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| {{सूचना बक्सा पर्यटन | | {{सूचना बक्सा नदी |
| |चित्र=Sheshnag-Lake-Amarnath.jpg | | |चित्र=Devprayag-Ganga-Formation.jpg |
| |चित्र का नाम=शेषनाग झील, अमरनाथ | | |चित्र का नाम=भागीरथी नदी |
| |विवरण=[[अमरनाथ]] [[शिव|भगवान शिव]] के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्योंकि यहीं पर भगवान शिव ने माँ [[पार्वती]] को अमरत्व का रहस्य बताया था। | | |अन्य नाम= |
| |राज्य=[[जम्मू एवं कश्मीर]]
| | |देश= |
| |केन्द्र शासित प्रदेश=
| | |राज्य=[[उत्तराखंड]] |
| |ज़िला= | | |प्रमुख नगर= |
| |निर्माता= | | |अपवाह= |
| |स्वामित्व=
| | |उद्गम स्थल= |
| |प्रबंधक=
| | |विसर्जन स्थल= |
| |निर्माण काल=
| | |प्रवाह समय= |
| |स्थापना=
| | |लम्बाई=25 किमी. |
| |भौगोलिक स्थिति=
| | |अधिकतम गहराई= |
| |मार्ग स्थिति=यह [[जम्मू]] - [[कश्मीर]] राज्य के श्रीनगर शहर के उत्तर - पूर्व में 141 किलोमीटर दूर समुद्र तल से 3,888 मीटर (12,756 फुट) की ऊंचाई पर स्थित है।
| | |अधिकतम चौड़ाई= |
| |मौसम=
| | |इससे जुड़ी नहरें= |
| |तापमान=
| | |जलचर= |
| |प्रसिद्धि=यहाँ की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ़ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इस 'स्वयंभू हिमानी शिवलिंग' भी कहते हैं। | | |सहायक नदियाँ=[[बद्रीनाथ]], [[अलकनंदा]], [[हुगली नदी]], [[गंगोत्री]], आदि। |
| |कब जाएँ=कभी भी
| | |पौराणिक उल्लेख= |
| |कैसे पहुँचें= | | |धार्मिक महत्त्व= |
| |हवाई अड्डा= | | |ऐतिहासिक महत्त्व= |
| |रेलवे स्टेशन= | | |वर्तमान स्थिति= |
| |बस अड्डा= | | |गूगल मानचित्र= |
| |यातायात=बस, कार, ऑटो आदि | | |शीर्षक 1= |
| |क्या देखें=
| | |पाठ 1= |
| |कहाँ ठहरें=
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| |क्या खायें=
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| |क्या ख़रीदें=
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| |एस.टी.डी. कोड= | |
| |ए.टी.एम= | |
| |सावधानी= | |
| |मानचित्र लिंक= | |
| |संबंधित लेख= [[जम्मू]], [[कश्मीर]], [[शिव|भगवान शिव]], [[हिमालय पर्वत]], [[शिवलिंग]] | |
| |शीर्षक 1=जनश्रुति | |
| |पाठ 1=जनश्रुति प्रचलित है कि इसी गुफा में माता पार्वती को [[शिव|भगवान शिव]] ने अमरकथा सुनाई थी, जिसे सुनकर सद्योजात शुक – शिशु शुकदेव ऋषि के रूप में अमर हो गए।<ref> पवित्र अमरनाथ मन्दिर और और पौराणिक कहानियाँ (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) चिंतन। अभिगमन तिथि: 21 दिसंबर, 2010।</ref> | |
| |शीर्षक 2= | | |शीर्षक 2= |
| |पाठ 2= | | |पाठ 2= |
| |अन्य जानकारी=[[अमरनाथ|बाबा अमरनाथ]] दर्शन का महत्त्व पुराणों में भी मिलता है। पुराणनुसार काशी में लिंग दर्शन और पूजन से दस गुना, [[प्रयाग]] से सौ गुना और [[नैमिषारण्य]] से हज़ार गुना पुण्य देने वाले श्री अमरनाथ के दर्शन है। | | |अन्य जानकारी=पौराणिक गाथाओं के अनुसार भागीरथी गंगा की उस शाखा को कहते हैं जो [[गढ़वाल]] [[उत्तराखंड]] में [[गंगोत्री]] से निकलकर देवप्रयाग में [[अलकनंदा]] में मिल जाती है व गंगा का नाम प्राप्त करती है। |
| |बाहरी कड़ियाँ= | | |बाहरी कड़ियाँ= |
| |अद्यतन={{अद्यतन|13:12, 19 अगस्त 2016 (IST)}} | | |अद्यतन= |
| }} | | }} |