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||[[चित्र:Thakur-Jagmohan-Singh.jpg|100px|right|border|ठाकुर जगमोहन सिंह]]' प्रसिद्ध साहित्यकार थे। उनका नाम '[[भारतेन्दु युग]]' के सहृदय साहित्य सेवियों में आता है। [[ठाकुर जगमोहन सिंह]] [[मध्य प्रदेश]] स्थित विजयराघवगढ़ के राजकुमार और अपने समय के बहुत बड़े विद्यानुरागी थे। आप [[हिन्दी]] के अतिरिक्त [[संस्कृत साहित्य]] के भी अच्छे ज्ञाता थे। इनके समस्त कृतित्व पर संस्कृत अध्ययन की व्यापक छाप है। जगमोहन सिंह जी ने [[ब्रजभाषा]] के [[कवित्त]] और [[सवैया]] छन्दों में [[कालिदास]] कृत '[[मेघदूत]]' का बहुत सुन्दर अनुवाद भी किया है। उनकी काव्य भाषा परिमार्जित ब्रजभाषा थी। सरस | ||[[चित्र:Thakur-Jagmohan-Singh.jpg|100px|right|border|ठाकुर जगमोहन सिंह]]' प्रसिद्ध साहित्यकार थे। उनका नाम '[[भारतेन्दु युग]]' के सहृदय साहित्य सेवियों में आता है। [[ठाकुर जगमोहन सिंह]] [[मध्य प्रदेश]] स्थित विजयराघवगढ़ के राजकुमार और अपने समय के बहुत बड़े विद्यानुरागी थे। आप [[हिन्दी]] के अतिरिक्त [[संस्कृत साहित्य]] के भी अच्छे ज्ञाता थे। इनके समस्त कृतित्व पर संस्कृत अध्ययन की व्यापक छाप है। जगमोहन सिंह जी ने [[ब्रजभाषा]] के [[कवित्त]] और [[सवैया]] छन्दों में [[कालिदास]] कृत '[[मेघदूत]]' का बहुत सुन्दर अनुवाद भी किया है। उनकी काव्य भाषा परिमार्जित ब्रजभाषा थी। सरस श्रृंगारी भावभूमि को लेकर कवित्त-सवैया की रचना करने में आप बहुत निपुण थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ठाकुर जगमोहन सिंह]] | ||
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07:55, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
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