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|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">एक त्योहार</font>
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<div style="padding:3px">[[चित्र:Rakhi-3.jpg|right|100px|link=रक्षाबन्धन|border]]</div>
<div style="padding:3px">[[चित्र:The-Atomic-bomb-mushroom-cloud-over-Hiroshima.jpg|right|100px|link=हिरोशिमा दिवस|border]]</div>
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         '''[[रक्षाबन्धन]]''' का अर्थ है (रक्षा+बंधन) अर्थात किसी को अपनी रक्षा के लिए बांध लेना। भारतीय परम्परा में विश्वास का बन्धन ही मूल है और रक्षाबन्धन इसी विश्वास का पर्व है। यह पर्व मात्र रक्षा-सूत्र के रूप में [[राखी]] बाँधकर रक्षा का वचन ही नहीं देता वरन् प्रेम, समर्पण, निष्ठा व संकल्प के जरिए हृदयों को बाँधने का भी वचन देता है। पहले रक्षाबन्धन बहन-भाई तक ही सीमित नहीं था, अपितु आपत्ति आने पर अपनी रक्षा के लिए अथवा किसी की आयु और आरोग्य की वृद्धि के लिये किसी को भी रक्षा-सूत्र (राखी) बांधा या भेजा जाता था। भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] ने [[गीता]] में कहा है कि- ‘मयि सर्वमिदं प्रोतं सूत्रे मणिगणा इव’- अर्थात ‘सूत्र’ अविच्छिन्नता का प्रतीक है, क्योंकि सूत्र (धागा) बिखरे हुए मोतियों को अपने में पिरोकर एक माला के रूप में एकाकार बनाता है। माला के सूत्र की तरह रक्षा-सूत्र (राखी) भी लोगों को जोड़ता है। [[श्रावण]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] की [[पूर्णिमा]] को भारतवर्ष में भाई-बहन के प्रेम व रक्षा का पवित्र त्योहार 'रक्षाबन्धन' मनाया जाता है।  [[रक्षाबन्धन|... और पढ़ें]]
         '''[[हिरोशिमा दिवस]]''' 6 अगस्त को कहा जाता है। [[अमेरिका]] ने [[6 अगस्त]], [[1945]] के दिन [[जापान]] के हिरोशिमा नगर पर ‘लिटिल बॉय’ नामक यूरेनियम बम गिराया था। इस बम के प्रभाव से 13 वर्ग कि.मी. में तबाही मच गयी थी। हिरोशिमा की 3.5 लाख की आबादी में से एक लाख चालीस हज़ार लोग एक झटके में ही मारे गए। ये सब सैनिक नहीं थे। इनमें से अधिकांश साधारण नागरिक, बच्चे, बूढ़े तथा स्त्रियाँ थीं। इसके बाद भी अनेक वर्षों तक अनगिनत लोग विकिरण के प्रभाव से मरते रहे। इस अमानवीय विनाश के तीन दिन बाद ही [[9 अगस्त]] को ‘फ़ैट मैन’ नामक प्लूटोनियम बम नागासाकी पर गिराया गया, जिसमें अनुमानित 74 हज़ार लोग विस्फोट व गर्मी के कारण मारे गए। इनमें भी अधिकांश निरीह नागरिक थे। [[हिरोशिमा दिवस|... और पढ़ें]]</poem>
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06:57, 6 अगस्त 2016 का अवतरण

एक आलेख

        हिरोशिमा दिवस 6 अगस्त को कहा जाता है। अमेरिका ने 6 अगस्त, 1945 के दिन जापान के हिरोशिमा नगर पर ‘लिटिल बॉय’ नामक यूरेनियम बम गिराया था। इस बम के प्रभाव से 13 वर्ग कि.मी. में तबाही मच गयी थी। हिरोशिमा की 3.5 लाख की आबादी में से एक लाख चालीस हज़ार लोग एक झटके में ही मारे गए। ये सब सैनिक नहीं थे। इनमें से अधिकांश साधारण नागरिक, बच्चे, बूढ़े तथा स्त्रियाँ थीं। इसके बाद भी अनेक वर्षों तक अनगिनत लोग विकिरण के प्रभाव से मरते रहे। इस अमानवीय विनाश के तीन दिन बाद ही 9 अगस्त को ‘फ़ैट मैन’ नामक प्लूटोनियम बम नागासाकी पर गिराया गया, जिसमें अनुमानित 74 हज़ार लोग विस्फोट व गर्मी के कारण मारे गए। इनमें भी अधिकांश निरीह नागरिक थे। ... और पढ़ें

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