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-[[हरगोबिन्द खुराना]]
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||[[चित्र:Jagdish-Chandra-Bose.jpg|right|100px|border|जगदीश चंद्र बोस]]'जगदीश चंद्र बोस' प्रसिद्ध भौतिकविद तथा पादपक्रिया वैज्ञानिक थे। उन्होंने कई महान ग्रंथ भी लिखे, जैसे- 'सजीव तथा निर्जीव की अभिक्रियाएँ' ([[1902]]), 'वनस्पतियों की अभिक्रिया' ([[1906]]), 'पौधों की प्रेरक यांत्रिकी' ([[1926]]) इत्यादि। [[1917]] में [[जगदीश चंद्र बोस]] को "नाइट" की उपाधि प्रदान की गई थी तथा वे शीघ्र ही भौतिक तथा जीव विज्ञान के लिए 'रॉयल सोसायटी लंदन' के फैलो चुन लिए गए थे। बोस ने ही [[सूर्य]] से आने वाले विद्युत चुम्बकीय विकिरण के अस्तित्व का सुझाव दिया था, जिसकी पुष्टि [[1944]] में हुई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जगदीश चंद्र बोस]]
||[[चित्र:Jagdish-Chandra-Bose.jpg|right|100px|border|जगदीश चंद्र बोस]]'जगदीश चंद्र बोस' प्रसिद्ध भौतिकविद तथा पादपक्रिया वैज्ञानिक थे। उन्होंने कई महान् ग्रंथ भी लिखे, जैसे- 'सजीव तथा निर्जीव की अभिक्रियाएँ' ([[1902]]), 'वनस्पतियों की अभिक्रिया' ([[1906]]), 'पौधों की प्रेरक यांत्रिकी' ([[1926]]) इत्यादि। [[1917]] में [[जगदीश चंद्र बोस]] को "नाइट" की उपाधि प्रदान की गई थी तथा वे शीघ्र ही भौतिक तथा जीव विज्ञान के लिए 'रॉयल सोसायटी लंदन' के फैलो चुन लिए गए थे। बोस ने ही [[सूर्य]] से आने वाले विद्युत चुम्बकीय विकिरण के अस्तित्व का सुझाव दिया था, जिसकी पुष्टि [[1944]] में हुई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जगदीश चंद्र बोस]]
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