"कृष्ण पक्ष": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 19: | पंक्ति 19: | ||
[[Category:काल_गणना]] | [[Category:काल_गणना]] | ||
[[Category:कैलंडर]] | [[Category:कैलंडर]] | ||
[[Category: | [[Category:पौराणिक कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
14:15, 18 सितम्बर 2010 का अवतरण
- एक चन्द्र मास को 30 तिथियों में बांटा गया है।
- एक चन्द्र मास को दो चरण में भी बांटा गया है, जिसके एक भाग को हम पक्ष कहते हैं-
- शुक्ल पक्ष
- कृष्ण पक्ष
- पूर्णिमा और अमावस्या के मध्य के चरण को हम कृष्ण पक्ष कहते हैं।
- इन दोनों पक्षो की अपनी अलग आध्यात्मिक विशेषता होती है.
- जिस कार्यकलाप को कृष्ण पक्ष में बढ़ाना नहीं चाहते उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए जैसे- सर्जरी आदि.
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ