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10:01, 26 मार्च 2015 का अवतरण

केरोसीन या 'मिट्टी का तेल' एक तरल खनिज है, जिसका मुख्य उपयोग दीपक, स्टोव, लालटेन और ट्रैक्टरों में जलाने में होता है। औषधियों में विलायक के रूप में, उद्योग धंधों में, प्राकृतिक गैस से पैट्रोल निकालने में तथा अवशोषक तेल के रूप में भी इसका व्यवहार होता है।

  • केरोसीन कच्चे पेट्रोलियम का वह अंश है, जो 175-275 सें. ताप पर आसुत होता है। इसका विशिष्ट गुरुत्व 0.775 से लेकर 0.850 तक होता है।
  • इसमें पैराफिन, नैफ्थीन और सौरभिक हाइड्रोकार्बन रहता है।
  • इसका भौतिक और रासायनिक गुण उपस्थित हाइड्रोकार्बनों के अनुपात, संघटन और क्वथनांक पर निर्भर करता है।
  • कच्चे केरोसीन में सौरभिक हाइड्रोकार्बन (40 प्रतिशत तक) ऑक्सीजन, गंधक और नाइट्रोजन के कुछ यौगिक रहते हैं। ऐसे तेल की सफाई पहले सल्फ्यूरिक अम्ल के उपचार से, फिर सोडा विलयन और जल से धोकर की जाती है।
  • केरोसीन का परीक्षण गुरुत्व, आसवन परस, गंधक की मात्रा, रंग और दमनांक के निर्धारण से किया जाता है। दीप में विस्फोट न हो, इसके लिये दमनांक का नीचा न होना आवश्यक है।
  • केरोसीन का संघटन एक सा नहीं होता। किसी में पैराफिनीय हाइड्रोकार्बन और किसी में नैफ्थीनीय हाइड्रोकार्बन अधिक रहते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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