"तारा": अवतरणों में अंतर

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# [[तारा (बृहस्पति की पत्नी)]]- बृहस्पति की पत्नी तारा
*रात्रि में [[आकाश]] में कई पिण्ड चमकते रहते हैं, इनमें से अधिकतर पिण्ड हमेशा पूरब की दिशा से उठते हैं और एक निश्चित गति प्राप्त करते हैं और पश्चिम की दिशा में अस्त होते हैं। इन पिण्डों का आपस में एक दूसरे के सापेक्ष भी कोई परिवर्तन नहीं होता है। इन पिण्डों को तारा कहा गया है। 
# [[तारा (बालि की पत्नी)]]- बालि की पत्नी तारा
 
# [[तारा (आकाशीय पिण्ड)]]- जैसे- सूर्य एक तारा है।
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# [[तारा (देवी स्वरूप)]]- देवी के अठ्ठारह स्वरूपों में से एक।
 
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12:47, 26 मई 2011 का अवतरण

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  • रात्रि में आकाश में कई पिण्ड चमकते रहते हैं, इनमें से अधिकतर पिण्ड हमेशा पूरब की दिशा से उठते हैं और एक निश्चित गति प्राप्त करते हैं और पश्चिम की दिशा में अस्त होते हैं। इन पिण्डों का आपस में एक दूसरे के सापेक्ष भी कोई परिवर्तन नहीं होता है। इन पिण्डों को तारा कहा गया है।


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