"ध्वनि": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
|||
पंक्ति 10: | पंक्ति 10: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
[[Category: | [[Category:भौतिक विज्ञान]] | ||
[[Category:विज्ञान कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
11:50, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण
(अंग्रेज़ी:Sound) ध्वनि तरंगें अनुदैर्घ्य तरंगें होती हैं। इसकी उत्पति वस्तुओं में कम्पन होने से होती है, लेकिन सब प्रकार का कम्पन ध्वनि उत्पन्न नहीं करता। जिन तरंगों की आवृति लगभग 20 कम्पन प्राति सेकेण्ड से 20,000 कम्पन प्राति सेकेण्ड के बीच होती है, उनकी अनुभूति हमें अपने कानों द्वारा होती है उसके लिए हमारे कान सुग्राही नहीं हैं और हमें उनसे ध्वनि की अनुभूति नहीं होती है। अतः ध्वनिओ शब्द का प्रयोग केवल उन्हीं तरंगों के लिए किया जाता है, जिनकी अनुभूति हमें अपने कानों द्वारा होती है। भिन्न-भिन्न मनुष्यों के लिए ध्वनि तरंगों की आवृत्ति परिसर अलग-अलग हो सकते है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ