"पहेली 16 सितम्बर 2016": अवतरणों में अंतर
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{[[सिंधु घाटी सभ्यता|सिंधु घाटी]] के व्यापारिक केंद्रों और [[मेसोपोटामिया]] के बीच प्रमुख व्यापारिक बंदरगाह कौन-सा था? | {[[सिंधु घाटी सभ्यता|सिंधु घाटी]] के व्यापारिक केंद्रों और [[मेसोपोटामिया]] के बीच प्रमुख व्यापारिक बंदरगाह कौन-सा था? | ||
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-[[ओमान]] | -[[ओमान]] | ||
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-[[अफ़ग़ानिस्तान]] | -[[अफ़ग़ानिस्तान]] | ||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||[[चित्र:Mohenjodaro-Sindh.jpg|right|border|100px|सिन्ध में हड़प्पा संस्कृति के अवशेष]]'सिंधु घाटी सभ्यता' विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक थी। यह [[हड़प्पा सभ्यता]] और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है। जबकि [[मेसोपोटामिया]] प्राचीन सभ्यता से जुड़ा एक महत्त्वपूर्ण इलाक़ा है। यह एक कांस्य युगीन सभ्यता थी। यह इलाक़ा दजला और फ़रात नदियों के बीच के क्षेत्र में पड़ता है। मेसोपोटामिया और [[सिंधु घाटी सभ्यता]] के बीच व्यापारिक सम्बन्धों के विषय में अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर यह ज्ञात होता है कि दिलमुन से [[सोना]], [[चाँदी]], लाजवर्द, माणिक्य के मनके, हाथीदांत की कंघी, पशु-पक्षी, [[आभूषण]] आदि आयात किया जाता था। मेसोपोटामिया में प्रवेश हेतु ‘उर‘ उक महत्त्वपूर्ण बन्दरगाह था। दिलमुन की पहचान [[फ़ारस की खाड़ी]] के [[बहरीन|बहरीन द्वीप]] से की जाती है। दिलमुन सैंधव व्यापारिक केन्द्रों तथा मेसोपोटामिया के साथ व्यापार का मध्यस्थ बंदरगाह था। [[भारत]] में [[लोथल]] से [[फ़ारस]] की मुहरें प्राप्त हुई हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मेसोपोटामिया]], [[सिंधु घाटी सभ्यता]] | ||[[चित्र:Mohenjodaro-Sindh.jpg|right|border|100px|सिन्ध में हड़प्पा संस्कृति के अवशेष]]'सिंधु घाटी सभ्यता' विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक थी। यह [[हड़प्पा सभ्यता]] और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है। जबकि [[मेसोपोटामिया]] प्राचीन सभ्यता से जुड़ा एक महत्त्वपूर्ण इलाक़ा है। यह एक कांस्य युगीन सभ्यता थी। यह इलाक़ा दजला और फ़रात नदियों के बीच के क्षेत्र में पड़ता है। मेसोपोटामिया और [[सिंधु घाटी सभ्यता]] के बीच व्यापारिक सम्बन्धों के विषय में अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर यह ज्ञात होता है कि दिलमुन से [[सोना]], [[चाँदी]], लाजवर्द, माणिक्य के मनके, हाथीदांत की कंघी, पशु-पक्षी, [[आभूषण]] आदि आयात किया जाता था। मेसोपोटामिया में प्रवेश हेतु ‘उर‘ उक महत्त्वपूर्ण बन्दरगाह था। दिलमुन की पहचान [[फ़ारस की खाड़ी]] के [[बहरीन|बहरीन द्वीप]] से की जाती है। दिलमुन सैंधव व्यापारिक केन्द्रों तथा मेसोपोटामिया के साथ व्यापार का मध्यस्थ बंदरगाह था। [[भारत]] में [[लोथल]] से [[फ़ारस]] की मुहरें प्राप्त हुई हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मेसोपोटामिया]], [[सिंधु घाटी सभ्यता]] | ||
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09:44, 10 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
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