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'''पी. आर. कृष्ण कुमार''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''P. R. Krishna Kumar'', जन्म- [[23 सितंबर]], [[1951]]; मृत्यु- [[16 सितंबर]], [[2020]]) प्रसिद्ध भारतीय आयुर्वेदाचार्य थे। वह 'आर्य वैद्य फार्मेसी' के प्रबंध निदेशक तथा ‘अविनाशीलिंगम इंस्टीट्यूट फॉर होम साइंस एडं हायर एजुकेशन फॉर वीमन’ के कुलाधिपति थे। [[आयुर्वेद]] में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए [[भारत सरकार]] ने उन्हें '[[पद्मश्री]]' से भी सम्मानित किया था। | {{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व | ||
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|पुरस्कार-उपाधि='[[पद्मश्री]]' ([[2009]]), धनवंतरि पुरस्कार | |||
|प्रसिद्धि=आयुर्वेदाचार्य | |||
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}}'''पी. आर. कृष्ण कुमार''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''P. R. Krishna Kumar'', जन्म- [[23 सितंबर]], [[1951]]; मृत्यु- [[16 सितंबर]], [[2020]]) प्रसिद्ध भारतीय आयुर्वेदाचार्य थे। वह 'आर्य वैद्य फार्मेसी' के प्रबंध निदेशक तथा ‘अविनाशीलिंगम इंस्टीट्यूट फॉर होम साइंस एडं हायर एजुकेशन फॉर वीमन’ के कुलाधिपति थे। [[आयुर्वेद]] में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए [[भारत सरकार]] ने उन्हें '[[पद्मश्री]]' से भी सम्मानित किया था। | |||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
पी. आर. कृष्ण कुमार का जन्म 23 सितंबर, 1951 को [[केरल]] के शोरानूर में हुआ था। वह आर्य वैद्य फार्मेसी के संस्थापक पी. वी. राम वारियर के पुत्र थे। पी. आर. कृष्ण कुमार ने नैदानिक, साहित्यिक, क्षेत्र एवं दवा शोध के लिए तथा आयुर्वेदिक विद्वानों को प्रशिक्षित करने के लिए 'एवीपी रिसर्च फाउंडेशन' (एवीपीआरएफ) नाम से एक संस्थान की स्थापना की। इस संस्थान ने आयुर्वेद के क्षेत्र में अभ्यास-आधारित साक्ष्य को बढ़ावा देने के लिए [[2003]] में आरयूडीआरए नैदानिक दस्तावेजीकरण कार्यक्रम शुरू किया था।<ref>{{cite web |url= https://www.prabhasakshi.com/national/ayurveda-expert-p-r-krishnakumar-passes-away|title=आयुर्वेद विशेषज्ञ कृष्ण कुमार का निधन, PM मोदी ने शोक व्यक्त किया|accessmonthday=18 सितंबर|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=prabhasakshi.com |language=हिंदी}}</ref> | पी. आर. कृष्ण कुमार का जन्म 23 सितंबर, 1951 को [[केरल]] के शोरानूर में हुआ था। वह आर्य वैद्य फार्मेसी के संस्थापक पी. वी. राम वारियर के पुत्र थे। पी. आर. कृष्ण कुमार ने नैदानिक, साहित्यिक, क्षेत्र एवं दवा शोध के लिए तथा आयुर्वेदिक विद्वानों को प्रशिक्षित करने के लिए 'एवीपी रिसर्च फाउंडेशन' (एवीपीआरएफ) नाम से एक संस्थान की स्थापना की। इस संस्थान ने आयुर्वेद के क्षेत्र में अभ्यास-आधारित साक्ष्य को बढ़ावा देने के लिए [[2003]] में आरयूडीआरए नैदानिक दस्तावेजीकरण कार्यक्रम शुरू किया था।<ref>{{cite web |url= https://www.prabhasakshi.com/national/ayurveda-expert-p-r-krishnakumar-passes-away|title=आयुर्वेद विशेषज्ञ कृष्ण कुमार का निधन, PM मोदी ने शोक व्यक्त किया|accessmonthday=18 सितंबर|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=prabhasakshi.com |language=हिंदी}}</ref> |
09:35, 18 सितम्बर 2020 का अवतरण
पी. आर. कृष्ण कुमार
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पूरा नाम | पी. आर. कृष्ण कुमार |
जन्म | 23 सितंबर, 1951 |
जन्म भूमि | पलक्कड, केरल |
मृत्यु | 16 सितंबर, 2020 |
मृत्यु स्थान | कोयम्बटूर, तमिलनाडु |
अभिभावक | पिता- पी. वी. राम वारियर |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | आयुर्वेद |
पुरस्कार-उपाधि | 'पद्मश्री' (2009), धनवंतरि पुरस्कार |
प्रसिद्धि | आयुर्वेदाचार्य |
नागरिकता | भारतीय |
पी. आर. कृष्ण कुमार (अंग्रेज़ी: P. R. Krishna Kumar, जन्म- 23 सितंबर, 1951; मृत्यु- 16 सितंबर, 2020) प्रसिद्ध भारतीय आयुर्वेदाचार्य थे। वह 'आर्य वैद्य फार्मेसी' के प्रबंध निदेशक तथा ‘अविनाशीलिंगम इंस्टीट्यूट फॉर होम साइंस एडं हायर एजुकेशन फॉर वीमन’ के कुलाधिपति थे। आयुर्वेद में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 'पद्मश्री' से भी सम्मानित किया था।
परिचय
पी. आर. कृष्ण कुमार का जन्म 23 सितंबर, 1951 को केरल के शोरानूर में हुआ था। वह आर्य वैद्य फार्मेसी के संस्थापक पी. वी. राम वारियर के पुत्र थे। पी. आर. कृष्ण कुमार ने नैदानिक, साहित्यिक, क्षेत्र एवं दवा शोध के लिए तथा आयुर्वेदिक विद्वानों को प्रशिक्षित करने के लिए 'एवीपी रिसर्च फाउंडेशन' (एवीपीआरएफ) नाम से एक संस्थान की स्थापना की। इस संस्थान ने आयुर्वेद के क्षेत्र में अभ्यास-आधारित साक्ष्य को बढ़ावा देने के लिए 2003 में आरयूडीआरए नैदानिक दस्तावेजीकरण कार्यक्रम शुरू किया था।[1]
सम्मान
कृष्ण कुमार को आयुर्वेद के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2009 में 'पद्मश्री' से सम्मानित किया गया था।
निधन
पी. आर. कृष्ण कुमार का निधन 16 सितंबर, 2020 को हुआ। एक निजी अस्पताल में उनका कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा था। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वह 29 अगस्त से ही अस्पताल मेें भर्ती थे। उन्हें ब्लड प्रेशर, हृदय रोग संबंधी समस्या भी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "पी. आर. कृष्ण कुमार के सतत, उद्यमी और मिशन मोड के प्रयासों ने आयुर्वेद को दुनिया में प्रसिद्धि दिलाने में योगदान दिया है। वह बेहद विनम्र और ज्ञानी व्यक्ति थे। उनके निधन से शोकाकुल हूं। उनके परिवार के प्रति संवेदना। ओम शांति।" पीएम मोदी ने कृष्ण कुमार के साथ एक तस्वीर भी साझा की।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ आयुर्वेद विशेषज्ञ कृष्ण कुमार का निधन, PM मोदी ने शोक व्यक्त किया (हिंदी) prabhasakshi.com। अभिगमन तिथि: 18 सितंबर, 2020।
बाहरी कड़ियाँ
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