"दक्षिणायण": अवतरणों में अंतर
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*इस काल में षोड़श कर्म और अन्य मांगलिक कर्मों के आतिरिक्त अन्य कर्म ही मान्य है। | *इस काल में षोड़श कर्म और अन्य मांगलिक कर्मों के आतिरिक्त अन्य कर्म ही मान्य है। | ||
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*[http://www.futuresamachar.com/fs/hindi/201004/avrankatha8.asp एक सही तिथिपत्रक का गणितीय आधार] | |||
*[http://www.dharm.co.cc/2010/02/blog-post_10.html हिन्दू काल गणना] | |||
==संबंधित लेख== | |||
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06:47, 19 सितम्बर 2010 का अवतरण
- दक्षिणायण में सूर्य कर्क से धनु राशि में भ्रमण करते हैं।
- दक्षिणायण देवताओं की रात्रि माना जाता है।
- दक्षिणायन का समय देवताओं की रात्रि माना जाता है।
- जब सूर्य कर्क राशि अर्थात 21-22 जून से ले कर छ: माह तक अर्थात धनु राशि तक रहता है , तब तक दक्षिणायन कहलाता है। इसे 'याम्य अयन' भी कहते है
- दक्षिणायन में वर्षा , शरद और हेमंत आदि ऋतु होती है।
- इस काल में सूर्य पितरों का अधिपति माना जाता है।
- इस काल में षोड़श कर्म और अन्य मांगलिक कर्मों के आतिरिक्त अन्य कर्म ही मान्य है।
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