"प्रियप्रवास तृतीय सर्ग": अवतरणों में अंतर
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शरण है गहता नरनाथ की। | शरण है गहता नरनाथ की। | ||
यदि निपीड़न भूपति ही करे। | यदि निपीड़न भूपति ही करे। | ||
जगत् में फिर रक्षक कौन है?॥67॥ | |||
गगन में उड़ जा सकती नहीं। | गगन में उड़ जा सकती नहीं। |
13:54, 30 जून 2017 का अवतरण
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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