"पहेली 14 जून 2018": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Major-Dhyan-Chand-1.jpg|right|100px|border|ध्यान चन्द]]'ध्यान चन्द' भारतीय [[हॉकी]] खिलाड़ी थे, जिनकी गिनती श्रेष्ठतम कालजयी खिलाड़ियों में होती है। मानना होगा कि हॉकी के खेल में [[ध्यान चन्द]] ने लोकप्रियता का जो कीर्त्तिमान स्थापित किया, उसके आसपास भी आज तक दुनिया का कोई खिलाड़ी नहीं पहुँच सका। मेजर ध्यान चन्द रात में भी बहुत अभ्यास करते थे, इसलिए उन्हें उनके साथी खिलाड़ियों द्वारा उपनाम 'चांद' दिया गया। दरअसल, उनका यह अभ्यास चांद के निकल आने पर शुरू होता था। ध्यान चन्द को [[फ़ुटबॉल]] में पेले और [[क्रिकेट]] में ब्रैडमैन के समतुल्य माना जाता है। गेंद इस क़दर उनकी स्टिक से चिपकी रहती थी कि प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को अक्सर आशंका होती कि वह जादुई स्टिक से खेल रहे हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ध्यान चन्द]] | ||[[चित्र:Major-Dhyan-Chand-1.jpg|right|100px|border|ध्यान चन्द]]'ध्यान चन्द' भारतीय [[हॉकी]] खिलाड़ी थे, जिनकी गिनती श्रेष्ठतम कालजयी खिलाड़ियों में होती है। मानना होगा कि हॉकी के खेल में [[ध्यान चन्द]] ने लोकप्रियता का जो कीर्त्तिमान स्थापित किया, उसके आसपास भी आज तक दुनिया का कोई खिलाड़ी नहीं पहुँच सका। मेजर ध्यान चन्द रात में भी बहुत अभ्यास करते थे, इसलिए उन्हें उनके साथी खिलाड़ियों द्वारा उपनाम 'चांद' दिया गया। दरअसल, उनका यह अभ्यास चांद के निकल आने पर शुरू होता था। ध्यान चन्द को [[फ़ुटबॉल]] में पेले और [[क्रिकेट]] में ब्रैडमैन के समतुल्य माना जाता है। गेंद इस क़दर उनकी स्टिक से चिपकी रहती थी कि प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को अक्सर आशंका होती कि वह जादुई स्टिक से खेल रहे हैं। [[1979]] में दादा ध्यानचंद की कोमा में जाने के बाद मौत हुई, लेकिन जब तक वे होश में रहे, भारतीय हॉकी के प्रति चिंतित रहे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ध्यान चन्द]] | ||
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07:37, 15 जून 2018 के समय का अवतरण
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