"शरत चन्द्र बोस": अवतरणों में अंतर
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शरत चंद्र ने सी.आर. दास के निर्देशन में अपने कैरियर की शुरुआत की तथा कलकत्ता निगम के कार्यों में वर्षो तक चर्चित रहे। अहिंसा में विश्वास रखने के बावजूद शरत चंद्र का क्रांतिकारियों के प्रति सहानुभूति का दृष्टिकोण था। वे [[काँग्रेस]] कार्यकारी समिति के सदस्य थे तथा बंगाल [[विधान सभा]] में काँग्रेस संसदीय पार्टी के नेता थे। वे [[अगस्त]] [[1946]] में केंद्र की अंतरिम सरकार में शामिल हुए। शरत ने बंगाल विभाजन का विरोध किया था। वे [[बंगाल]] को [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] का अलग एक स्वाधीन राज्य बनाना चाहते थे। किंतु इसमें असफल रहे। | शरत चंद्र ने सी.आर. दास के निर्देशन में अपने कैरियर की शुरुआत की तथा कलकत्ता निगम के कार्यों में वर्षो तक चर्चित रहे। अहिंसा में विश्वास रखने के बावजूद शरत चंद्र का क्रांतिकारियों के प्रति सहानुभूति का दृष्टिकोण था। वे [[काँग्रेस]] कार्यकारी समिति के सदस्य थे तथा बंगाल [[विधान सभा]] में काँग्रेस संसदीय पार्टी के नेता थे। वे [[अगस्त]] [[1946]] में केंद्र की अंतरिम सरकार में शामिल हुए। शरत ने बंगाल विभाजन का विरोध किया था। वे [[बंगाल]] को [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] का अलग एक स्वाधीन राज्य बनाना चाहते थे। किंतु वे इसमें असफल रहे। | ||
==मृत्यु== | ==मृत्यु== | ||
शरत चन्द्र का निधन [[20 फ़रवरी]], [[1950]] को हो गया। | शरत चन्द्र का निधन [[20 फ़रवरी]], [[1950]] को हो गया। |
10:49, 19 फ़रवरी 2017 का अवतरण
शरत चन्द्र बोस
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पूरा नाम | शरत चन्द्र बोस |
जन्म | 7 सितम्बर, 1889 |
जन्म भूमि | कलकत्ता |
मृत्यु | 20 फ़रवरी, 1950 |
अभिभावक | पिता - जानकी नाथ बोस |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | स्वतंत्रता सेनानी |
संबंधित लेख | सुभाष चंद्र बोस |
अन्य जानकारी | शरत चन्द्र बोस काँग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य थे तथा बंगाल विधान सभा में काँग्रेस संसदीय पार्टी के नेता थे। |
अद्यतन | 04:31, 19 फ़रवरी-2017 (IST) |
शरत चन्द्र बोस (अंग्रेज़ी: Sarat Chandra Bose, जन्म- 7 सितम्बर, 1889, कलकत्ता; मृत्यु- 20 फ़रवरी, 1950) बैरिस्टर और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। ये जानकी नाथ बोस के बेटे और सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई थे। शरत चन्द्र बोस काँग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य थे तथा बंगाल विधान सभा में काँग्रेस संसदीय पार्टी के नेता थे।[1]
जन्म एवं परिचय
शरत चन्द्र बोस का जन्म 7 सितम्बर, 1889 में कलकत्ता में हुआ। उनके पिता जानकी नाथ बोस उड़ीसा में कटक के एक प्रमुख अधिवक्ता थे। शरत चन्द्र बोस सुभाष चन्द्र बोस के बड़े भाई थे दोनों भाई एक-दूसरे के प्रति अत्यन्त समर्पित थे।
शिक्षा
शरत चन्द्र की शिक्षा-दीक्षा कटक तथा कलकत्ता में सम्पन्न हुई। उन्होंने इंग्लैण्ड से कानून में शिक्षा प्राप्त की तथा घर वापिस लौट कर उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट से अपनी वकालत शुरू कर दी। शरत की वकालत दिन पर दिन फलने-फूलने लगी।
राजनैतिक जीवन
शरत चंद्र ने सी.आर. दास के निर्देशन में अपने कैरियर की शुरुआत की तथा कलकत्ता निगम के कार्यों में वर्षो तक चर्चित रहे। अहिंसा में विश्वास रखने के बावजूद शरत चंद्र का क्रांतिकारियों के प्रति सहानुभूति का दृष्टिकोण था। वे काँग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य थे तथा बंगाल विधान सभा में काँग्रेस संसदीय पार्टी के नेता थे। वे अगस्त 1946 में केंद्र की अंतरिम सरकार में शामिल हुए। शरत ने बंगाल विभाजन का विरोध किया था। वे बंगाल को भारत और पाकिस्तान का अलग एक स्वाधीन राज्य बनाना चाहते थे। किंतु वे इसमें असफल रहे।
मृत्यु
शरत चन्द्र का निधन 20 फ़रवरी, 1950 को हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ शरत चन्द्र बोस (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 19 फरवरी, 2017।
संबंधित लेख
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