"नर्गिस का परिचय": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "हीरोइन" to "हिरोइन") |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
'''नर्गिस''' हिन्दी सिनेमा की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। उन्होंने बाल कलाकार के रूप में ही अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। यह मशहूर अभिनेता [[सुनील दत्त]] की पत्नी तथा संजय दत्त की माता थी। उन्होंने [[विवाह]] के पश्चात् फ़िल्मी दुनिया से दूरी बना ली। | '''नर्गिस''' हिन्दी सिनेमा की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। उन्होंने बाल कलाकार के रूप में ही अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। यह मशहूर अभिनेता [[सुनील दत्त]] की पत्नी तथा संजय दत्त की माता थी। उन्होंने [[विवाह]] के पश्चात् फ़िल्मी दुनिया से दूरी बना ली। | ||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
[[नर्गिस]] का जन्म फ़ातिमा अब्दुल रशीद के रूप में [[1 जून]], [[1929]] को [[कलकत्ता]] में हुआ था। हालांकि उनके जन्मस्थान को लेकर विवाद है, कुछ लोग उनका जन्म [[इलाहबाद]] में होना मानते है। नर्गिस के पिता उत्तमचंद मूलचंद, रावलपिंडी से ताल्लुक रखने वाले समृद्ध [[हिन्दू]] थे एवं माता जद्दनबाई, एक हिंदुस्तानी क्लासिकल गायिका थीं। उनके दो भाई, अख्तर व अनवर हुसैन थे। नर्गिस की माता [[भारतीय सिनेमा]] से सक्रियता से जुड़ी हुई थीं। वह गायक, नर्तक, निर्देशक, संगीतकार और अभिनेत्री के रूप में एक हरफनमौला थीं। उनकी प्रिय पुत्री नर्गिस ने भारतीय फ़िल्मों में बहुत कम उम्र (6 वर्ष) में प्रवेश कर लिया था। उनकी पदार्पण फ़िल्म थी तलाश-ए-हक़ जो 1935 में रिलीज हुई थी। इसी फ़िल्म से उनका नाम बेबी नर्गिस पड़ा था। चौदह वर्ष की उम्र में निर्देशक महबूब ख़ान की फ़िल्म 'तक़दीर' में मोतीलाल की | [[नर्गिस]] का जन्म फ़ातिमा अब्दुल रशीद के रूप में [[1 जून]], [[1929]] को [[कलकत्ता]] में हुआ था। हालांकि उनके जन्मस्थान को लेकर विवाद है, कुछ लोग उनका जन्म [[इलाहबाद]] में होना मानते है। नर्गिस के पिता उत्तमचंद मूलचंद, रावलपिंडी से ताल्लुक रखने वाले समृद्ध [[हिन्दू]] थे एवं माता जद्दनबाई, एक हिंदुस्तानी क्लासिकल गायिका थीं। उनके दो भाई, अख्तर व अनवर हुसैन थे। नर्गिस की माता [[भारतीय सिनेमा]] से सक्रियता से जुड़ी हुई थीं। वह गायक, नर्तक, निर्देशक, संगीतकार और अभिनेत्री के रूप में एक हरफनमौला थीं। उनकी प्रिय पुत्री नर्गिस ने भारतीय फ़िल्मों में बहुत कम उम्र (6 वर्ष) में प्रवेश कर लिया था। उनकी पदार्पण फ़िल्म थी तलाश-ए-हक़ जो 1935 में रिलीज हुई थी। इसी फ़िल्म से उनका नाम बेबी नर्गिस पड़ा था। चौदह वर्ष की उम्र में निर्देशक महबूब ख़ान की फ़िल्म 'तक़दीर' में मोतीलाल की हिरोइन के तौर पर उनका पहला ऑडीशन हुआ था। | ||
====विवाह==== | ====विवाह==== | ||
मदर इंडिया में राधा की भूमिका के लिए नर्गिस को फ़िल्म फेयर सहित कई पुरस्कार मिले। इसी फ़िल्म में शूटिंग के दौरान अभिनेता [[सुनील दत्त]] ने आग से उनकी जान बचाई थी और बाद में दोनों परिणय सूत्र में बँध गए। शादी के बाद नर्गिस ने अभिनय से नाता तोड़ लिया और लाजवंती, अदालत, यादें, रात और दिन जैसी कुछेक फ़िल्मों में ही अभिनय किया। | मदर इंडिया में राधा की भूमिका के लिए नर्गिस को फ़िल्म फेयर सहित कई पुरस्कार मिले। इसी फ़िल्म में शूटिंग के दौरान अभिनेता [[सुनील दत्त]] ने आग से उनकी जान बचाई थी और बाद में दोनों परिणय सूत्र में बँध गए। शादी के बाद नर्गिस ने अभिनय से नाता तोड़ लिया और लाजवंती, अदालत, यादें, रात और दिन जैसी कुछेक फ़िल्मों में ही अभिनय किया। |
07:21, 4 जनवरी 2018 के समय का अवतरण
नर्गिस का परिचय
| |
पूरा नाम | फ़ातिमा रशीद |
प्रसिद्ध नाम | नर्गिस |
जन्म | 1 जून, 1929 |
जन्म भूमि | कलकत्ता, पश्चिम बंगाल |
मृत्यु | 3 मई, 1981 |
मृत्यु स्थान | मुम्बई, महाराष्ट्र |
अभिभावक | उत्तमचन्द मोहनचन्द और जद्दनबाई |
पति/पत्नी | सुनील दत्त |
संतान | संजय दत्त, नम्रता दत्त, प्रिया दत्त |
कर्म भूमि | मुम्बई |
कर्म-क्षेत्र | अभिनेत्री |
मुख्य फ़िल्में | मदर इंडिया, आवारा, श्री 420, बरसात, अंदाज, लाजवंती, जोगन परदेशी, रात और दिन |
पुरस्कार-उपाधि | पद्मश्री, राष्ट्रीय पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (रात और दिन) |
प्रसिद्धि | फ़िल्म 'मदर इंडिया' में राधा की भूमिका |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | अभिनय से अलग होने के बाद नर्गिस सामाजिक कार्यो में संलग्न रहीं और पति सुनील दत्त के साथ अजंता आर्ट्स कल्चरल ट्रूप की स्थापना की। |
नर्गिस हिन्दी सिनेमा की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। उन्होंने बाल कलाकार के रूप में ही अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। यह मशहूर अभिनेता सुनील दत्त की पत्नी तथा संजय दत्त की माता थी। उन्होंने विवाह के पश्चात् फ़िल्मी दुनिया से दूरी बना ली।
परिचय
नर्गिस का जन्म फ़ातिमा अब्दुल रशीद के रूप में 1 जून, 1929 को कलकत्ता में हुआ था। हालांकि उनके जन्मस्थान को लेकर विवाद है, कुछ लोग उनका जन्म इलाहबाद में होना मानते है। नर्गिस के पिता उत्तमचंद मूलचंद, रावलपिंडी से ताल्लुक रखने वाले समृद्ध हिन्दू थे एवं माता जद्दनबाई, एक हिंदुस्तानी क्लासिकल गायिका थीं। उनके दो भाई, अख्तर व अनवर हुसैन थे। नर्गिस की माता भारतीय सिनेमा से सक्रियता से जुड़ी हुई थीं। वह गायक, नर्तक, निर्देशक, संगीतकार और अभिनेत्री के रूप में एक हरफनमौला थीं। उनकी प्रिय पुत्री नर्गिस ने भारतीय फ़िल्मों में बहुत कम उम्र (6 वर्ष) में प्रवेश कर लिया था। उनकी पदार्पण फ़िल्म थी तलाश-ए-हक़ जो 1935 में रिलीज हुई थी। इसी फ़िल्म से उनका नाम बेबी नर्गिस पड़ा था। चौदह वर्ष की उम्र में निर्देशक महबूब ख़ान की फ़िल्म 'तक़दीर' में मोतीलाल की हिरोइन के तौर पर उनका पहला ऑडीशन हुआ था।
विवाह
मदर इंडिया में राधा की भूमिका के लिए नर्गिस को फ़िल्म फेयर सहित कई पुरस्कार मिले। इसी फ़िल्म में शूटिंग के दौरान अभिनेता सुनील दत्त ने आग से उनकी जान बचाई थी और बाद में दोनों परिणय सूत्र में बँध गए। शादी के बाद नर्गिस ने अभिनय से नाता तोड़ लिया और लाजवंती, अदालत, यादें, रात और दिन जैसी कुछेक फ़िल्मों में ही अभिनय किया।
मृत्यु
अभिनय से अलग होने के बाद नर्गिस सामाजिक कार्य में जुट गईं। नर्गिस ने पति सुनील दत्त के साथ अजंता आर्ट्स कल्चरल ट्रूप की स्थापना की। यह दल सीमाओं पर जाकर जवानों के मनोरंजन के लिए स्टेज शो करता था। इसके अलावा वे स्पास्टिक सोसाइटी से भी जुड़ी रहीं। बाद में नर्गिस को राज्यसभा के लिए भी नामित किया गया, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं। इसी कार्यकाल के दौरान वे गंभीर रूप से बीमार हो गईं और 3 मई 1981 को कैंसर के कारण उनकी मौत हो गई।
नर्गिस दत्त मेमोरियल कैंसर फाउंडेशन
नर्गिस की याद में 1982 में नर्गिस दत्त मेमोरियल कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की गई। इस प्रकार निधन के बाद भी नर्गिस लोगों के दिल में बसी हुई हैं।
|
|
|
|
|