|
|
पंक्ति 1: |
पंक्ति 1: |
| {{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
| |
| |चित्र=Blankimage.png
| |
| |चित्र का नाम=
| |
| |पूरा नाम=कुँवर चन्द्र प्रकाश सिंह
| |
| |अन्य नाम=
| |
| |जन्म=[[1910]] ई.
| |
| |जन्म भूमि=[[सीतापुर]], [[उत्तर प्रदेश]]
| |
| |मृत्यु=
| |
| |मृत्यु स्थान=
| |
| |अभिभावक=
| |
| |पति/पत्नी=
| |
| |संतान=
| |
| |गुरु=
| |
| |कर्म भूमि=
| |
| |कर्म-क्षेत्र=
| |
| |मुख्य रचनाएँ='कवि कुल-गुरु', 'कविवर नरोत्तम दास', 'आचार्य', 'आचार्य' आदि।
| |
| |विषय=
| |
| |खोज=
| |
| |भाषा=[[हिन्दी]], [[गुजराती भाषा|गुजराती]]
| |
| |शिक्षा= एम.ए. तथा डी.सिट.
| |
| |विद्यालय=
| |
| |पुरस्कार-उपाधि=
| |
| |प्रसिद्धि=लेखक, शिक्षाशास्त्री
| |
| |विशेष योगदान=
| |
| |नागरिकता=भारतीय
| |
| |संबंधित लेख=[[आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]], [[सीतापुर]], [[उत्तर प्रदेश]], [[साहित्य]]
| |
| |शीर्षक 1=
| |
| |पाठ 1=
| |
| |शीर्षक 2=
| |
| |पाठ 2=
| |
| |शीर्षक 3=
| |
| |पाठ 3=
| |
| |शीर्षक 4=
| |
| |पाठ 4=
| |
| |शीर्षक 5=
| |
| |पाठ 5=
| |
| |अन्य जानकारी=कुँवर साहब का [[साहित्य]] सर्जक व्यक्तित्व [[काव्य]] और [[नाटक]] रचना के क्षेत्र में विकसित हुआ है।
| |
| |बाहरी कड़ियाँ=
| |
| |अद्यतन=
| |
| }}
| |
|
| |
|
| '''कुँवर चन्द्र प्रकाश सिंह''' (जन्म- [[1910]] ई. [[सीतापुर]], [[उत्तर प्रदेश]]) साहित्यकार थे। चन्द्र प्रकाश जोधपुर विश्वविद्यालय में [[1965]]-[[1969|69]] ई. के [[हिन्दी]] विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं। कुँवर साहब की शोध प्रतिभा उनकी हिन्दी और [[गुजराती भाषा|गुजराती]] के मध्यकालीन तथा नाट्य साहित्य के अनुशीलन में मुखरित हुई है। सन [[1968]] से [[1970]] तक भारतीय हिन्दी परिषद के सभापति रहे हैं।
| |
| === परिचय ===
| |
| कुँवर चन्द्र प्रकाश सिंह का जन्म [[शरद पूर्णिमा]], [[1910]] ई. को [[सीतापुर]], [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था। चन्द्र प्रकाश जी की प्रारम्भिक शिक्षा [[सीतापुर]] तथा उच्च शिक्षा क्रमश: [[लखनऊ]], [[काशी]] और [[नागपुर]] विश्वविद्यालयों में हुई। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से एम.ए.<ref>हिन्दी</ref>तथा डी.सिट. की उपाधियाँ प्राप्त की हैं। चन्द्र प्रकाश ने अपने विद्यार्थी जीवन के प्रारम्भ में ही प्रसिद्ध समालोचना पंडित कृष्ण बिहारी मिश्र के सम्पर्क में आये, तदनंतर बाबू श्याम सुन्दर दास, [[आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]] और पंडित नंद दुलारे वाजपेयी के विशेष सम्पर्क में रहने के कारण उनमें उनमें [[साहित्य]] के अध्ययन और अनुशीलन के प्रति विशेष अनुराग उत्पन्न हो गया।
| |
| === कार्यकाल ===
| |
| चन्द्र प्रकाश क्रमश: युवराजदत्त पोस्टग्रेजूएट कालेज सखीमपुर खीरी<ref>1943-48ई.</ref>, बड़ौदा विश्वविद्यालय<ref>1958-1965 ई.</ref>, और जोधपुर विश्वविद्यालय <ref>1965-65 ई.</ref>के [[हिन्दी]] विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं। इन्होंने मगध विश्वविद्यालय [[गया]]<ref>बिहार</ref>में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष पद पर कार्य करके अवकाश प्राप्त कर चुके हैं।
| |
| ===रचनाएँ===
| |
| कुँवर साहब की शोध प्रतिभा उनकी हिन्दी और गुजराती के मध्यकालीन तथा नाट्य साहित्य के अनुशीलन में मुखरित हुई है। उनकी शोध कृतियाँ इस प्रकार हैं-
| |
| *हिन्दी नाट्य साहित्य और रंगमंच की मीमांसा<ref>दो खण्ड</ref>
| |
| *मध्यकालीन हिन्दी नाट्य परम्परा
| |
| *भारतेन्दु
| |
| *गोविन्द दुलारा नाटक
| |
| *अक्षय रस
| |
| *काव्य प्रभाकर रुक्मिणीहरण
| |
| *भुज कच्छ की ब्रजभाषा पाठशाला
| |
| *श्रवस्थान
| |
| *शोध साधना
| |
| *शिवहत दौलत बाग विलास
| |
| *हिन्दी नाट्य साहित्य का समीक्षात्मक इतिहास।
| |
|
| |
| इन शोध कृतियों के अतिरिक्त उनके द्वारा सम्पादित [[ग्रंथ|ग्रंथों]] नें में 'पंडित कृष्ण बिहारी मित्र ग्रंथावली' भी महत्त्वपूर्ण है। वे 1968 से 1970 तक भारतीय हिन्दी परिषद के सभापति रहे हैं।
| |
| === काव्य शैली ===
| |
| कुँवर साहब का [[साहित्य]] सर्जक व्यक्तित्व [[काव्य]] और [[नाटक]] रचना के क्षेत्र में विकसित हुआ है। उनकी प्रमुख काव्य कृतियाँ इस प्रकार है-
| |
|
| |
| (1) शपा<ref>राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक काव्य संग्रह</ref><br />
| |
| (2) मेषमाला<ref>गीत संग्रह</ref>, 'प्रतिपदा', 'अपराजिता', और 'विजया' <ref>प्रबन्धकाव्य</ref>।
| |
| ==== नाट्य कृतियाँ ====
| |
| *कवि कुल-गुरु
| |
| *जनकवि जगनिक
| |
| *कविवर नरोत्तम दास
| |
| *पाँच एकांकी
| |
| *आचार्य
| |
| *अग्नि परीक्षा
| |
| *तुलसीदास
| |
|
| |
| {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
| |
| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
| |
| <references/>
| |
| ==बाहरी कड़ियाँ==
| |
| ==संबंधित लेख==
| |
| {{साहित्यकार}}
| |
| __INDEX__
| |
| __NOTOC__
| |
|
| |
|
| |
|
| |
|
| |
| === परिचय ===
| |
| शिबू सोरेन का जन्म [[11 जनवरी]], [[1944]] को नामरा गाँव [[हजारीबाग]], [[बिहार]] में हुआ था। इनकी स्कूली शिक्षा भी यहीं हुई। स्कूली शिक्षा समाप्त करने के बाद ही उनका [[विवाह]] हो गया और उन्होंने [[पिता]] को खेती के काम में मदद करने का निर्णय लिया।
| |
| === राजनैतिक जीवन===
| |
| शिबू के राजनैतिक जीवन की शुरुआत [[1970]] में हुई। उन्होंने [[23 जनवरी]], [[1975]] को उन्होंने तथाकथित रूप से जामताड़ा जिले के चिरूडीह गाँव में "बाहरी" लोगों<ref>आदिवासी जिन्हें "दिकू" नाम से बुलाते हैं</ref> को खदेड़ने के लिये एक हिंसक भीड़ का नेतृत्व किया था। इस घटना में 11 लोग मारे गये थे। उन्हें 68 अन्य लोगों के साथ हत्या का अभियुक्त बनाया गया।
| |
|
| |
| शिबू पहली बार 1977 में लोकसभा के लिये चुनाव में खड़े हुये लेकिन उन्हें पराजय का मुँह देखना पड़ा। उनका यह सपना [[1986]] में पूरा हुआ। इसके बाद क्रमश: [[1986]], [[1989]], [[1991]], [[1996]] में भी चुनाव जीते। [[2002]] वे भाजपा की सहायता से राज्यसभा के लिये चुने गये। [[2004]] में वे दुमका से लोकसभा के लिये चुने गये और राज्यसभा की सीट से त्यागपत्र दे दिया।
| |
|
| |
| सन [[2005]] में झारखंड [[विधानसभा]] चुनावों के पश्चात वे विवादस्पद तरीक़े से झारखंड के [[मुख्यमंत्री]] बने, परंतु बहुमत साबित न कर सकने के कारण कुछ दिन पश्चात ही उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा।
| |
| ==संबंधित लेख==
| |
| {{दसवीं लोकसभा सांसद}}
| |
| {{ग्यारहवीं लोकसभा सांसद}}
| |
| {{तेरहवीं लोकसभा सांसद}}
| |
| {{पंद्रहवीं लोकसभा सांसद}}
| |
| {{नौवीं लोकसभा सांसद}}
| |
| {{सातवीं लोकसभा सांसद}}
| |
| [[Category:राजनीति_कोश]]
| |
| [[Category:लोकसभा]]
| |
| {{लोकसभा सांसद}}
| |
| [[Category:लोकसभा_सांसद]]
| |
| [[Category:सातवीं लोकसभा सांसद]]
| |
| [[Category:नौवीं लोकसभा सांसद]]
| |
| [[Category:दसवीं लोकसभा सांसद]]
| |
| [[Category:ग्यारहवीं लोकसभा सांसद]]
| |
| [[Category:तेरहवीं लोकसभा सांसद]]
| |
| [[Category:पंद्रहवीं लोकसभा सांसद]]
| |
| [[Category:झारखण्ड के लोकसभा सांसद]]
| |
| __INDEX__
| |