"कुंबी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
नवनीत कुमार (वार्ता | योगदान) (''''कुंबी'''(अंग्रेज़ी-''Careya arborea'') एक पर्णपाती वृक्ष है, ज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''कुंबी'''([[अंग्रेज़ी]]-''Careya arborea'') एक पर्णपाती वृक्ष है, जो समस्त भारत में पाया जाता है। इसका लैटिन भाषा का नाम अरनोअरेआ है। इसकी ऊँचाई 9 से 18 मीटर तक होती है। इसका अंतकाष्ठ हल्का या गहरे लाल | '''कुंबी'''([[अंग्रेज़ी]]-''Careya arborea'') एक पर्णपाती वृक्ष है, जो समस्त [[भारत]] में पाया जाता है। इसका लैटिन भाषा का नाम अरनोअरेआ है। इसकी ऊँचाई 9 से 18 मीटर तक होती है। इसका अंतकाष्ठ हल्का या गहरे [[लाल रंग]] का होता है। कुंबी की लकड़ी भारी तथा कठोर होती है।<ref name="nn">{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%AC%E0%A5%80|title=कुंबी|accessmonthday=8 अगस्त|accessyear=2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज|language=हिन्दी}}</ref> | ||
*कुंबी की लकड़ी का उपयोग कृषि | *कुंबी की लकड़ी का उपयोग कृषि औज़ारों, अलमारियों, बंदूक के कुंदों, घरों के खंभों और तख्तों के बनाने के काम आता है, यह परिरक्षी उपचार के बाद रेल के स्लीपर बनाने के लिए अच्छी मानी गई है। | ||
*कनारा और मालाबार से काफी मात्रा में लकड़ी प्राप्त होती है। | *कनारा और मालाबार से काफी मात्रा में लकड़ी प्राप्त होती है। | ||
*कुंबी का छाल रेशेदार होती है, जिसका उपयोग भूरे [[कागज़|कागज]] और घटिया जहाजी रस्सों के बनाने में होता है। | *कुंबी का छाल रेशेदार होती है, जिसका उपयोग भूरे [[कागज़|कागज]] और घटिया जहाजी रस्सों के बनाने में होता है। | ||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
*इसमें [[गोंद|कषाय गोंद]] पाए जाते हैं। | *इसमें [[गोंद|कषाय गोंद]] पाए जाते हैं। | ||
*कुंबी के बीज विषैले होते हैं। इसकी पत्तियों में 19 प्रतिशत टैनिन पाया जाता है। | *कुंबी के बीज विषैले होते हैं। इसकी पत्तियों में 19 प्रतिशत टैनिन पाया जाता है। | ||
*इनका उपयोग चुरुट और बीड़ी बनाने में होता | *इनका उपयोग चुरुट और बीड़ी बनाने में होता है। पौधों में टसर रेशम के कीड़े पाले जाते हैं। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
पंक्ति 14: | पंक्ति 14: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{वृक्ष}} {{ | {{वृक्ष}}{{औषधीय पौधे}} | ||
[[Category:वनस्पति विज्ञान]] | [[Category:वनस्पति विज्ञान]][[Category:वृक्ष]][[Category:वनस्पति कोश]][[Category:औषधीय पौधे]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
08:10, 23 अगस्त 2015 का अवतरण
कुंबी(अंग्रेज़ी-Careya arborea) एक पर्णपाती वृक्ष है, जो समस्त भारत में पाया जाता है। इसका लैटिन भाषा का नाम अरनोअरेआ है। इसकी ऊँचाई 9 से 18 मीटर तक होती है। इसका अंतकाष्ठ हल्का या गहरे लाल रंग का होता है। कुंबी की लकड़ी भारी तथा कठोर होती है।[1]
- कुंबी की लकड़ी का उपयोग कृषि औज़ारों, अलमारियों, बंदूक के कुंदों, घरों के खंभों और तख्तों के बनाने के काम आता है, यह परिरक्षी उपचार के बाद रेल के स्लीपर बनाने के लिए अच्छी मानी गई है।
- कनारा और मालाबार से काफी मात्रा में लकड़ी प्राप्त होती है।
- कुंबी का छाल रेशेदार होती है, जिसका उपयोग भूरे कागज और घटिया जहाजी रस्सों के बनाने में होता है।
- इसकी छाल ठंड में शामक के रूप में दी जाती है।
- इसका उपयोग चेचक एवं ज्वरहारी खुजली को नष्ट करने में होता है।
- फूलों की पर्णयुक्त कलियों में श्लेष्मा होता है। फल सुंगधित और खाद्य होते हैं। फल का काढ़ा पाचक होता है।
- इसमें कषाय गोंद पाए जाते हैं।
- कुंबी के बीज विषैले होते हैं। इसकी पत्तियों में 19 प्रतिशत टैनिन पाया जाता है।
- इनका उपयोग चुरुट और बीड़ी बनाने में होता है। पौधों में टसर रेशम के कीड़े पाले जाते हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख