"नज़ीर अहमद देहलवी": अवतरणों में अंतर
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==साहित्यिक योगदान तथा कृतियाँ== | ==साहित्यिक योगदान तथा कृतियाँ== | ||
नज़ीर अहमद [[इस्लाम धर्म]] तथा [[अरबी भाषा]] के विद्वान् और [[उर्दू]] के सिद्धहस्त अनुवादक थे। इन्होंने इंडियन पीनल कोड के अतिरिक्त कानून की अन्य कई पुस्तकों का अनुवाद किया। ये 19वीं सदी के एक विख्यात भारतीय सामाजिक व धार्मिक सुधारक भी थे। | नज़ीर अहमद [[इस्लाम धर्म]] तथा [[अरबी भाषा]] के विद्वान् और [[उर्दू]] के सिद्धहस्त अनुवादक थे। इन्होंने इंडियन पीनल कोड के अतिरिक्त कानून की अन्य कई पुस्तकों का अनुवाद किया। ये 19वीं सदी के एक विख्यात भारतीय सामाजिक व धार्मिक सुधारक भी थे। क़ुरआन के सुंदर अनुवाद के साथ कई धार्मिक पुस्तकें भी आपने लिखीं। उर्दू [[भाषा]] में [[उपन्यास]] लेखन के यह एक बड़े स्तंभ माने जाते हैं। उन्होंने ने स्त्रियोपयोगी कई उपन्यास भी स्वच्छ भाषा में लिखे हैं, जिनके नाम 'मिरात उल-उरूस' तथा 'बिनत उल-नाश' हैं। 'इब्न-उल वक़्त', 'तौबत उल-नसूह', 'ख्यायसादिक' आदि अन्य उपन्यास हैं। उन्हें 'शम्मुल उलेमा' की पदवी भी मिली थी। | ||
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उनका निधन सन् [[1912]] ईसवी में हुआ था। | उनका निधन सन् [[1912]] ईसवी में हुआ था। |
10:33, 5 जुलाई 2017 का अवतरण
नज़ीर अहमद देहलवी
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पूरा नाम | नज़ीर अहमद देहलवी |
अन्य नाम | डिप्टी नज़ीर अहमद |
जन्म | 1830 |
जन्म भूमि | बिजनौर |
मृत्यु | 1912 |
कर्म भूमि | भारतीय |
मुख्य रचनाएँ | 'मिरात उल-उरूस', 'बिनत उल-नाश', 'इब्न-उल वक़्त', 'तौबत उल-नसूह', 'ख्यायसादिक' आदि उपन्यास हैं। |
भाषा | अरबी , उर्दू |
विशेष योगदान | यह इस्लाम धर्म तथा अरबी भाषा के विद्वान और उर्दू के सिद्धहस्त अनुवादक थे। |
नागरिकता | भारतीय |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
नज़ीर अहमद देहलवी (अंग्रेज़ी- Nazir Ahmad Dehlvi ; जन्म- 1830 ई.; मृत्यु- 1912 ई.) 19वीं सदी के एक विख्यात भारतीय उर्दू लेखक, विद्वान और सामाजिक व धार्मिक सुधारक थे। इन्हें इस्लाम धर्म तथा अरबी भाषा के विद्वान् और उर्दू के सिद्धहस्त अनुवादक के रूप में भी ख्याति प्राप्त थी। इन्हें आमतौर पर डिप्टी नज़ीर अहमद बुलाया जाता था।[1]
जीवन परिचय
नज़ीर अहमद का जन्म सन् 1830 ईसवी में बिजनौर ज़िले के रेहड़ ग्राम में हुआ था। ये एक मौलवियों के परिवार से थे। उनके पिता बिजनौर ज़िले में अरबी तथा फ़ारसी पढाया करते थे। ये साधारण शिक्षा प्राप्त कर यह दिल्ली चले आए और यहीं के कॉलेज में पढ़े भी थे। यह अध्यापक से डिप्टी इंस्पेक्टर तथा इंस्पेक्टर भी चुने गये थे। उन्होंने सन् 1861 ईसवी में इंडियन पीनल कोड का अनुवाद किया था, जिससे यह तहसीलदार नियुक्त हुए और इसके अनंतर डिप्टी कलेक्टर हुए। कुछ समय के लिए यह हैदराबाद चले गए थे और कई उच्च पदों पर कार्य करने के अनंतर पेंशन लेकर यह दिल्ली लौट आए। यहीं से उन्होंने अंत तक साहित्य सेवा भी की थी।[1]
साहित्यिक योगदान तथा कृतियाँ
नज़ीर अहमद इस्लाम धर्म तथा अरबी भाषा के विद्वान् और उर्दू के सिद्धहस्त अनुवादक थे। इन्होंने इंडियन पीनल कोड के अतिरिक्त कानून की अन्य कई पुस्तकों का अनुवाद किया। ये 19वीं सदी के एक विख्यात भारतीय सामाजिक व धार्मिक सुधारक भी थे। क़ुरआन के सुंदर अनुवाद के साथ कई धार्मिक पुस्तकें भी आपने लिखीं। उर्दू भाषा में उपन्यास लेखन के यह एक बड़े स्तंभ माने जाते हैं। उन्होंने ने स्त्रियोपयोगी कई उपन्यास भी स्वच्छ भाषा में लिखे हैं, जिनके नाम 'मिरात उल-उरूस' तथा 'बिनत उल-नाश' हैं। 'इब्न-उल वक़्त', 'तौबत उल-नसूह', 'ख्यायसादिक' आदि अन्य उपन्यास हैं। उन्हें 'शम्मुल उलेमा' की पदवी भी मिली थी।
निधन
उनका निधन सन् 1912 ईसवी में हुआ था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 नज़ीर अहमद देहलवी (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 29 जुलाई, 2015।
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