"धनबाद": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "॰" to ".") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
||
पंक्ति 29: | पंक्ति 29: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
== | ==संबंधित लेख== | ||
{{झारखण्ड के पर्यटन स्थल}} | {{झारखण्ड के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:झारखण्ड]][[Category:झारखण्ड_के_नगर]] [[Category:भारत के नगर]][[Category:पर्यटन कोश]] | [[Category:झारखण्ड]][[Category:झारखण्ड_के_नगर]] [[Category:भारत के नगर]][[Category:पर्यटन कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
14:42, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण
धनबाद | धनबाद पर्यटन | धनबाद ज़िला |
धनबाद भारत के झारखंड में स्थित एक शहर है जो कोयले की ख़ानों के लिए पूरे देश में मशहूर है। यह औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व वाणिज्यिक क्षेत्र में अग्रणी है। झारखंड में स्थित इस शहर को कोयला राजधानी नाम से भी जाना जाता है। यह भारत के उन चुनिंदा शहरों में से है जिसकी आबादी पूरी गति से बढ़ रही है।
पौराणिक महत्व
हिंदू पुराणों में देवताओं के चिकित्सक, दंतकथाओं के अनुसार देवताओं और असुरों ने क्षीर सागर के मंथन से निकले अमृत की आकांक्षा की थी और समुद्र से अमृत का कलश ले कर धन्वंतरि निकले थे। पारंपरिक हिंदू औषधि की महत्त्वपूर्ण पद्धति आयुर्वेद का श्रेय भी धन्वंतरि को जाता है। धन्वंतरि के नाम पर ही इस शहर का नाम धनबाद पड़ा। इस नाम का उपयोग अन्य अर्ध्द पौराणिक और ऐतिहासिक वैद्यों तथा एक पौराणिक राजा के लिये भी किया जाता है।
यातायात व परिवहन
सड़क व रेल मार्ग के लिए धनबाद झारखंड में अपना विशेष स्थान बना चुका है वहीं वायुमार्ग के दृष्टिकोण से बरवाअड्डा इकाई पट्टी के विस्तारीकरण का काम तेजी से चल रहा है।
शिक्षण संस्थान
शैक्षणिक संस्थानों में इस शहर को पूरे देश में गौरव प्राप्त है। जिसमें कुछ मुख्य संस्थान इस प्रकार है-
- इंडियन स्कूल ऑफ माइंस यूनिवर्सिटी- आई.एस.एम.यू
- बिहार इंस्ट्रीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
- बी.आई.टी सिदंरी
- सेंट्रल इंस्ट्रीट्यूट फ़ॉर माइनिंग एण्ड फ्युअल रिसर्च (सी.आई.एम.एफ.आर)
पर्यटन
पर्यटन के लिहाज़ से भी यहाँ की खदानें काफी महत्वपूर्ण है। देश विदेश से बड़ी संख्या में लोग इन खदानों को देखने आते है। इसके अलावा यहाँ एक भव्य दुर्गा मन्दिर है जो दीयपुर दलमी के नाम से जाना जाता है।
|
|
|
|
|