"छत्रपति शिवाजी महाराज": अवतरणों में अंतर

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==छत्रपति शिवाजी / Chatrapati Shivaji==
'''छत्रपति शिवाजी / Chatrapati Shivaji'''<br />
 
छत्रपति शिवाजी राजे भोंसले (1630-1680) ने 1674 में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष [[औरंगज़ेब]] के मुग़ल साम्राज्य से संघर्ष किया। शाहजी भोंसले की पहली पत्नी [[जीजाबाई]] ने शिवाजी को 16 अप्रैल, 1630 को [[शिवनेरी]] के दुर्ग में जन्म दिया। शिवनेरी का दुर्ग [[पूना]] (पुणे) से उत्तर की तरफ़ जुन्नार नगर के पास था । उनका बचपन बहुत उपेक्षित रहा और वे सौतेली माँ के कारण बहुत दिनों तक पिता के संरक्षण से वंचित रहे। उनके पिता शूरवीर थे और अपनी दूसरी पत्नी तुकाबाई मोहिते पर आकर्षित थे। जीजाबाई उच्च कुल में उत्पन्न प्रतिभाशाली होते हुए भी तिरस्कृत जीवन जी रही थीं । जीजाबाई यादव वंश से थीं। उनके पिता एक शक्तिशाली और प्रभावशाली सामन्त थे। शिवाजी पर माता-पिता तथा उनके संरक्षक, दादोजी कोंडदेव का विशेष प्रभाव पड़ा। बचपन से ही वे उस वातावरण और घटनाओं को समझने लगे थे। शासक वर्ग की हरकतों पर वे बेचैन हो जाते थे। उनके हृदय में स्वाधीनता की लौ जलती थी। उन्होंने कुछ स्वामिभक्त साथियों को संगठित किया। धीरे धीरे उनका विदेशी शासन की बेड़ियाँ तोड़ने का संकल्प प्रबल होता गया। शिवाजी का विवाह साइबाईं निम्बालकर के साथ सन् 1641 में बंगलौर में हुआ था। उनके गुरु और संरक्षक कोणदेव की 1647 में मृत्यु हो गई। इसके बाद शिवाजी ने स्वतंत्र रहने का निर्णय लिया।
छत्रपति शिवाजी राजे भोंसले (1630-1680) ने 1674 में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष [[औरंगज़ेब]] के मुग़ल साम्राज्य से संघर्ष किया। शाहजी भोंसले की पहली पत्नी [[जीजाबाई]] ने शिवाजी को 16 अप्रैल, 1630 को [[शिवनेरी]] के दुर्ग में जन्म दिया। शिवनेरी का दुर्ग [[पूना]] (पुणे) से उत्तर की तरफ़ जुन्नार नगर के पास था । उनका बचपन बहुत उपेक्षित रहा और वे सौतेली माँ के कारण बहुत दिनों तक पिता के संरक्षण से वंचित रहे। उनके पिता शूरवीर थे और अपनी दूसरी पत्नी तुकाबाई मोहिते पर आकर्षित थे। जीजाबाई उच्च कुल में उत्पन्न प्रतिभाशाली होते हुए भी तिरस्कृत जीवन जी रही थीं । जीजाबाई यादव वंश से थीं। उनके पिता एक शक्तिशाली और प्रभावशाली सामन्त थे। शिवाजी पर माता-पिता तथा उनके संरक्षक, दादोजी कोंडदेव का विशेष प्रभाव पड़ा। बचपन से ही वे उस वातावरण और घटनाओं को समझने लगे थे। शासक वर्ग की हरकतों पर वे बेचैन हो जाते थे। उनके हृदय में स्वाधीनता की लौ जलती थी। उन्होंने कुछ स्वामिभक्त साथियों को संगठित किया। धीरे धीरे उनका विदेशी शासन की बेड़ियाँ तोड़ने का संकल्प प्रबल होता गया। शिवाजी का विवाह साइबाईं निम्बालकर के साथ सन् 1641 में बंगलौर में हुआ था। उनके गुरु और संरक्षक कोणदेव की 1647 में मृत्यु हो गई। इसके बाद शिवाजी ने स्वतंत्र रहने का निर्णय लिया।


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19:13, 18 अप्रैल 2010 का अवतरण

छत्रपति शिवाजी / Chatrapati Shivaji

छत्रपति शिवाजी राजे भोंसले (1630-1680) ने 1674 में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुग़ल साम्राज्य से संघर्ष किया। शाहजी भोंसले की पहली पत्नी जीजाबाई ने शिवाजी को 16 अप्रैल, 1630 को शिवनेरी के दुर्ग में जन्म दिया। शिवनेरी का दुर्ग पूना (पुणे) से उत्तर की तरफ़ जुन्नार नगर के पास था । उनका बचपन बहुत उपेक्षित रहा और वे सौतेली माँ के कारण बहुत दिनों तक पिता के संरक्षण से वंचित रहे। उनके पिता शूरवीर थे और अपनी दूसरी पत्नी तुकाबाई मोहिते पर आकर्षित थे। जीजाबाई उच्च कुल में उत्पन्न प्रतिभाशाली होते हुए भी तिरस्कृत जीवन जी रही थीं । जीजाबाई यादव वंश से थीं। उनके पिता एक शक्तिशाली और प्रभावशाली सामन्त थे। शिवाजी पर माता-पिता तथा उनके संरक्षक, दादोजी कोंडदेव का विशेष प्रभाव पड़ा। बचपन से ही वे उस वातावरण और घटनाओं को समझने लगे थे। शासक वर्ग की हरकतों पर वे बेचैन हो जाते थे। उनके हृदय में स्वाधीनता की लौ जलती थी। उन्होंने कुछ स्वामिभक्त साथियों को संगठित किया। धीरे धीरे उनका विदेशी शासन की बेड़ियाँ तोड़ने का संकल्प प्रबल होता गया। शिवाजी का विवाह साइबाईं निम्बालकर के साथ सन् 1641 में बंगलौर में हुआ था। उनके गुरु और संरक्षक कोणदेव की 1647 में मृत्यु हो गई। इसके बाद शिवाजी ने स्वतंत्र रहने का निर्णय लिया।