"अवतार": अवतरणों में अंतर

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*[[कूर्म अवतार]] [[वैशाख]] की [[पूर्णिमा]] में हुआ था।  
*[[कूर्म अवतार]] [[वैशाख]] की [[पूर्णिमा]] में हुआ था।  
*[[वराह अवतार]] [[भाद्रपद]] में शुक्ल पक्ष की तृतीया में हुआ था।
*[[वराह अवतार]] [[भाद्रपद]] में शुक्ल पक्ष की तृतीया में हुआ था।
*[[नरसिंह अवतार]] वैशाख में शुक्ल पक्ष की [[चतुर्दशी]] में हुआ था।   
*[[नृसिंह अवतार|नरसिंह अवतार]] वैशाख में शुक्ल पक्ष की [[चतुर्दशी]] में हुआ था।   
*[[वामन अवतार]] भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की [[द्वादशी]] में हुआ था।
*[[वामन अवतार]] भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की [[द्वादशी]] में हुआ था।
*[[परशुराम अवतार]] वैशाख में शुक्ल पक्ष की तृतीया में हुआ था।  
*[[परशुराम अवतार]] वैशाख में शुक्ल पक्ष की तृतीया में हुआ था।  

11:56, 7 सितम्बर 2010 का अवतरण

देवताओं के प्रकट होने की तिथियों को अवतार कहते हैं। इन्हें जयन्ती भी कहते हैं। [1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. निर्ण्यसिन्धु (81-82), कृत्यसारसमुच्चय
  2. वराहपुराण (48|20-22), कृत्यकल्पतरु(व्रतखण्ड 333, हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1049)।