"देवघर पर्यटन": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 15: पंक्ति 15:
*[[वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग|बाबा वैद्यनाथ मंदिर]] परिसर के पश्चिम में देवघर के मुख्य बाजार में तीन और मंदिर भी हैं।  
*[[वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग|बाबा वैद्यनाथ मंदिर]] परिसर के पश्चिम में देवघर के मुख्य बाजार में तीन और मंदिर भी हैं।  
*इन्हें बैजू मंदिर के नाम से जाना जाता है।  
*इन्हें बैजू मंदिर के नाम से जाना जाता है।  
 
====त्रिकुट====
{{main|त्रिकुट देवघर}}
*देवघर से 16 किमी. दूर दुमका रोड पर एक खूबसूरत पर्वत त्रिकूट स्थित है।
*इस पहाड़ पर बहुत सारी गुफाएं और झरनें हैं।
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
|आधार=आधार1

11:52, 17 अगस्त 2010 का अवतरण

झारखंड कुछ प्रमुख तीर्थस्थानों का केंद्र है जिनका ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व है। इन्हीं में से एक स्थान है देवघर। यह स्थान संथाल परगना के अंतर्गत आता है। देवघर शांति और भाईचारे का प्रतीक है। यहाँ पर कई पर्यटन स्थल है जो इस प्रकार है:-

पर्यटन स्थल

वैद्यनाथ धाम

  • ज्योतिर्लिंगों की गणना में श्री वैद्यनाथ शिवलिंग का नौवाँ स्थान बताया गया है।
  • भगवान श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का मन्दिर जिस स्थान पर अवस्थित है, उसे वैद्यनाथधाम कहा जाता है।
  • यह स्थान झारखण्ड प्रान्त, पूर्व में बिहार प्रान्त के सन्थाल परगना के दुमका नामक जनपद में पड़ता है।

वासुकीनाथ मन्दिर

  • वासुकीनाथ अपने शिव मंदिर के लिए जाना जाता है।
  • बैद्यनाथ मंदिर की यात्रा तब तक अधूरी मानी जाती है जब तक वासुकीनाथ में दर्शन नहीं किए जाते।
  • यह मंदिर देवघर से 45.20 किमी. दूर स्थित हिन्दुओं का यह तीर्थ स्थल दुमका ज़िले में स्थित है।

बैजू मंदिर

  • बाबा वैद्यनाथ मंदिर परिसर के पश्चिम में देवघर के मुख्य बाजार में तीन और मंदिर भी हैं।
  • इन्हें बैजू मंदिर के नाम से जाना जाता है।

त्रिकुट

  • देवघर से 16 किमी. दूर दुमका रोड पर एक खूबसूरत पर्वत त्रिकूट स्थित है।
  • इस पहाड़ पर बहुत सारी गुफाएं और झरनें हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध