"एहि बिधि राउ मनहिं मन झाँखा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(' {{सूचना बक्सा पुस्तक |चित्र=Sri-ramcharitmanas.jpg |चित्र का नाम=रा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
छो (Text replacement - "खरीद" to "ख़रीद")
 
पंक्ति 38: पंक्ति 38:


;भावार्थ
;भावार्थ
इस प्रकार राजा मन ही मन झींख रहे हैं। राजा का ऐसा बुरा हाल देखकर दुर्बुद्धि [[कैकेयी]] मन में बुरी तरह से क्रोधित हुई। (और बोली-) क्या [[भरत]] आपके पुत्र नहीं हैं? क्या मुझे आप दाम देकर खरीद लाए हैं? (क्या मैं आपकी विवाहिता पत्नी नहीं हूँ?)॥1॥  
इस प्रकार राजा मन ही मन झींख रहे हैं। राजा का ऐसा बुरा हाल देखकर दुर्बुद्धि [[कैकेयी]] मन में बुरी तरह से क्रोधित हुई। (और बोली-) क्या [[भरत]] आपके पुत्र नहीं हैं? क्या मुझे आप दाम देकर ख़रीद लाए हैं? (क्या मैं आपकी विवाहिता पत्नी नहीं हूँ?)॥1॥  


{{लेख क्रम4| पिछला= कवनें अवसर का भयउ|मुख्य शीर्षक=रामचरितमानस |अगला= जो सुनि सरु अस लाग तुम्हारें}}
{{लेख क्रम4| पिछला= कवनें अवसर का भयउ|मुख्य शीर्षक=रामचरितमानस |अगला= जो सुनि सरु अस लाग तुम्हारें}}

13:20, 15 नवम्बर 2016 के समय का अवतरण


एहि बिधि राउ मनहिं मन झाँखा
रामचरितमानस
रामचरितमानस
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक रामचरितमानस
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
शैली चौपाई, सोरठा, छन्द और दोहा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड अयोध्या काण्ड
चौपाई

एहि बिधि राउ मनहिं मन झाँखा। देखि कुभाँति कुमति मन माखा॥
भरतु कि राउर पूत न होंही। आनेहु मोल बेसाहि कि मोही॥1॥

भावार्थ

इस प्रकार राजा मन ही मन झींख रहे हैं। राजा का ऐसा बुरा हाल देखकर दुर्बुद्धि कैकेयी मन में बुरी तरह से क्रोधित हुई। (और बोली-) क्या भरत आपके पुत्र नहीं हैं? क्या मुझे आप दाम देकर ख़रीद लाए हैं? (क्या मैं आपकी विवाहिता पत्नी नहीं हूँ?)॥1॥


पीछे जाएँ
पीछे जाएँ
एहि बिधि राउ मनहिं मन झाँखा
आगे जाएँ
आगे जाएँ


चौपाई- मात्रिक सम छन्द का भेद है। प्राकृत तथा अपभ्रंश के 16 मात्रा के वर्णनात्मक छन्दों के आधार पर विकसित हिन्दी का सर्वप्रिय और अपना छन्द है। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में चौपाई छन्द का बहुत अच्छा निर्वाह किया है। चौपाई में चार चरण होते हैं, प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं तथा अन्त में गुरु होता है।




पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख