"वानप्रस्थ संस्कार": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
*<u>[[हिन्दू धर्म संस्कार|हिन्दू धर्म संस्कारों]]में वानप्रस्थ संस्कार चर्तुदश संस्कार है।</u> | *<u>[[हिन्दू धर्म संस्कार|हिन्दू धर्म संस्कारों]]में वानप्रस्थ संस्कार चर्तुदश संस्कार है।</u> | ||
*पुत्र का पुत्र अर्थात् पौत्र का मुख देख लेने के | *पुत्र का पुत्र अर्थात् पौत्र का मुख देख लेने के पश्चात पितृ-ऋण चुक जाता है। | ||
*यदि घर छोड़ने की सम्भावना न हो तो घर का दायित्व ज्येष्ठ पुत्र को सौंपकर अपने जीवन को आध्यात्मिक जीवन में परिवर्तित कर लेना चाहिये। | *यदि घर छोड़ने की सम्भावना न हो तो घर का दायित्व ज्येष्ठ पुत्र को सौंपकर अपने जीवन को आध्यात्मिक जीवन में परिवर्तित कर लेना चाहिये। | ||
*स्वाध्याय, मनन, सत्संग, ध्यान, ज्ञान, भक्ति तथा योगदिक साधना के द्वारा अपने जीवन स्तर को ऊँचा उठाना चाहिये। इससे संन्यास धर्म के लिये योग्यता भी आ जाती है। | *स्वाध्याय, मनन, सत्संग, ध्यान, ज्ञान, भक्ति तथा योगदिक साधना के द्वारा अपने जीवन स्तर को ऊँचा उठाना चाहिये। इससे संन्यास धर्म के लिये योग्यता भी आ जाती है। | ||
{{लेख प्रगति | |||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{हिन्दू धर्म संस्कार}} | {{हिन्दू धर्म संस्कार}} | ||
__INDEX__[[Category:हिन्दू_संस्कार]] | __INDEX__[[Category:हिन्दू_संस्कार]] | ||
[[Category:हिन्दू_धर्म_कोश]] | [[Category:हिन्दू_धर्म_कोश]] |
05:41, 2 नवम्बर 2010 का अवतरण
- हिन्दू धर्म संस्कारोंमें वानप्रस्थ संस्कार चर्तुदश संस्कार है।
- पुत्र का पुत्र अर्थात् पौत्र का मुख देख लेने के पश्चात पितृ-ऋण चुक जाता है।
- यदि घर छोड़ने की सम्भावना न हो तो घर का दायित्व ज्येष्ठ पुत्र को सौंपकर अपने जीवन को आध्यात्मिक जीवन में परिवर्तित कर लेना चाहिये।
- स्वाध्याय, मनन, सत्संग, ध्यान, ज्ञान, भक्ति तथा योगदिक साधना के द्वारा अपने जीवन स्तर को ऊँचा उठाना चाहिये। इससे संन्यास धर्म के लिये योग्यता भी आ जाती है।
|
|
|
|
|