"पहेली 14 फ़रवरी 2018": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Barindra-ghose.jpg|right|100px|border|बारीन्द्र कुमार घोष]]'बारीन्द्र कुमार घोष' [[भारत]] के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी तथा पत्रकार थे। उनको 'बारिन घोष' के नाम से भी जाना जाता है। वे अध्यात्मवादी [[अरविंद घोष]] के छोटे भाई थे। [[बंगाल]] में क्रांतिकारी विचारधारा को फैलाने का श्रेय [[बारीन्द्र कुमार घोष]] और [[भूपेन्द्रनाथ दत्त]] को जाता है। बारीन्द्र कुमार घोष ने [[1905]] में क्रांति से सम्बंधित 'भवानी मंदिर' नामक पहली किताब लिखी थी। इसमें '[[आनंद मठ]]' का भाव था और क्रांतिकारियों को सन्देश दिया गया था कि वह स्वाधीनता पाने तक संन्न्यासी का जीवन बिताएं। अपने उद्देश्यों की | ||[[चित्र:Barindra-ghose.jpg|right|100px|border|बारीन्द्र कुमार घोष]]'बारीन्द्र कुमार घोष' [[भारत]] के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी तथा पत्रकार थे। उनको 'बारिन घोष' के नाम से भी जाना जाता है। वे अध्यात्मवादी [[अरविंद घोष]] के छोटे भाई थे। [[बंगाल]] में क्रांतिकारी विचारधारा को फैलाने का श्रेय [[बारीन्द्र कुमार घोष]] और [[भूपेन्द्रनाथ दत्त]] को जाता है। बारीन्द्र कुमार घोष ने [[1905]] में क्रांति से सम्बंधित 'भवानी मंदिर' नामक पहली किताब लिखी थी। इसमें '[[आनंद मठ]]' का भाव था और क्रांतिकारियों को सन्देश दिया गया था कि वह स्वाधीनता पाने तक संन्न्यासी का जीवन बिताएं। अपने उद्देश्यों की पूर्ति हेतु [[1906]] में बारीन्द्र कुमार ने भूपेन्द्रनाथ दत्त के साथ मिलकर 'युगांतर' नामक साप्ताहिक पत्र [[बांग्ला भाषा]] में प्रकाशित करना शुरू किया और क्रांति के प्रचार में इस पत्र का सर्वाधिक योगदान रहा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बारीन्द्र कुमार घोष]] | ||
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05:58, 14 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण
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