"शरावती नदी": अवतरणों में अंतर

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*'[[अमरकोश]]'<ref>अमरकोश 1,10,34</ref> में शरावती नामोलेख है- ‘शरावती वेत्रवती चान्द्रभगं सरस्वती’।  
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*[[महाभारत]], [[भीष्मपर्व महाभारत|भीष्मपर्व]]<ref>भीष्मपर्व  9,20</ref> में इसका पग्रोप्णी ([[ताप्ती नदी|ताप्ती]]), वेणा (पेन गंगा), भीमरथी ([[भीमा नदी|भीमा]]) और [[कावेरी नदी|कावेरी]] के साथ वर्णन है- ‘शरावती सयोप्णीं च वेणां भीमरथीमपि, कावेरी चुलुकां दापि वाणी शतबलाभपि’।  
*शरावती का झरना जोग प्रपात या जेरुसोप्पा शिसोगा से 62 मील दूर है। इस जगप्रसिद्ध झरने की ऊंचाई 830 फुट है।  
*शरावती का झरना जोग प्रपात या जेरुसोप्पा शिसोगा से 62 मील दूर है। इस जगप्रसिद्ध झरने की ऊंचाई 830 फुट है।




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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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12:19, 30 मई 2018 के समय का अवतरण

शरावती गुजरात राज्य की साबरमती नदी का ही प्राचीन नाम है।[1]

  • शरावती नदी ज़िला शिभोगा में स्थित अबंतीर्थ नामक स्थान से निस्सृत हुई है।
  • कहा जाता है कि यह सरिता श्रीराम के बाण मारने से प्रकट हुई थी।
  • प्रसिद्ध जोग प्रपात इसी नदी में है।
  • 'अमरकोश'[2] में शरावती नामोलेख है- ‘शरावती वेत्रवती चान्द्रभगं सरस्वती’।
  • महाभारत, भीष्मपर्व[3] में इसका पग्रोप्णी (ताप्ती), वेणा (पेन गंगा), भीमरथी (भीमा) और कावेरी के साथ वर्णन है- ‘शरावती सयोप्णीं च वेणां भीमरथीमपि, कावेरी चुलुकां दापि वाणी शतबलाभपि’।
  • शरावती का झरना जोग प्रपात या जेरुसोप्पा शिसोगा से 62 मील दूर है। इस जगप्रसिद्ध झरने की ऊंचाई 830 फुट है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 558, परिशिष्ट 'क' |
  2. अमरकोश 1,10,34
  3. भीष्मपर्व 9,20

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