"प्रयोग:रिंकू": अवतरणों में अंतर
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{[[तेजाजी]] के पुजारी को क्या कहते हैं?(धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D102 प्रश्न-21 | |||
|type="()"} | |||
+घोड़ेला | |||
-पंडा | |||
-पुजारी | |||
-महाराज | |||
{संत जाम्भोजी का जन्म [[नागौर]] जिले के किस कस्बे में हुआ था? (धरोहर् राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D105 प्रश्न-82 | |||
|type="()"} | |||
-पीपाड़ | |||
-[[पीलवा]] | |||
-बूड़सू | |||
+पीपासर | |||
{बढ़ार का भोज किस अवसर पर रखा जाता है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D108 प्रश्न-131 | |||
|type="()"} | |||
-तीर्थयात्रा | |||
-जन्म | |||
+[[विवाह]] | |||
-[[मृत्यु]] | |||
{[[राजस्थान]] में महिलाओं द्वारा सौभाग्य सूचन के रूप में किस आभूषण को प्रयोग में लाया जाता है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D112 प्रश्न-197 | |||
|type="()"} | |||
-बाली | |||
-झुमका | |||
-तकड़ी | |||
+बोरला | |||
{[[पुष्कर]] मेला भरता है- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D116 प्रश्न-284 | |||
|type="()"} | |||
+कार्तिक पूर्णिमा को | |||
-कार्तिक अमावस्या को | |||
-कार्तिक नवमी को | |||
-फाल्गुन की पूर्णिमा को | |||
{[[होली]] उत्सव के सम्बन्ध में कौन सा कथन गलत है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D122 प्रश्न-372 | |||
|type="()"} | |||
+[[होली]] का त्योहार [[फाल्गुन]] शुक्ला तृतीय को मनाया जाता है | |||
-पौराणिक कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप के नृशंस शासन का इस दिन अंत हुआ था और प्रहलाद की भक्ति की विजय हुई थी | |||
-इस अवसर पर होली की पूजा की जाती है | |||
-नृत्य, गान और गुलाव से त्योहार के महत्त्व को प्रदर्शित किया जाता है | |||
{किस शैली में चाँदी व मोतियों का प्रयोग क्षेत्र हैं? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D169 प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-बीकानेर शैली | |||
-मेवाड़ शैली | |||
-देवगढ़ शैली | |||
+ढूंढाड़ शैली | |||
{इनमें से कौन सा वह किला है जिसका निर्माण मौर्य राजा चित्रगांव ने करवाया था? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D175 प्रश्न-100 | |||
|type="()"} | |||
+चित्तौड़ का किला | |||
-नागौर का किला | |||
-बीकानेर का किला | |||
-बयाना का किला | |||
{1213 को मेवाड़ की गद्दी पर बैठा था-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E55 प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
+जैत्रसिंह | |||
-तेजसिंह | |||
-समर सिंह | |||
-रत्नसिंह | |||
{चूड़ावत जी थी--(धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E105 प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
+जयपुर की राजमाता | |||
-अलवर की राजमाता | |||
-दौसा की राजमाता | |||
-करौली की राजमाता | |||
{वीर तेजाजी का विवाह किसके साथ हुआ था? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D102 प्रश्न-22 | |||
|type="()"} | |||
-नेतलदे | |||
+पेमल | |||
-मेणादे | |||
-सुगना देवी | |||
{जाम्भोजी के अनुयायियों को क्या कहते हैं? (धरोहर् राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D105 प्रश्न-82 | |||
|type="()"} | |||
-चारण | |||
-राजपूत | |||
+विश्नोई | |||
-मीणा | |||
{तोरण मारना प्रतीक है-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D108 प्रश्न-132 | |||
|type="()"} | |||
+विजय का | |||
-विवाह का | |||
-वधु की पसन्दगी का | |||
-किला फतेह करने का | |||
{मेमन्द किसे कहते हैं? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D112 प्रश्न-198 | |||
|type="()"} | |||
-हाथ में पहने जाने वाले आभूषण को | |||
-पैर में चहने जाने वाले आभूषण को | |||
-कमर में पहने जाने वाले आभूषण को | |||
+सिर पर पहने जाने वाले आभूषण को | |||
{अजमेर में उर्स का मेला किसकी दरगाह पर लगता है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D116 प्रश्न-285 | |||
|type="()"} | |||
-ख्वाजा सलीम चिश्ती | |||
+ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती | |||
-ख्वाजा शेर जंग | |||
-उपर्युक्त सभी | |||
{दशहरा त्योहार के सम्बन्ध में कौन सा कथब गलत है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D122 प्रश्न-373 | |||
|type="()"} | |||
+यह त्योहार अधिन शुक्ला अष्टमी को मनाया जाता है। | |||
-राजस्थान में शौर्य की प्रमुखता के कारण दशहरे का अधिक महत्त्व है। | |||
-ऐसी मान्यता है कि इसी दिन राम ने रावण पर विजय पाई थी और इसलिए इसका दूसरा नाम विजया-दशमी रखा गया। | |||
-यह क्षत्रियों का त्योहार है जिसे दुर्गा स्थापना व दुर्गाष्टमी और नवरात्रि से भी जोड़ दिया गया है। | |||
{ऊँट की खाल पर चित्रों का अंकन कौन सी शैली की विशेषता है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D169 प्रश्न-11 | |||
|type="()"} | |||
+बीकानेर शैली | |||
-मारवाड़ शैली | |||
-जोशपुर शैली | |||
-नाथद्वारा शैली | |||
{नाहरगढ़ का निर्माता है- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D175 प्रश्न-101 | |||
|type="()"} | |||
-वीर नारायण पँवार | |||
-महाराणा कुम्भा | |||
-महाराजा मानसिंह प्रथम | |||
+महाराजा सवाई जयसिंह | |||
{मेवाड़ के जिस राजा को अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण का सामना करना पड़ा, उस शासन का नाम था-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E55 प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
-जैत्रसिंह | |||
+रत्नसिंह | |||
-समर सिंह | |||
-तेजसिंह | |||
{भीमाबाई किनकी पुत्री थी? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E106 प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
+यशवंत राय होल्कर | |||
-तुकाजीराव | |||
-मल्लसर्ण | |||
-रूहसुर्जा | |||
{लाछा गूजरी की गायें मेर के मीणाओं से छुड़ाने में अपने प्राणों की आहूति किसने दी थी? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D102 प्रश्न-23 | |||
|type="()"} | |||
-हड़बूजी | |||
-ताहड़जी | |||
+तेजाजी | |||
-गोगाजी | |||
{पर्यावरण वैज्ञानिक के नाम से किस लोक संत को जाना जाता है? (धरोहर् राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D105 प्रश्न-83 | |||
|type="()"} | |||
-संत जसनाथ को | |||
-संत पीपा को | |||
+जाम्भोजी को | |||
-संत रैदास को | |||
{राजस्थान में आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में बाल-विवाह किस अवसर पर किए जाते हैं? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D108 प्रश्न-133 | |||
|type="()"} | |||
-दशहरा | |||
+अक्षय तृतीया | |||
-कार्तिक पूर्णिमा | |||
-दीपावली | |||
{गोखरू कि कहते है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D112 प्रश्न-199 | |||
|type="()"} | |||
-गले की सोने की जंजीर | |||
+कलाई में एक विशेष प्रकार का पहने जाने वाला कड़ा | |||
-पैरों में पहने जाने वाला आभूषण | |||
-उपर्युक्त सभी | |||
{खाटू श्याम जी का मेला लगता है-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D116 प्रश्न-286 | |||
|type="()"} | |||
-जयपुर | |||
+सीकर | |||
-अजमेर | |||
-चूरू | |||
{राजस्थान का वह मेला जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को आयोजित किया जाता है-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D122 प्रश्न-374 | |||
|type="()"} | |||
-वीर तेजा | |||
-बाबा रामदेव का मेला | |||
+कोलायत का मेला | |||
-कैलादेवी का मेला | |||
{बीकानेर शैली के प्रसिद्ध कलाकार कौन थे? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D169 प्रश्न-12 | |||
|type="()"} | |||
-रामलाल व अहमद | |||
+रामलाल वा अलीरजा दसन | |||
-नागरी दास व सावंत सिंह | |||
-अनूपसिंह व रामलाल | |||
{निम्न में से कौन सा कथन गलत है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D175 प्रश्न-102 | |||
|type="()"} | |||
-कहा जाता है कि गढ़ तो चित्तौड़गड़ बाकी सब गढ़ैया। | |||
-गागरोण का किला जल दुर्ग है। | |||
+जैसलमेर किले के निर्माण वीर नारायण पंवार ने दसवीं शताब्दी में करवाया था। | |||
-बूँदी के किले को तारागढ़ भी कहा गया है। | |||
{चित्तौड़ के दुर्ग की समुद्र की सतह से ऊँचाई है-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E55 प्रश्न-3 | |||
|type="()"} | |||
-1000 फुट | |||
-1500 फुट | |||
+1850 फुट | |||
-2150 फुट | |||
{भीमाबाई की मातृभाषा थी- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E106 प्रश्न-3 | |||
|type="()"} | |||
-हिन्दी | |||
-संस्कृत | |||
+मराठी | |||
-पंजाबी | |||
{तेजाजी की घोड़ी का क्या नाम था? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D102 प्रश्न-24 | |||
|type="()"} | |||
-केसर कालमी | |||
-मेतल | |||
+लिवण | |||
-मूमल | |||
{संत जसनाथ का जन्म कब हुआ था? (धरोहर् राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D105 प्रश्न-84 | |||
|type="()"} | |||
-1415 वि.स. | |||
-1305 वि.स. | |||
+1539 वि.स. | |||
-1540 वि.स. | |||
{गरसिया जनजाति में मुख्यत: कितने प्रकार के विवाह प्रचलित हैं? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D108 प्रश्न-134 | |||
|type="()"} | |||
-4 | |||
+3 | |||
-2 | |||
-1 | |||
{अंगूठे व उंगलियों के छल्ले को चैन से जोड़कर पायल की तरह पैर के ऊपर हुआ से जोड़ा जाता है। उसमें जड़ाई का काम भी किया जाता है तथा हथफूल की तरह होता है। इस आभूषण का नाम है-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D112 प्रश्न-200 | |||
|type="()"} | |||
-लच्छै | |||
-तीन का | |||
-तोड़े | |||
+पंगपान | |||
{शीतला माता का मेला कहाँ भरता है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D116 प्रश्न-287 | |||
|type="()"} | |||
-चौमूं में | |||
-बेणेश्वर में | |||
-पुष्कर में | |||
+चाकसू में | |||
{निम्न में से कौन सा कथन गलत है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D122 प्रश्न-375 | |||
|type="()"} | |||
-भर्तृहरि नामक तीर्थस्थल अलवर से लगभग 35 किसी. दूर है। | |||
-भर्तृहरि नाथ सम्प्रदाय के एक महान् संत थे। | |||
-भर्तृहरि उज्जैन के लोकप्रिय शासक थे। | |||
+भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को भर्तृहरि मेले का आयोजन किया जाता है | |||
{किशनगढ़ शैली का काल कब से कब तक माना गया है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D169 प्रश्न-13 | |||
|type="()"} | |||
+1699 से 1794 | |||
-1792 से 1854 | |||
-1918 से 1718 | |||
-1650 से 1794 | |||
{राजस्थान का वह किला जिसका निर्माण चौहान नरेश सोमेश्वर ने आरम्भ करवाया था- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D175 प्रश्न-103 | |||
|type="()"} | |||
+नागौर का किला | |||
-बीकानेर का किला | |||
-भैंसरोड़गढ़ | |||
-भटनेर दुर्ग | |||
{एक विशाल सेना को लेकर अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली से चित्तौड़ की ओर प्रस्थान किया था- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E55 प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
-28 जनवरी, 1203 | |||
-28 जनवरी, 1253 | |||
-28 जनवरी, 1280 | |||
+28 जनवरी, 1303 | |||
{ताराबाई थी- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E106 प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
+शिवाजी की पुत्रवधू | |||
-महाराणा की पुत्रवधू | |||
-मराठा की पुत्रवधू | |||
-राजपुताना की पुत्रवधू | |||
{वीर तेजाजी का मूल स्थान कौस-सा था? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D102 प्रश्न-25 | |||
|type="()"} | |||
-भूंडेल | |||
+सैदरिया | |||
-मिण्डकिया | |||
-रूपनगढ़ | |||
{नाथ सम्प्रदाय में 36 नियमों का पालन करने वाले क्या कहलाते थे? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D105 प्रश्न-85 | |||
|type="()"} | |||
+जसनाथी | |||
-जसलोगजी | |||
-विश्वोई | |||
-दादूदयाल | |||
{जब बारात वधु पक्ष के घर पहुँचती है तो वधु पक्ष वाले वर पक्ष की अगवानी करत हैं। इसे कहते हैं-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D108 प्रश्न-135 | |||
|type="()"} | |||
-आगुणी | |||
+सामेता | |||
-समदोला | |||
-उक्त सभी | |||
{चंपाकली, चन्दनहार, उर्वसी, पोत आदि नाम राजस्थान में किस गहने के पर्याय हैं? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D112 प्रश्न-201 | |||
|type="()"} | |||
+हंसली | |||
-मुकमाला | |||
-हार | |||
-सुमर्गी | |||
{केसरियानाथ जी का मेला चैत्र बुदी अष्टमी को कहाँ पर लगता है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D116 प्रश्न-288 | |||
|type="()"} | |||
+मेवाड़ के धलेव गाँव में | |||
-मेवाड़ के चारभुजा गाँव में | |||
-रेश्मी गाँव (चित्तौड़गढ़)में | |||
-कोलायत गाँव (बीकानेर) में | |||
{राजस्थान के पर्वों में सर्वोपरि पर्व है-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D122 प्रश्न-376 | |||
|type="()"} | |||
-होली | |||
-दीपावली | |||
+दशहरा | |||
-गणगौर | |||
{कौन-सा चित्रकार नागरी दास के नाम से विख्यात है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D169 प्रश्न-14 | |||
|type="()"} | |||
-डॉ. फय्याज अली | |||
-रामलाल | |||
+सावंत सिंह | |||
-राय सिंह | |||
{राजस्थान का वह दुर्ग जो बनास, बेडच और मेनाल नदियों के त्रिवेणी संगम के निकट स्थित है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D175 प्रश्न-104 | |||
|type="()"} | |||
-गागरोण का दुर्ग | |||
-भैंसरोड़गढ़ | |||
-भटनेर दुर्ग | |||
+माण्डलगढ़ | |||
{26 अगस्त, 1303 को अलाउद्दीन खिलजी का अधिकार हो गया था-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E55 प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
+चित्तौड़ के दुर्ग पर | |||
-रणथम्भौर के दुर्ग पर | |||
-सिवाना के दुर्ग पर | |||
-मांडल के दुर्ग पर | |||
{ताराबाई का जन्म हुआ था- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E106 प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
-1775 | |||
-1886 | |||
+1675 | |||
-1434 | |||
{नागौर जिले के किस गाँव में तेजाजी की स्मृति में मेला भरता हैं? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D102 प्रश्न-26 | |||
|type="()"} | |||
-अनंतपुरा | |||
-भरनाई | |||
+परबतसर | |||
-हरनाव | |||
{संत दादूदयाल जी के गुरु का क्या नाम था? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D105 प्रश्न-86 | |||
|type="()"} | |||
-विवेकानन्द | |||
-गुरु नानक | |||
+वृद्धानन्द | |||
-रामानन्द | |||
{शादी से पहले वर की माता वर को दूध पिलाती है, इससे क्या तात्पर्य है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D108 प्रश्न-136 | |||
|type="()"} | |||
+माता अपने पुत्र को याद दिलाती है कि तू अपना कर्त्तव्य दृढ़ निश्चय से पूरा करना और मेरे की लाख रखना। | |||
-माता अपने पुत्र को अखिरी बार दूध पिलाती है। | |||
-माता अपने पुत्र को दूध पिलाकर यह साबित करती है कि यह मेरा पुत्र है। | |||
-इनमें से कोई नहीं। | |||
{टड्डा का नाम है-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D112 प्रश्न-202 | |||
|type="()"} | |||
+कड़ा | |||
-बाजूबंद | |||
-बाहुबंद | |||
-गोखरू | |||
{राज्य में महाभारत काल से प्रसिद्ध बैराठ कस्बे में कौन सा मेला लगता हैं? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D116 प्रश्न-289 | |||
|type="()"} | |||
-पाण्डव पर्व मेला | |||
-देवी पर्व मेला | |||
-बैराठ पशु मेला | |||
+बाणगंगा मेला | |||
{राजस्थान का वह मेला जिसका प्रमुख आकर्षण लांगुरिया नृत्य है-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D122 प्रश्न-377 | |||
|type="()"} | |||
-बेणेश्वर का मेला | |||
-भर्तृहरि का मेला | |||
-चन्द्रभाग का मेला | |||
+कैलादेवी का मेला | |||
{किस शैली को प्रकाश में लाने का श्रेय डॉ. फय्याज अली को है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D169 प्रश्न-15 | |||
|type="()"} | |||
-मारवाड़ शैली | |||
-अलवर शैली | |||
-हाड़ौती शैली | |||
+किशनगढ़ शैली | |||
{देवगिरी नामक पहाड़ी पर स्थित किला है- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D175 प्रश्न-105 | |||
|type="()"} | |||
+दौसा का किला | |||
-अलवर का किला | |||
-रतनगढ़ का किला | |||
-कुचामन का किला | |||
{पद्मावत की रचना की थी- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E55 प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-अबुल फजल ने | |||
+मलिक मुहम्मद जायसी की | |||
-अमीर खुसरो ने | |||
-दरिश्ता ने | |||
{ताराबाई का निवास स्थान है- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E106 प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-रागयढ़ | |||
+पन्हाला | |||
-तेजपुर | |||
-रायजदा | |||
{"काला और बाला" व कृषि कार्यों का उपकारक देवता किसे माना जाता है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D102 प्रश्न-27 | |||
|type="()"} | |||
-बजरंत बली | |||
-गोगाजी | |||
-पाबूजी | |||
+तेजाजी | |||
{दादू पंथ के सत्संग को किस नाम से जाना जाता है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D105 प्रश्न-87 | |||
|type="()"} | |||
-अलखपुरी | |||
+अलख दरिबा | |||
-खो दरिबा | |||
-चन्देरिया | |||
{राजस्थान में विवाह के उपरांत जब पत्नी को स्थाई तौर पर लड़के वाले अपने घर लाते हैं वह है- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D108 प्रश्न-137 | |||
|type="()"} | |||
-सामेला | |||
+गौना | |||
-पगडी | |||
-मौसर | |||
{वाटी, चूनी व चाप आदि किस अंग की शोभा बढ़ाने वाले अलंकार हैं? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D112 प्रश्न-203 | |||
|type="()"} | |||
-गला | |||
-कान | |||
-कमर | |||
+नाक | |||
{घूघरे मेले का आयोजन आदिवासी कहते हैं-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D116 प्रश्न-290 | |||
|type="()"} | |||
-आषाढ़ में | |||
+पौष में | |||
-फाल्गुन में | |||
-कार्तिक में | |||
{राजस्थान का वह मेला जिसे भीलकुम्भ कहा जाता है-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D122 प्रश्न-378 | |||
|type="()"} | |||
-भर्तृहति का मेला | |||
+वेणेश्र्वत का मेला | |||
-गोगामेडी का मेला | |||
-चन्द्रभाग का मेला | |||
{"बणी-ठणी" चित्रकारी किसके द्वारा बनाई गयी? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D169 प्रश्न-16 | |||
|type="()"} | |||
-सावंत सिंह | |||
-सुरजन सिंह | |||
+मोरध्वज निहालचंद | |||
-रामलाल | |||
{यदि यूरोपीय तकनीक को अपनाते हुए अजमेर के किले का जीर्णोद्धार किया जाये तो यह दूसरा जिब्राल्टर बन सकता है। यह कथन है।(धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D175 प्रश्न-106 | |||
|type="()"} | |||
-कर्नल जेम्स टॉड का | |||
-डॉ. दशरथ शर्मा का | |||
+विशप हैबर का | |||
-डॉ. गोपीनाथ शर्मा का | |||
{"राजस्थान इतिहास कांग्रेस" का उदयपुर में आयोजन हुआ था-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E55 प्रश्न-7 | |||
|type="()"} | |||
-1669 में | |||
-1769 में | |||
+1963 में | |||
-1869 में | |||
{ताराबाई की मृत्यु हुई थी- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E106 प्रश्न-7 | |||
|type="()"} | |||
+4 जनवरी, 1750 | |||
-6 जनवरी, 1950 | |||
-4 जनवरी, 1472 | |||
-8 जनवरी, 1772 | |||
{प्रसिद्ध लोक देवता पाबूजी का जन्म कब हुआ था? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D102 प्रश्न-28 | |||
|type="()"} | |||
-1240 ई. | |||
-1235 ई. | |||
-1105 ई. | |||
+1239 ई. | |||
{संत पीपाजी के गुरु का क्या नाम था? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D105 प्रश्न-88 | |||
|type="()"} | |||
-वृद्धनन्द | |||
-रामचरण | |||
-रामानुज | |||
+रामानंद | |||
{रेबारी जाति के लोगों में दूल्हा किस पशु पर सवार होकर जाता है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D108 प्रश्न-138 | |||
|type="()"} | |||
-घोड़ी | |||
-बग्धी | |||
+ऊँट | |||
-खच्चर् | |||
{हाथ में पहने जाने वाले राजस्थानी आभूषण है- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D112 प्रश्न-204 | |||
|type="()"} | |||
-गोखरू | |||
-नवरत्न | |||
-हथफूल | |||
+उपर्युक्त सभी | |||
{गोकुल आठम मेला किस तिथि पर लगता है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D116 प्रश्न-291 | |||
|type="()"} | |||
-आसोज्न बुदी 5 | |||
-भादवा बुदी 6 | |||
+कृष्ण जन्माष्टमी | |||
-कार्तिक सुदी 5 | |||
{उर्स मेले की आयोजन तिथि है-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D122 प्रश्न-379 | |||
|type="()"} | |||
-प्रतिवर्ष रज्जब की एक से तीन तारीख तक | |||
-प्रतिवर्ष रज्जब की एक से चार रारीख तक | |||
+प्रतिवर्ष रज्जब की एक से पाँच तारीख तक | |||
-प्रतिवर्ष रज्जब की एक से छ: तारीख तक | |||
{बूँदी शैली का सर्वाधिक विकास किसके समय हुआ? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D169 प्रश्न-17 | |||
|type="()"} | |||
-नागरीदास | |||
+राव सुरजन सिंह | |||
-डॉ. फय्याज अली | |||
-उम्मेद सिंह | |||
{राजस्थान का वह किला जो त्रिकुटाकृति का है और जिसे सोहनगढ़ और सोनारगढ़ भी कहा जाता है- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D175 प्रश्न-108 | |||
|type="()"} | |||
-चित्तौड़गड़ का किला | |||
+जैसलमेर का किला | |||
-जोधपुर का किला | |||
-बूँदी का किला | |||
{महाराणा लाखा मेवाड़ की गद्दी पर बैठा था- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E55 प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-1082 में | |||
-1182 में | |||
-1282 में | |||
+1382 में | |||
{जीजाबाई कौन थी? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E106 प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-अकबर की माता | |||
+शिवाजी की माता | |||
-मराठा की माता | |||
-कोई नहीं | |||
{पाबूजी के पिता का क्या नाम था? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D102 प्रश्न-29 | |||
|type="()"} | |||
-सूरजमल | |||
+धांधल जी | |||
-जयमल | |||
-ताहड़ जी | |||
{दर्जी समुदाय का इष्टदेव किसे माना जाता है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D105 प्रश्न-89 | |||
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-जाम्भोजी | |||
-संत रैदास | |||
+संत पीपा | |||
-जसनाथ | |||
{निम्न में से कौन-सा मेल अव्यवस्थित है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D108 प्रश्न-139 | |||
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-सामेला - 1.वधु पक्ष द्वारा बारात का अपने यहाँ आने पर स्वागत करना। | |||
-डावरिया - 2. दहेज के साथ कुंवारी कन्याएँ देने की प्रथा | |||
-रंगबरी - 3.बारात विदाई के समय बारातियों को दी गई भेंट | |||
+तोरण - 4.वर पक्ष द्वारा वधु को दिए गए कपड़े व जेवर | |||
{बुलाक आभूषण नाक में पहना जाता है, जबकि ठूसी नामक आभूषण पहनते हैं-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D112 प्रश्न-205 | |||
|type="()"} | |||
-सिर पर | |||
+गले पर | |||
-कान में | |||
-नाक में | |||
{किस आदिवादी जाति के लोग मेलों में अपना जीवन साथी चुनते हैं? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D116 प्रश्न-292 | |||
|type="()"} | |||
-भील | |||
-मीणा | |||
+सहरिया | |||
-गिरासिया | |||
{क्रिसमस- डे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है क्योंकि-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D122 प्रश्न-380 | |||
|type="()"} | |||
-इस दिन से सिन बड़ा और रात छोटी होने लगती है। | |||
-शिक्षण संस्थाओं में छुट्टियाँ हो जाती हैं। | |||
-इस दिन से सर्दी कम हो जाती है। | |||
+इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था। | |||
{महाराव उम्मेस सिंह के शासन में निर्मित चित्रशाला किस शैली का श्रेष्ठ उदाहरण है? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D169 प्रश्न-18 | |||
|type="()"} | |||
-किशनगढ़ शैली | |||
-जयपुर शैली | |||
+बूँदी शैली | |||
-कोटा शैली | |||
{राजपूतों के नगरों और किलों का निर्माण पहाड़ियों में हुआ, क्योंकि- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D175 प्रश्न-109 | |||
|type="()"} | |||
+वहाण शत्रुओं के विरुद्ध प्राकृतिक सुरक्षा के साधन थे। | |||
-वह प्रकृति प्रेमी थे। | |||
-वह नगर-जीवन से घृणा करते थे। | |||
-वह बर्बर थे। | |||
{"हम्मीर हठ" की रचना की थी- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E55 प्रश्न-9 | |||
|type="()"} | |||
-जोधराह ने | |||
+चन्द्रशेखर ने | |||
-जायसी ने | |||
-फरिश्ता ने | |||
{जीजाबाई पुत्री थी-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E106 प्रश्न-9 | |||
|type="()"} | |||
+जाधवराव | |||
-तेजपुर | |||
-राजमद | |||
-मराठा | |||
{पाबूजी की घोड़ी का क्या नाम था? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D105 प्रश्न-30 | |||
|type="()"} | |||
-लिलण | |||
-मूमल | |||
+केसर कालमी | |||
-पेमल | |||
{मीराबाई का जन्म नागौर जिले के किस गाँव में हुआ था? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D105 प्रश्न-90 | |||
|type="()"} | |||
-गोटन | |||
-बूड़सू | |||
-जाखली | |||
+मेड़ता | |||
{मृतक कोश्मशान ले जाने के लिए बांस अथवा लकड़ी की अर्थी तैयार की जाती है, उसे कहते है--(धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D108 प्रश्न-140 | |||
|type="()"} | |||
+बैकुण्ठी | |||
-अर्थी | |||
-अंत्येष्टि | |||
-स्वर्ग यात्रा | |||
{दामिनी, तावित, मेमन्द, फीणी, सांकली आदि आभूषण सम्बन्धित हैं-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D112 प्रश्न-206 | |||
|type="()"} | |||
+सिर व मस्तिष्क से | |||
-नाक से | |||
-कान से | |||
-गले से | |||
{सील डूँगरी का मेला राजस्थान के किस जिले में शीतला अष्टमी के दिन भरता है? | |||
|type="()"} | |||
-दौसा | |||
-पाली | |||
-जोधपुर | |||
+जयपुर | |||
{गुड फ्राइडे ईसाइयों का एक त्योहार है क्योंकि-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D122 प्रश्न-381 | |||
|type="()"} | |||
-इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था। | |||
-इस दिन ईसा मसीह पुनर्जीवित हो गये थे। | |||
-इस दि ईसा मसीह सूली पर लटकाये गये थे। | |||
+इस दिन पूजा, उपवास तथा विशेष प्रार्थना की जाती है। | |||
{जयपुर और दिल्ली शैली के मिश्रण से कौन सी शैली बनी? (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D169 प्रश्न-19 | |||
|type="()"} | |||
-मारवाड़ शैली | |||
-देवगढ़ शैली | |||
-आमेर शैली | |||
+अलवर शैली | |||
{वीर विनोद नामक ग्रंथ के अनुसार राजस्थान का वह किला जिसका निर्माण मौर्य नरेश चित्रण ने करवाया था और किले का नाम चित्रकोट रखा था- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं D175 प्रश्न-110 | |||
|type="()"} | |||
-कुम्भलगढ़ | |||
+चित्तौड़गढ़ | |||
-जयगढ़ | |||
-नाहरगढ़ | |||
{1296 में दिल्ली की गद्दी पर बैठा था-- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E56 प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-अलालुद्दीन | |||
-बलवन | |||
+अलाउद्दीन | |||
-इल्तुतमिश | |||
{जीजाबाई का विवाह हुआ था- (धरोहर राजस्थान समान्य ज्ञान,पृ.सं E106 प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-मालोजी | |||
-सुल्तान | |||
+शाह जी | |||
-अभय सिंह | |||
</quiz> | </quiz> | ||
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12:09, 29 जून 2016 का अवतरण
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