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'''डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Gyan Chaturvedi'', जन्म- [[2 अगस्त]], [[1952]]) भारतीय चिकित्सक हैं। एक चिकित्सक (हृदय रोग विशेषज्ञ) होने के साथ-साथ वह जाने-माने व्यंग्यकार भी हैं। ज्ञान चतुर्वेदी [[भोपाल]], [[मध्य प्रदेश]] में संचालित एक अस्पताल में हृदय विशेषज्ञ हैं। साल [[2002]] में वह अपने [[उपन्यास]] 'बारामासी' के लिए यू.के. कथा सम्मान से सम्मानित किये गये थे। डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी को [[2004]] में [[राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान]] से भी नवाजा गया था। | {{सूचना बक्सा साहित्यकार | ||
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}}'''डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Gyan Chaturvedi'', जन्म- [[2 अगस्त]], [[1952]]) भारतीय चिकित्सक हैं। एक चिकित्सक (हृदय रोग विशेषज्ञ) होने के साथ-साथ वह जाने-माने व्यंग्यकार भी हैं। ज्ञान चतुर्वेदी [[भोपाल]], [[मध्य प्रदेश]] में संचालित एक अस्पताल में हृदय विशेषज्ञ हैं। साल [[2002]] में वह अपने [[उपन्यास]] 'बारामासी' के लिए यू.के. कथा सम्मान से सम्मानित किये गये थे। डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी को [[2004]] में [[राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान]] से भी नवाजा गया था। | |||
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10:19, 12 अक्टूबर 2022 का अवतरण
ज्ञान चतुर्वेदी
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पूरा नाम | डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी |
जन्म | 2 अगस्त, 1952 |
जन्म भूमि | मऊरानीपुर (झाँसी) उत्तर प्रदेश |
पति/पत्नी | शशि चतुर्वेदी |
संतान | पुत्री- नेहा पुत्र- दुष्यन्त |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | चिकित्सा व लेखन |
मुख्य रचनाएँ | ‘प्रेत कथा’, ‘दंगे में मुर्गा’, ‘मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाएँ’, ‘बिसात बिछी हैं’, ‘खामोश ! नंगे हमाम में हैं’, ‘प्रत्यंचा’, ‘बाराखड़ी’ आदि। |
पुरस्कार-उपाधि | राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान, 2004 |
प्रसिद्धि | हृदय रोग विशेषज्ञ व व्यंग्यकार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी ने लेखन की शुरुआत सत्तर के दशक से ‘धर्मयुग’ से की। प्रथम उपन्यास ‘नरक-यात्रा’ अत्यन्त चर्चित रहा, जो भारतीय चिकित्सा-शिक्षा और व्यवस्था पर था। |
अद्यतन | 15:49, 12 अक्टूबर 2022 (IST)
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इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी (अंग्रेज़ी: Gyan Chaturvedi, जन्म- 2 अगस्त, 1952) भारतीय चिकित्सक हैं। एक चिकित्सक (हृदय रोग विशेषज्ञ) होने के साथ-साथ वह जाने-माने व्यंग्यकार भी हैं। ज्ञान चतुर्वेदी भोपाल, मध्य प्रदेश में संचालित एक अस्पताल में हृदय विशेषज्ञ हैं। साल 2002 में वह अपने उपन्यास 'बारामासी' के लिए यू.के. कथा सम्मान से सम्मानित किये गये थे। डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी को 2004 में राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान से भी नवाजा गया था।
परिचय
मऊरानीपुर (झाँसी) उत्तर प्रदेश में 2 अगस्त, 1952 को जन्मे डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी की मध्य प्रदेश में ख्यात हृदयरोग विशेषज्ञ की तरह विशिष्ट पहचान है। चिकित्सा शिक्षा के दौरान उन्होंने सभी विषयों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र का गौरव हासिल किया। भारत सरकार के एक संस्थान (बी.एच.ई.एल.) के चिकित्सालय में कोई तीन दशक से ऊपर सेवाएँ देने के पश्चात् हाल ही में डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी ने शीर्ष पद से सेवानिवृत्ति ले ली।
डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी की पत्नी का नाम शशि चतुर्वेदी है जो भारत सरकार के चिकित्सा-संस्थान में स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं। पुत्री नेहा डॉक्टर हैं तथा बेटा दुष्यन्त इंजीनियर है।
लेखन
डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी ने लेखन की शुरुआत सत्तर के दशक से ‘धर्मयुग’ से की। प्रथम उपन्यास ‘नरक-यात्रा’ अत्यन्त चर्चित रहा, जो भारतीय चिकित्सा-शिक्षा और व्यवस्था पर था। इसके पश्चात् ‘बारामासी’ तथा ‘मरीचिका’ जैसे उपन्यास आए और ‘हम न मरब’ उनकी ताजा औपन्यासिक कृति रही। दस वर्षों से ‘इंडिया टुडे’ तथा ‘नया ज्ञानोदय’ में उनके नियमित स्तम्भ आते रहे। इसके अतिरिक्त राजस्थान पत्रिका और ‘लोकमत समाचार’ दैनिकों में भी व्यंग्य स्तम्भ लिखा।
व्यंग्य रचनाएँ
डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी के अभी तक तकरीबन हजार व्यंग्य रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। उनकी व्यंग्य रचनाओं में शामिल हैं-
- ‘प्रेत कथा’
- ‘दंगे में मुर्गा’
- ‘मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाएँ’
- ‘बिसात बिछी हैं’
- ‘खामोश ! नंगे हमाम में हैं’
- ‘प्रत्यंचा’
- ‘बाराखड़ी’
उन्होंने शरद जोशी के ‘प्रतिदिन’ के प्रथम खंड का अंजनी चौहान के साथ सम्पादन किया।
पुरस्कार व सम्मान
- राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान, मध्य प्रदेश सरकार।
- दिल्ली अकादमी का व्यंग्य लेखन के लिए दिया जाने वाला प्रतिष्ठित दिल्ली ‘अकादमी सम्मान’।
- अन्तर्राष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा-सम्मान (लन्दन)।
- चकल्लस पुरस्कार।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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