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([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Magnet) लगभग 600 ई.पू. [[एशिया]] माइनर के '[[मैगनीशिया]]' नामक स्थान में कुछ ऐसे पत्थर पाये गये, जिनमें [[लोहा|लोहे]] के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करने के गुण मौजूद थे। ये पर्थर लोहे के एक [[ऑक्साइड]] '[[मैगनेटाइट]]' ( <math>Fe_3 O_4</math>) के थे। चूंकि ये पत्थर मैगनीशिया नामक पर पाये गये, इसलिए इन्हें 'मैगनेट' कहा जाने लगा। मैगनेट को [[हिन्दी]] में 'चुम्बक' कहते है। इसके द्वारा लोहे के टुकड़ेओं को अपनी ओर आकर्षित करने के गुण को [[चुम्बकत्व]] कहते है। चुम्बकों को यदि स्वतंत्रापूर्वक लटका दिया जाये तो सादैव उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर संकेतित होते है। प्रकृति में स्वतंत्र रूप से पाये जाने वाले चुम्बकों की आकर्षण शक्ति बहुत कम होती है तथा उनकी कोई निश्चित आकृति नहीं होती। आजकल चुम्बक कृत्रिम विधियों से बनाये जाते हैं तथा ये चुम्बक मुख्यतः कोहे, इस्पात आदि धातुओं के बने होते हैं। इनकी आकर्षण शक्ति अधिक होती है। इन्हें कृत्रिम चुम्बक कहते है।
([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Magnet) लगभग 600 ई.पू. [[एशिया]] माइनर के '[[मैगनीशिया]]' नामक स्थान में कुछ ऐसे पत्थर पाये गये, जिनमें [[लोहा|लोहे]] के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करने के गुण मौजूद थे। ये पर्थर लोहे के एक [[ऑक्साइड]] '[[मैगनेटाइट]]' ( <math>Fe_3 O_4</math>) के थे। चूंकि ये पत्थर मैगनीशिया नामक पर पाये गये, इसलिए इन्हें 'मैगनेट' कहा जाने लगा। मैगनेट को [[हिन्दी]] में 'चुम्बक' कहते है। इसके द्वारा लोहे के टुकड़ेओं को अपनी ओर आकर्षित करने के गुण को [[चुम्बकत्व]] कहते है। चुम्बकों को यदि स्वतंत्रापूर्वक लटका दिया जाये तो सादैव उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर संकेतित होते है। प्रकृति में स्वतंत्र रूप से पाये जाने वाले चुम्बकों की आकर्षण शक्ति बहुत कम होती है तथा उनकी कोई निश्चित आकृति नहीं होती। आजकल चुम्बक कृत्रिम विधियों से बनाये जाते हैं तथा ये चुम्बक मुख्यतः कोहे, इस्पात आदि धातुओं के बने होते हैं। इनकी आकर्षण शक्ति अधिक होती है। इन्हें कृत्रिम चुम्बक कहते है।


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12:04, 10 जनवरी 2011 का अवतरण

(अंग्रेज़ी:Magnet) लगभग 600 ई.पू. एशिया माइनर के 'मैगनीशिया' नामक स्थान में कुछ ऐसे पत्थर पाये गये, जिनमें लोहे के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करने के गुण मौजूद थे। ये पर्थर लोहे के एक ऑक्साइड 'मैगनेटाइट' ( पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): Fe_{3}O_{4} ) के थे। चूंकि ये पत्थर मैगनीशिया नामक पर पाये गये, इसलिए इन्हें 'मैगनेट' कहा जाने लगा। मैगनेट को हिन्दी में 'चुम्बक' कहते है। इसके द्वारा लोहे के टुकड़ेओं को अपनी ओर आकर्षित करने के गुण को चुम्बकत्व कहते है। चुम्बकों को यदि स्वतंत्रापूर्वक लटका दिया जाये तो सादैव उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर संकेतित होते है। प्रकृति में स्वतंत्र रूप से पाये जाने वाले चुम्बकों की आकर्षण शक्ति बहुत कम होती है तथा उनकी कोई निश्चित आकृति नहीं होती। आजकल चुम्बक कृत्रिम विधियों से बनाये जाते हैं तथा ये चुम्बक मुख्यतः कोहे, इस्पात आदि धातुओं के बने होते हैं। इनकी आकर्षण शक्ति अधिक होती है। इन्हें कृत्रिम चुम्बक कहते है।


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