोनो परीक्षाओं में ही उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया। स्नातक की उपाधि के लिए वे [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] गए जहाँ उन्होंने [[संस्कृत साहित्य]], [[मध्य काल|मध्यकालीन इतिहास]] और [[अंग्रेज़ी साहित्य]] के साथ यह उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 1957 में [[हिन्दी साहित्य]] सम्मेलन [[प्रयाग]] की विशारद परीक्षा उत्तीर्ण की और 1959 में (अंग्रेज़ी साहित्य में) इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. की उपाधि प्राप्त की। परीक्षा पास करते ही वे सेंट एंड्रू कॉलेज [[गोरखपुर]] में प्राध्यापक बन गए। लगभग एक साल तक वहाँ काम करने के बाद वे अतर्रा डिग्री कालेज में विभागाध्यक्ष बनकर आ गए। इसके साथ ही वे [[भारतीय प्रशासनिक सेवा]] की तैयारी करते रहे। 1960 में पहले ही प्रयत्न में वे चुन लिए गए और [[1961]] में उनकी पहली नियुक्ति [[धनबाद]] में हुई। कर्म के क्षेत्र में उन्होंने जिस ईमानदारी और कार्य कुशलता का परिचय दिया उसने उन्हें राजस्व सेवा के सर्वोच्च पद अध्यक्ष, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड तक पहुँचाया। इसके बाद वे केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो के निदेशक भी बने और 1997 में सेवानिवृत्त हुई। गोविन्द मिश्र ने 1963 से नियमित लेखन के संसार में प्रवेश किया जो अभी तक निर्बाध गति से जारी है।<ref>{{cite web |url=http://gadyakosh.org/gk/%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6_%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0_/_%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%9A%E0%A4%AF |title=गोविन्द मिश्र / परिचय|accessmonthday=10 मार्च |accessyear=2015 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=गद्य कोश |language=हिन्दी }} </ref> | गोविन्द मिश्र का जन्म [[1 अगस्त]], 1939 में [[उत्तर प्रदेश]] के नगर [[बाँदा]] में हुआ। गोविन्द मिश्र के पिता का नाम माधव प्रसाद मिश्र तथा माता का नाम सुमित्रा देवी मिश्रा था। उनका बचपन गाँव के प्राकृतिक वातावरण में व्यतीत हुआ। उनकी माँ अध्यापिका थीं, जिनसे मध्यवर्गीय कुलीनता से संस्कार सहज ही उन्होंने ग्रहण किए। गुरु देवेन्द्रनाथ खरे से उन्होंने साहित्यिक संस्कार पाए। उनके आठवीं कक्षा तक की शिक्षा गंगा सिंह हाईस्कूल चारबारी में हुई। नौवीं से बारहवीं की पढ़ाई बाँदा के डी.ए.वी. स्कूल तथा राजकीय इंटर कॉलेज में हुई। दोनो परीक्षाओं में ही उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया। स्नातक की उपाधि के लिए वे [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] गए जहाँ उन्होंने [[संस्कृत साहित्य]], [[मध्य काल|मध्यकालीन इतिहास]] और [[अंग्रेज़ी साहित्य]] के साथ यह उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 1957 में [[हिन्दी साहित्य]] सम्मेलन [[प्रयाग]] की विशारद परीक्षा उत्तीर्ण की और 1959 में (अंग्रेज़ी साहित्य में) इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. की उपाधि प्राप्त की। परीक्षा पास करते ही वे सेंट एंड्रू कॉलेज [[गोरखपुर]] में प्राध्यापक बन गए। लगभग एक साल तक वहाँ काम करने के बाद वे अतर्रा डिग्री कालेज में विभागाध्यक्ष बनकर आ गए। इसके साथ ही वे [[भारतीय प्रशासनिक सेवा]] की तैयारी करते रहे। 1960 में पहले ही प्रयत्न में वे चुन लिए गए और [[1961]] में उनकी पहली नियुक्ति [[धनबाद]] में हुई। कर्म के क्षेत्र में उन्होंने जिस ईमानदारी और कार्य कुशलता का परिचय दिया उसने उन्हें राजस्व सेवा के सर्वोच्च पद अध्यक्ष, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड तक पहुँचाया। इसके बाद वे केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो के निदेशक भी बने और 1997 में सेवानिवृत्त हुई। गोविन्द मिश्र ने 1963 से नियमित लेखन के संसार में प्रवेश किया जो अभी तक निर्बाध गति से जारी है।<ref>{{cite web |url=http://gadyakosh.org/gk/%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6_%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0_/_%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%9A%E0%A4%AF |title=गोविन्द मिश्र / परिचय|accessmonthday=10 मार्च |accessyear=2015 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=गद्य कोश |language=हिन्दी }} </ref> | ||
==कृतियाँ== | |||
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; उपन्यास | |||
* वह अपना चेहरा | |||
* उतरती हुई धूप | |||
* लाल पीली जमीन | |||
* हुजूर दरबार | |||
* तुम्हारी रोशनी में | |||
* धीर समीरे | |||
* पाँच आंगनों वाला घर | |||
* फूल... इमारतें और बन्दर | |||
* कोहरे में कैद रंग | |||
* धूल पौधों पर | |||
; कविता | |||
* ओ प्रकृति माँ | |||
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; कहानी संग्रह | |||
* नये पुराने माँ-बाप | |||
* अंत:पुर | |||
* धांसू | |||
* रगड़ खाती आत्महत्यायें | |||
* मेरी प्रिय कहानियाँ | |||
* अपाहिज | |||
* खुद के ख़िलाफ़ | |||
* खाक इतिहास | |||
* पगला बाबा | |||
* आसमान कितना नीला | |||
* स्थितियाँ रेखांकित | |||
* हवाबाज | |||
* मुझे बाहर निकालो। | |||
| | |||
; यात्रा-वृत्तान्त | |||
* धुंध भरी सुर्खी | |||
* दरख्तों के पार... शाम | |||
* झूलती जड़ें | |||
* परतों के बीच | |||
* और यात्राएं ... | |||
; साहित्यिक निबंध | |||
* साहित्य का संदर्भ | |||
* कथा भूमि | |||
* संवाद अनायास | |||
* समय और सर्जना | |||
; बाल साहित्य | |||
* कवि के घर में चोर | |||
* मास्टर मन्सुखराम | |||
* आदमी का जानवर | |||
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; विविध | |||
* मुझे घर ले चलो (सभी विधाओं का प्रतिनिधि संकलन) | |||
* लेखक की जमीन (अलग-अलग समय पर दिये गये साक्षात्कारों का संकलन) | |||
* अर्थ ओझल ([[भारतीय ज्ञानपीठ]] द्वारा प्रकाशित प्रमुख बीस कहानियों का संग्रह) | |||
* दस प्रतिनिधि कहानियाँ | |||
* चर्चित कहानियाँ | |||
* निर्झरिणी (दो खण्डों में सम्पूर्ण कहानियों का संकलन) | |||
* प्रतिनिधि कहानियाँ | |||
* मेरे साक्षात्कार | |||
* चुनी हुई रचनाएँ-तीन खंडों में | |||
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==विशिष्ट उपलब्धियाँ== | |||
* ''लाल पीली जमीन'' श्रेष्ठ लेखन के लिए ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया द्वारा सम्मानित। | * ''लाल पीली जमीन'' श्रेष्ठ लेखन के लिए ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया द्वारा सम्मानित। | ||
* ''हुजूर दरबार'' उत्तर प्रदेश हिन्दी प्रतिष्ठान द्वारा ''प्रेमचन्द पुरस्कार'' से सम्मानित। | * ''हुजूर दरबार'' उत्तर प्रदेश हिन्दी प्रतिष्ठान द्वारा ''प्रेमचन्द पुरस्कार'' से सम्मानित। | ||
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* दृष्टांत शीर्षक के अन्तर्गत तेरह कहानियों पर सीरियल दूरदर्शन दिल्ली द्वारा प्रस्तुत। | * दृष्टांत शीर्षक के अन्तर्गत तेरह कहानियों पर सीरियल दूरदर्शन दिल्ली द्वारा प्रस्तुत। | ||
* ''पाँच आंगनों वाला घर'' के लिए [[1998]] का प्रतिष्ठित [[व्यास सम्मान]]। | * ''पाँच आंगनों वाला घर'' के लिए [[1998]] का प्रतिष्ठित [[व्यास सम्मान]]। | ||
* [[2001]] का 'सुब्रह्मण्यम भारती सम्मान' समग्र साहित्यिक योगदान के लिए [[राष्ट्रपति]] जी द्वारा दिया गया। | * [[2001]] का 'सुब्रह्मण्यम भारती सम्मान' समग्र साहित्यिक योगदान के लिए [[राष्ट्रपति]] जी द्वारा दिया गया।<ref>{{cite web |url=http://www.hindinest.com/lekhak/govindmishra.htm|title=गोविन्द मिश्र की विशिष्ट उपलब्धियाँ|accessmonthday=10 मार्च |accessyear=2015 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=हिन्दी नेस्ट |language=हिन्दी }} </ref> | ||
* 'धूल पौधों पर' नामक उपन्यास के लिए गोविन्द मिश्र को वर्ष [[2013]] के [[सरस्वती सम्मान]] से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास (धूल पौधों पर) वर्ष [[2008]] में प्रकाशित हुआ। | * 'धूल पौधों पर' नामक उपन्यास के लिए गोविन्द मिश्र को वर्ष [[2013]] के [[सरस्वती सम्मान]] से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास (धूल पौधों पर) वर्ष [[2008]] में प्रकाशित हुआ। | ||
07:40, 10 मार्च 2015 का अवतरण
गोविन्द मिश्र (अंग्रेज़ी: Govind Mishra, जन्म: 1 अगस्त, 1939) हिन्दी के प्रसिद्ध कवि एवं लेखक हैं। गोविन्द मिश्र को उनकी साहित्य सेवाओं के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, भारतीय भाषा परिषद कलकत्ता, साहित्य अकादमी दिल्ली तथा व्यास सम्मान द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। गोविन्द मिश्र के अब तक 10 उपन्यास और 12 कहानी-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त यात्रा-वृत्तांत, बाल साहित्य, साहित्यिक निबंध और कविता-संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं। अनेक विश्वविद्यालयों में उनकी रचनाओं पर शोध हुए हैं। वे पाठ्यक्रम की पुस्तकों में शामिल किए गए हैं, रंगमंच पर उनकी रचनाओं का मंचन किया गया है और टीवी धारावाहिकों में भी उनकी रचनाओं पर चलचित्र प्रस्तुत किए गए हैं।
जीवन परिचय
गोविन्द मिश्र का जन्म 1 अगस्त, 1939 में उत्तर प्रदेश के नगर बाँदा में हुआ। गोविन्द मिश्र के पिता का नाम माधव प्रसाद मिश्र तथा माता का नाम सुमित्रा देवी मिश्रा था। उनका बचपन गाँव के प्राकृतिक वातावरण में व्यतीत हुआ। उनकी माँ अध्यापिका थीं, जिनसे मध्यवर्गीय कुलीनता से संस्कार सहज ही उन्होंने ग्रहण किए। गुरु देवेन्द्रनाथ खरे से उन्होंने साहित्यिक संस्कार पाए। उनके आठवीं कक्षा तक की शिक्षा गंगा सिंह हाईस्कूल चारबारी में हुई। नौवीं से बारहवीं की पढ़ाई बाँदा के डी.ए.वी. स्कूल तथा राजकीय इंटर कॉलेज में हुई। दोनो परीक्षाओं में ही उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया। स्नातक की उपाधि के लिए वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय गए जहाँ उन्होंने संस्कृत साहित्य, मध्यकालीन इतिहास और अंग्रेज़ी साहित्य के साथ यह उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 1957 में हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग की विशारद परीक्षा उत्तीर्ण की और 1959 में (अंग्रेज़ी साहित्य में) इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. की उपाधि प्राप्त की। परीक्षा पास करते ही वे सेंट एंड्रू कॉलेज गोरखपुर में प्राध्यापक बन गए। लगभग एक साल तक वहाँ काम करने के बाद वे अतर्रा डिग्री कालेज में विभागाध्यक्ष बनकर आ गए। इसके साथ ही वे भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी करते रहे। 1960 में पहले ही प्रयत्न में वे चुन लिए गए और 1961 में उनकी पहली नियुक्ति धनबाद में हुई। कर्म के क्षेत्र में उन्होंने जिस ईमानदारी और कार्य कुशलता का परिचय दिया उसने उन्हें राजस्व सेवा के सर्वोच्च पद अध्यक्ष, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड तक पहुँचाया। इसके बाद वे केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो के निदेशक भी बने और 1997 में सेवानिवृत्त हुई। गोविन्द मिश्र ने 1963 से नियमित लेखन के संसार में प्रवेश किया जो अभी तक निर्बाध गति से जारी है।[1]
कृतियाँ
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विशिष्ट उपलब्धियाँ
- लाल पीली जमीन श्रेष्ठ लेखन के लिए ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया द्वारा सम्मानित।
- हुजूर दरबार उत्तर प्रदेश हिन्दी प्रतिष्ठान द्वारा प्रेमचन्द पुरस्कार से सम्मानित।
- धीर समीरे भारतीय भाषा परिषद, कलकत्ताा द्वारा सम्मानित।
- दिल्ली अकादमी द्वारा साहित्य में योगदान के लिए सम्मानित।
- भारत सरकार के सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के अन्तर्गत जर्मनी, चेकोस्लोवाकिया और हंगरी की यात्रा। इस दौरान हाइडिलबर्ग विश्वविद्यालय को सम्बोधित किया।
- केम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपनी एक कहानी का पाठ।
- त्रिनिडाड और टोबैगो में अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन के लिए भारत के प्रतिनिधि मंडल में शामिल।
- मौशस की हिन्दी प्रसारणी सभा की स्वर्ण जयन्ती में भारत का प्रतिनिधित्व।
- हुजूर दरबार मुम्बई विश्वविद्यालय के लिए और तुम्हारी रोशनी में एस. एन. डी. टी. विश्वविद्यालय के पाठयक्रम में सम्मिलित। पूणे बोर्ड की 12वीं कक्षा के लिए नियत हिन्दी की पाठयपुस्तक में लेखक की एक कहानी शामिल। कई विश्वविद्यालयों में लेखक के सृजन पर पी.एच.डी. सम्पन्न और जारी भी।
- फांस और गलत नम्बर जैसी कहानियाँ दूरदर्शन पर प्रस्तुत।
- ख्याति प्राप्त थियेटर ग्रुप - अनामिका द्वारा कलकत्ता में पाँच कहानियाँ नाटक रूप में प्रस्तुत।
- दृष्टांत शीर्षक के अन्तर्गत तेरह कहानियों पर सीरियल दूरदर्शन दिल्ली द्वारा प्रस्तुत।
- पाँच आंगनों वाला घर के लिए 1998 का प्रतिष्ठित व्यास सम्मान।
- 2001 का 'सुब्रह्मण्यम भारती सम्मान' समग्र साहित्यिक योगदान के लिए राष्ट्रपति जी द्वारा दिया गया।[2]
- 'धूल पौधों पर' नामक उपन्यास के लिए गोविन्द मिश्र को वर्ष 2013 के सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास (धूल पौधों पर) वर्ष 2008 में प्रकाशित हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ गोविन्द मिश्र / परिचय (हिन्दी) गद्य कोश। अभिगमन तिथि: 10 मार्च, 2015।
- ↑ गोविन्द मिश्र की विशिष्ट उपलब्धियाँ (हिन्दी) हिन्दी नेस्ट। अभिगमन तिथि: 10 मार्च, 2015।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
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