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|चित्र=Chatrapati- | |चित्र=Chatrapati Shivaji-2.jpg | ||
|चित्र का नाम=छत्रपति शिवाजी महाराज | |चित्र का नाम=छत्रपति शिवाजी महाराज | ||
|विवरण=[[भारत]] के वे प्रमुख लोग, जो [[इतिहास]] में क्षेत्र रक्षक योद्धा और [[हिन्दू धर्म]] के समर्थक के रूप में विख्यात हैं, इनका गृहक्षेत्र, आज का [[मराठी]] भाषी क्षेत्र [[महाराष्ट्र|महाराष्ट्र राज्य]] है। | |विवरण=[[भारत]] के वे प्रमुख लोग, जो [[इतिहास]] में क्षेत्र रक्षक योद्धा और [[हिन्दू धर्म]] के समर्थक के रूप में विख्यात हैं, इनका गृहक्षेत्र, आज का [[मराठी]] भाषी क्षेत्र [[महाराष्ट्र|महाराष्ट्र राज्य]] है। | ||
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|पाठ 1='महरट्टा' या 'महरट्टी' | |पाठ 1='महरट्टा' या 'महरट्टी' | ||
|शीर्षक 2=स्थापना | |शीर्षक 2=स्थापना | ||
|पाठ 2=17वीं शताब्दी | |पाठ 2=17वीं [[शताब्दी]] | ||
|शीर्षक 3=भाषा | |शीर्षक 3=भाषा | ||
|पाठ 3=मराठी | |पाठ 3=[[मराठी]] | ||
|शीर्षक 4=राज्य | |शीर्षक 4=राज्य | ||
|पाठ 4=महाराष्ट्र | |पाठ 4=[[महाराष्ट्र]] | ||
|शीर्षक 5=मराठा युद्ध | |शीर्षक 5=मराठा युद्ध | ||
|पाठ 5=प्रथम- 1775-1782<br /> | |पाठ 5=[[आंग्ल-मराठा युद्ध प्रथम|प्रथम युद्ध]]- 1775-1782 ई.<br /> | ||
द्वितीय- 1803-1805<br /> | [[आंग्ल-मराठा युद्ध द्वितीय|द्वितीय युद्ध]]- 1803-1805 ई.<br /> | ||
तृतीय- 1817- | [[आंग्ल-मराठा युद्ध तृतीय|तृतीय युद्ध]]- 1817-1818ई. | ||
|शीर्षक 6= | |शीर्षक 6=मराठा जाति | ||
|पाठ 6=लगभग 6.5 करोड़ | |पाठ 6=लगभग 6.5 करोड़ | ||
|शीर्षक 7=प्रसिद्धि | |शीर्षक 7=प्रसिद्धि | ||
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|शीर्षक 10=विशेष | |शीर्षक 10=विशेष | ||
|पाठ 10= | |पाठ 10= | ||
|संबंधित लेख=[[ | |संबंधित लेख=[[शिवाजी]], [[शाहजी भोंसले]], [[जीजाबाई]], [[शम्भाजी]], [[शाहू]], [[ताराबाई]], [[बालाजी बाजीराव]], [[बालाजी विश्वनाथ]], [[बाजीराव प्रथम]], [[बाजीराव द्वितीय]] [[महाराष्ट्र]], [[तुकाराम]], [[मराठी]] | ||
|अन्य जानकारी=शिवाजी ने '[[हिन्दू पद पादशाही]]' एवं 'हिन्दुत्व धमोद्धारक' की उपाधि ग्रहण कर पुनः [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] की रक्षा का प्रण किया, जो मराठा उत्कर्ष का एक कारण रहा। इन सब कारणों के साथ मराठों के उत्थान में शिवाजी की भूमिका एवं उनके चमत्कारी व्यक्तित्व को भुलाया नहीं जा सकता। | |अन्य जानकारी=शिवाजी ने '[[हिन्दू पद पादशाही]]' एवं 'हिन्दुत्व धमोद्धारक' की उपाधि ग्रहण कर पुनः [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] की रक्षा का प्रण किया, जो मराठा उत्कर्ष का एक कारण रहा। इन सब कारणों के साथ मराठों के उत्थान में शिवाजी की भूमिका एवं उनके चमत्कारी व्यक्तित्व को भुलाया नहीं जा सकता। | ||
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07:48, 20 अप्रैल 2016 का अवतरण
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